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फिल्म 'रईस' इस डॉन की कहानी तो नहीं?

    • गोपी मनियार
    • Updated: 29 अप्रिल, 2016 03:54 PM
  • 29 अप्रिल, 2016 03:54 PM
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शाहरुख की आने वाली फिल्म 'रईस' अब मुश्किल में फंस सकती है. ये फिल्म गुजरात के डॉन रहे अब्दुल लतीफ के जीवन पर आधारित है, अब डॉन के बेटे ने पिता का नाम खराब करने का आरोप लगाते हुऐ 101 करोड़ की मानहानी का दावा ठोक दिया है.

इधर दर्शक शाहरुख खान की फिल्म रईस का बेसब्री के इंतजार कर रहे हैं, उधर खबर आ रही है कि 'रईस' अब मुश्किल में फंस सकती है. यह फिल्म गुजरात के गैंगस्टर रहे अब्दुल लतीफ के जीवन पर आधारित बताई जा रही है. लतीफ के बेटे अहमदाबाद कि एक कोर्ट में पिटीशन फाईल की है, जिसमें पिता का नाम खराब करने का आरोप लगाते हुऐ 101 करोड़ रुपए की मानहानी का दावा भी ठोका है.

मुश्ताक ने शाहरुख पर इस फिल्म के जरिए अपने पिता का नाम खराब करने का आरोप लगाया है. साथ ही फिल्म की रिलीज और प्रमोशनल मटेरियल के जारी होने पर रोक की मांग की है. उनका दावा है कि फिल्म के दूसरे हिस्से में लतीफ को गलत तरीके से पेश किया गया है. मुश्ताक का कहना है कि लतीफ को गुजरे हुए कई साल हो चुके हैं. आज उनका परिवार एक अच्छी और इज्जतदार जिंदगी जी रहा है. ऐसे में एक बार फिर उन लोगों का नाम जब लतीफ के नाम के साथ जो़ड़ा जा रहा है तो इससे उनकी परेशानियां और बढ़ रही हैं.

 अब फिल्म 'रईस' मुश्किल में फंस सकती है

मुश्ताक का कहना है कि फिल्म की स्क्रिप्ट लिखे जाते वक्त कुछ लोग उनकी फैमिली से मिलने आए थे. प्रोड्यूसर्स इस बात का प्रचार भी कर रहे हैं कि फिल्म लतीफ की जिंदगी पर आधारित है. अगर ये सच है तो इस फिल्म की कहानी का अंदाजा लतीफ को जानकर ही लगाया जा सकता है.

लतीफ के बेटे ने पिता का नाम खराब करने का आरोप लगाते हुऐ 101 करोड़ की...

इधर दर्शक शाहरुख खान की फिल्म रईस का बेसब्री के इंतजार कर रहे हैं, उधर खबर आ रही है कि 'रईस' अब मुश्किल में फंस सकती है. यह फिल्म गुजरात के गैंगस्टर रहे अब्दुल लतीफ के जीवन पर आधारित बताई जा रही है. लतीफ के बेटे अहमदाबाद कि एक कोर्ट में पिटीशन फाईल की है, जिसमें पिता का नाम खराब करने का आरोप लगाते हुऐ 101 करोड़ रुपए की मानहानी का दावा भी ठोका है.

मुश्ताक ने शाहरुख पर इस फिल्म के जरिए अपने पिता का नाम खराब करने का आरोप लगाया है. साथ ही फिल्म की रिलीज और प्रमोशनल मटेरियल के जारी होने पर रोक की मांग की है. उनका दावा है कि फिल्म के दूसरे हिस्से में लतीफ को गलत तरीके से पेश किया गया है. मुश्ताक का कहना है कि लतीफ को गुजरे हुए कई साल हो चुके हैं. आज उनका परिवार एक अच्छी और इज्जतदार जिंदगी जी रहा है. ऐसे में एक बार फिर उन लोगों का नाम जब लतीफ के नाम के साथ जो़ड़ा जा रहा है तो इससे उनकी परेशानियां और बढ़ रही हैं.

 अब फिल्म 'रईस' मुश्किल में फंस सकती है

मुश्ताक का कहना है कि फिल्म की स्क्रिप्ट लिखे जाते वक्त कुछ लोग उनकी फैमिली से मिलने आए थे. प्रोड्यूसर्स इस बात का प्रचार भी कर रहे हैं कि फिल्म लतीफ की जिंदगी पर आधारित है. अगर ये सच है तो इस फिल्म की कहानी का अंदाजा लतीफ को जानकर ही लगाया जा सकता है.

