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Updated: 13 फरवरी, 2016 10:37 AM
पारुल चंद्रा
पारुल चंद्रा
  @parulchandraa
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सालों से कुछ दल वैलेंटाइन डे पर ही अपनी सक्रीयता दर्ज कराते आ रहे हैं. ये देश के लिए कोई काम करें न करें लेकिन प्रेमी जोड़ों पर नजर रखना, उनकी पिटाई करना, मुंह पर कालिख पोतना, डंडे चलाने जैसे काम करने में इन्हें बहुत आनंद मिलता है. और जब से लोग सोशल मीडिया पर सक्रीय रहने लगे ये लोग वहां भी पूरी शिद्दत से अपना ज्ञान बांट रहे हैं. भले ही इन्हें खुद पता हो न हो कि भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को फांसी किस दिन हुई लेकिन दुनिया को यही सिखा रहे हैं कि 14 फरवरी को भारत के इन शूरवीरों को फांसी दी गई, इसलिए हमें वैलेंनटाइन डे नहीं मनाना है. 

आसाराम का 'मातृ-पितृ पूजन दिवस':

आसाराम बापू के अंधभक्तों ने दिल्ली के मेट्रो स्टेशन को भी नहीं छोड़ा. वहां भी होर्डिंग और पोस्टर लगाए गए हैं और इस बात की समझाइश दी गई है कि 14 फरवरी को 'मातृ-पितृ पूजन दिवस' मनाएं. इनका कहना है कि बच्चों को अच्छे संस्कार दें. यहां सबसे खास बात है इनको इस बात की प्रेरणा दे रहे हैं आसाराम बापू जो खुद रेप के मामले में जेल में बंद हैं. यानी अब वैलेंटायन डे पर केवल इनका राष्ट्र के नाम संदेश प्रसारित होना ही शेष है.

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छत्‍तीसगढ़ का तो घोषित 'मातृ-पितृ पूजन दिवस':

छत्तीसगढ में तो सरकार इनसे इतनी प्रभावित हुई कि आधिकारिक तौर पर सरकारी स्कूलों में आदेश दे दिए गए हैं कि 14 फरवरी का दिन हर साल मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में ही मनाया जाएगा. अगर 25 दिसंबर पर गुड गवर्नेंस डे मनाया जाने लगा है, 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस बना देने पर आश्चर्य नहीं होना चाहिए.

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फॉल्स रेप केस डे:

एक और संघ जो इस मैदान में हाल ही में उतरे हैं, वो हैं महाराष्ट्र के पुरुष अधिकार संघ. महिला विरोधी ये संघ लोगों से अपील कर रहे हैं कि इस दिन को 'फाल्स रेप केस डे' यानी झूठे रेप केस के दिन के रूप में मनाया जाये. ये लोग वो हैं जो अपनी पत्नी के सताए हुए हैं. इनसे पूरी हमदर्दी है, पर समझ नहीं आ रहा कि वैलेंटाइन डे से इन्हें क्या परेशानी, यही दिन क्यों इनके अनुसार मनाया जाये. प्यार में असफल हुए, प्यार में यकीन नहीं, तो इसमें बाकियों से बैर क्यों?

यूपी में बदली हवा/ टूरिज्म डे:

इन सारी बातों को सुनकर एक बात बड़ी हैरान करने वाली है कि यूपी में क्रांतिकारी दल इस बार शांत रहने वाले हैं. कहा जा रहा है कि इस बार प्रेमी जोड़ों को परेशान नहीं किया जाएगा. अब चुनाव सर पर हैं भावुक होकर किसी भी दल के लोग कुछ उल्टा-सीधी कर बैठे तो उसका सीधा असर चुनाव के नतीजों पर पड़ सकता है. यूपी में यूथ वोटरों की संख्या ज्यादा है तो एक दल उन्हें वैलेंटाइन डे मनाने की आजादी दे रहा है, तो दूसरा उन्हें लुभा रहा है. सीएम अखिलेश यादव ने इस दिन को 'टूरिज्म डे' के रूप में मनाने का पैसला किया है.

तो कहने में कोई बुराई नहीं है कि राजनीतिक दलों ने प्यार के इस दिन को भी मुद्दा बना दिया है. जिसपर खेलकर हर कोई अपना उल्लू सीधा करने में लगा है.

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लेखक

पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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