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फिल्म वीरप्‍पन: एक डॉक्‍यूमेंट्री, महिमा मंडन या लानत?

    • आईचौक
    • Updated: 29 दिसम्बर, 2015 03:40 PM
  • 29 दिसम्बर, 2015 03:40 PM
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प्रसिद्ध फिल्मकार राम गोपाल वर्मा 90 के दशक के कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन को मारने के लिए चलाए गए ऑपरेशन पर बनी फिल्म किलिंग वीरप्पन लेकर हाजिर हैं. फिल्म किलिंग वीरप्पन 1 जनवरी 2016 को रिलीज हो रही है.

एशिया के सबसे खूंखार अपराधी पर बनी फिल्म 'किलिंग वीरप्पन' का ट्रेलर लांच हो गया है. रामगोपाल वर्मा ने फिल्‍म में जान डालने के लिए जान फूंक दी है. लेकिन इसका विषय है तो विवादास्‍पद...

90 के दशक में देश के सबसे दुर्दांत अपराधियों में अगर सबसे पहले किसी का नाम आता है तो वह है चंदन तस्कर वीरप्पन का. लगभग दो दशक तक कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के बीच फैले लगभग 6 हजार किलोमीटर लंबे समय में आतंक की कभी न भुला देने वाली भयावह और खूनी दास्तां लिखने वाले इस खतरनाक तस्कर का जीवन किसी सस्पेंस और थ्रिलर से भरी फिल्म से कम नहीं रहा है. वह न सिर्फ चंदन की अवैध तस्करी करता था बल्कि हाथियों की हत्या करके उनकी खाल को भी बेचता था.

शायद यही वजह है कि राम गोपाल वर्मा किलिंग वीरप्पन नाम से फिल्म बना दी है. इस फिल्म का ट्रेलर हाल ही में जारी किया गया और यह फिल्म 1 जनवरी 2016 को रिलीज होने जा रही है. लोगों की दिलों की धड़कनें बढ़ाने और रोंगटे खड़ी कर देने वाली सस्पेंस थ्रिलर बनाने में माहिर राम गोपाल ने इस बार एक खूंखार तस्कर के जीवन पर बिल्कुल उसी अंदाज में फिल्म बनाई है. फिल्म का ट्रेलर राम गोपाल स्टाइल की झलक देता है. फिल्म की शूटिंग शुरू में कन्नड़ में की गई थी लेकिन बाद में इसकी डबिंग हिंदी, तेलुगु और तमिल में भी की गई.

राम गोपाल वर्मा की यह डॉक्यू-ड्रामा 2004 में वीरपप्न को मारने के लिए चलाए गए ऑपरेशन कोकून पर आधारित है और फिल्म में यह भी दिखाया गया है कि आखिर क्यों वीरप्पन के खौफ के इतने किस्से चर्चित थे. फिल्म के बांधे रखने वाला ट्रेलर दिखाता है कि वीरप्पन कितना खतरनाक तस्कर था. देखिए कुछ जोरदार लाइनें.

'वह एशिया के अपराध के इतिहास में सबसे खूंखार आदमी था.'

'उसने 900 हाथियों को मारा.'

'उसने 97 पुलिसवालों को मारा.'

'उसने 184 लोगों की हत्याएं कीं'.

'उसे पकड़ने में 734 करोड़ रुपये खर्च किए गए.'

'लादेन को मारने में 10 साल लगे, वीरप्पन को मारने में 20 साल लगे.'

देखें:...

एशिया के सबसे खूंखार अपराधी पर बनी फिल्म 'किलिंग वीरप्पन' का ट्रेलर लांच हो गया है. रामगोपाल वर्मा ने फिल्‍म में जान डालने के लिए जान फूंक दी है. लेकिन इसका विषय है तो विवादास्‍पद...

90 के दशक में देश के सबसे दुर्दांत अपराधियों में अगर सबसे पहले किसी का नाम आता है तो वह है चंदन तस्कर वीरप्पन का. लगभग दो दशक तक कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के बीच फैले लगभग 6 हजार किलोमीटर लंबे समय में आतंक की कभी न भुला देने वाली भयावह और खूनी दास्तां लिखने वाले इस खतरनाक तस्कर का जीवन किसी सस्पेंस और थ्रिलर से भरी फिल्म से कम नहीं रहा है. वह न सिर्फ चंदन की अवैध तस्करी करता था बल्कि हाथियों की हत्या करके उनकी खाल को भी बेचता था.

शायद यही वजह है कि राम गोपाल वर्मा किलिंग वीरप्पन नाम से फिल्म बना दी है. इस फिल्म का ट्रेलर हाल ही में जारी किया गया और यह फिल्म 1 जनवरी 2016 को रिलीज होने जा रही है. लोगों की दिलों की धड़कनें बढ़ाने और रोंगटे खड़ी कर देने वाली सस्पेंस थ्रिलर बनाने में माहिर राम गोपाल ने इस बार एक खूंखार तस्कर के जीवन पर बिल्कुल उसी अंदाज में फिल्म बनाई है. फिल्म का ट्रेलर राम गोपाल स्टाइल की झलक देता है. फिल्म की शूटिंग शुरू में कन्नड़ में की गई थी लेकिन बाद में इसकी डबिंग हिंदी, तेलुगु और तमिल में भी की गई.

राम गोपाल वर्मा की यह डॉक्यू-ड्रामा 2004 में वीरपप्न को मारने के लिए चलाए गए ऑपरेशन कोकून पर आधारित है और फिल्म में यह भी दिखाया गया है कि आखिर क्यों वीरप्पन के खौफ के इतने किस्से चर्चित थे. फिल्म के बांधे रखने वाला ट्रेलर दिखाता है कि वीरप्पन कितना खतरनाक तस्कर था. देखिए कुछ जोरदार लाइनें.

'वह एशिया के अपराध के इतिहास में सबसे खूंखार आदमी था.'

'उसने 900 हाथियों को मारा.'

'उसने 97 पुलिसवालों को मारा.'

'उसने 184 लोगों की हत्याएं कीं'.

'उसे पकड़ने में 734 करोड़ रुपये खर्च किए गए.'

'लादेन को मारने में 10 साल लगे, वीरप्पन को मारने में 20 साल लगे.'

देखें: किलिंग वीरप्पन का ट्रेलर


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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