लतीफ के बेटे ने पिता का नाम खराब करने का आरोप लगाते हुऐ 101 करोड़ की मानहानी का दावा भी ठोका है.

कौन था डॉन अब्दुल लतीफ

अहमदाबाद के दरियापुर इलाके में रहने वाले अब्दुल लतीफ ने कालूपुर ओवरब्रिज के पास देशी शराब बेचने की शुरुआत कर क्राइम की दुनिया में कदम रखा था. धीरे-धीरे उसने अंग्रेजी शराब बेचनी भी शुरू कर दी. इससे अच्छी कमाई कर लेने के बाद लतीफ ने शहर के कोट इलाके में रहने वाले बदमाशों को अपनी गैंग में शामिल कर लिया. लतीफ ने हथियार सप्लाई करने वाले शरीफ खान से हाथ मिलाया और शराब के साथ-साथ हथियारों की भी तस्करी करने लगा. कुछ ही सालों में लतीफ गैंगस्टर बन चुका था, लेकिन किसी भी गैंगवार में वह खुद सामने नहीं रहा.

लतीफ ने शराब के कारोबार से रखा क्राइम की दुनिया में कदम

लतीफ ने चालाकी से कई छोटी-मोटी गैंग में फूट डलवाई और उनके साथियों को अपनी गैंग में मिला लिया. इस तरह अहमदाबाद के बाद उसका दबदबा पूरे गुजरात में फैल गया. लतीफ ने गुजरात में अवैध शराब बेचने का नेटवर्क तो इस कदर खड़ा कर लिया था कि कोई भी अवैध शराब बेचने वाला बिना उसकी मर्जी से शराब नहीं बेच सकता था. उसे शराब लतीफ से ही खरीदनी पड़ती थी.

ये भी पढ़ें- सलमान की दोस्ती ने लूटी शाहरुख की तारीख!

शहर के मुस्लिम इलाकों में लतीफ गरीबों के लिए मसीहा माना जाने लगा था, क्योंकि वह बेरोजगार युवकों को अपनी गैंग में शामिल कर लेता था. इसकी वजह से उसे पॉलिटिकल सपोर्ट भी मिलने लगा.

अहमदाबाद के कुछ मुस्लिम इलाकों में लतीफ को मसीहा माना जाता था.

बताया जाता है कि उस वक्त अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भी वडोदरा में ड्रग्स का नेटवर्क खड़ा कर चुका था. एक बार दाऊद और लतीफ के बीच गैंगवार छिड़ गई. लतीफ के गुर्गों ने दाऊद को घेर लिया था और दाऊद को वडोदरा से भागना पड़ा. लतीफ गुजरात में 40 से भी हत्याओं का आरोपी था, जबकि उतने ही किडनेपिंग केस भी उस पर थे. अब्दुल लतीफ को 1995 में दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था, जिस के बाद उसे साबरमती जेल अहमदाबाद में रखा गया. पर जेल से भी लतीफ का कारोबार चलता रहा.

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गुजरात के पहले और आखिरी अन्डरवर्ल्ड डॉन अबदुल लतीफ शेख की ताकत का अन्दाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 1986 के अहमदाबाद महानगरपालिका चुनाव में लतीफ एक साथ पांच सीटों पर भारी बहुमत से जीता था ओर वो भी साबरमती सेन्ट्रल जेल में बैठे बैठे.

 जेल में रहकर 5 सीटों से चुनाव जीता था लतीफ.

नवम्बर 1997 में अब्दुल लतीफ को गुजरात पुलिस ने एक ऐन्काउन्टर में मार गिराया. उस वक्त वह भागने की फिराक में था. लतीफ के खत्म होने के साथ ही गुजरात में उसका पूरा नेटवर्क ही खत्म हो गया.

 एन्काउंटर में मारा गया लतीफ.

अब लतीफ की जिंदगी के इन पहलुओं को देखकर क्या कहें? क्या ये फिल्म रईस की कहानी है. हालांकि इस फिल्म निर्देशक राहुल ढोलकिया इस बात से साफ इन्कार करते हैं कि ये फिल्म लतीफ की जिंदगी पर आधारित है.

अब सच्चाई तो इस ईद पर ही सामने आ जाती लेकिन शाहरुख ने फिल्म की रिलीज टाल दिया है. सलमान खान की 'सुल्तान' जो आ रही है. तब तक नजर रहेगी कोर्ट पर.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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