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Updated: 03 जून, 2017 05:53 PM
राहुल लाल
राहुल लाल
  @rahul.lal.3110
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प्रधानमंत्री मोदी ने अपने रूस यात्रा से न केवल भारत-रूस रिश्तों के बीच उत्पन्न संशय को खत्म कर दिया है, अपितु रूस से सामरिक संबंधों को और भी सुदृढ़ता प्रदान की है. भारत ने रूस के साथ रक्षा और परमाणु क्षेत्र में अद्वितीय समझौते किए हैं, जिसमें एक महत्वपूर्ण समझौता एस-400 ट्रायंफ (S 400 triumf) एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम है. रूसी उपप्रधानमंत्री दिमित्र रोगोजिन ने कहा कि भारत को विमान भेदी मिसाइल प्रणाली एस-400 की आपूर्ति को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं.

मिसाइलये मिसाइल सिस्टम अभेद्य माना जा रहा है

चीन और पाकिस्तान अब भारत से सहम जाएंगे-

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एस-400 से भारतीय सेना चीन को टक्कर देने में पीछे नहीं रहेगी. यह डिफेंस सिस्टम एक साथ 36 मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है. पाकिस्तान और चीन से हमले की स्थिति में भारत इस एस-400 सिस्टम का सर्वश्रेष्ठ प्रयोग कर सकता है. एस-400 इतना खतरनाक है कि चीन और पाकिस्तान अब भारत की ओर आँख उठा कर भी नहीं देख सकेंगे. यह दक्षिण एशिया के सामरिक परिस्थिति को बदल देगा. पाकिस्तान के फाइटर तो उड़ भी नहीं सकेंगे और शायद रनवे पर क्षतिग्रस्त रूप में पाकिस्तान का शोभा बढ़ा सकेंगे.

पिछले वर्ष अक्टूबर में हुए गोवा ब्रिक्स सम्मिट के दौरान ही 32 हजार करोड़ से ज्यादा की डिफेंस डील हुई थी,जिसके अंतर्गत भारत को रूस से एस-400 एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदना था, परंतु बीच में यह मामला पुन: ठण्डे बस्ते में चला गया था, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने अपने रूस यात्रा के दौरान पुनर्जीवित कर दिया. इसकी कीमत 5 अरब डॉलर से ज्यादा बताई जा रही है. इस तरह भारत पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से रूस से 5 "एस-400" खरीदने के लिए बातचीत कर रहा था. मूलत: यह प्रणाली इस पूरे क्षेत्र में गेम चेंजर साबित होगी. सच में पाकिस्तान जैसे दुश्मनों के लिए यह यमराज से भी खतरनाक होगा.

चीन को बराबरी से टक्कर

संपूर्ण विश्व में यह प्रणाली रूस के अलावा केवल चीन के पास मौजूद है. चीन ने रूस से ही यह डिफेंस सिस्टम खरीदा था. वर्तमान में चीनी आर्मी इसका प्रयोग कर रही है. ऐसे में एस-400 ट्रायंफ से भारत अब एयरक्राफ्ट सिस्टम के मामले में चीन के बराबरी पर आ गया है. पाकिस्तान के अतिरिक्त भारत को चीन से भी हवाई हमलों का खतरा है. इस दिशा में एस-400 ट्रायंफ भारत को अभेद्य दुर्ग की तरह सुरक्षा प्रदान करेगी.

दुनिया का सबसे ताकतवर विमान भेदी मिसाइल

रूस की रक्षा अनुसंधान इकाई एलमाज सेंट्रल डिजाइन ब्यूरो ने 1990 में एस-400 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम यानी ट्रायंफ तैयार किया था. इस विमान भेदी मिसाइल प्रणाली को 2007 में वहाँ तैनात किया गया था. आज यह विश्व का सबसे ताकतवर एयर डिफेंस सिस्टम है. यह युद्ध के स्थिति में केवल 5 मिनट में तैयार किया जा सकता है.

एयरक्राफ्ट और ड्रोन का यमराज

एस-400 डिफेंस सिस्टम किसी भी तरह के विमान, ड्रोन, बैलस्टिक व क्रूज मिसाइल और जमीनी ठिकानों को 400 किमी की दूरी तक ध्वस्त कर सकता है. साथ ही 30 किमी तक की ऊँचाई तक मार करने में भी पूर्णत: सक्षम है. मिसाइल से लेकर ड्रोन तक अर्थात इसकी उपस्थिति में कोई भी हवाई हमला आसानी से नाकाम किया जा सकता है.

आधुनिकतम तकनीक से लैस-

यह डिफेंस सिस्टम मल्टी फंक्शन रडार से लैस है. अत्याधुनिक सिस्टम दुश्मन के विमानों की सटीक ऊंचाई, स्थिति; पास मौजूद निशाने की हाई रिजॉल्यूशन जानकारी, एक साथ कई टार्गेट की हाई रिजॉल्यूशन सूचनाएँ उपलब्ध करा सकता है. मिसाइल के आधुनिकतम तकनीक को इससे ही समझा जा सकता है कि यह छिपे हुए टार्गेट तक निर्देशित करने में पूर्णत: सक्षम है. यह सुरक्षा कवच प्रदान करता है और इससे एक साथ दुश्मन के 36 मिसाइलें तबाह की जा सकती हैं. ऐसे में प्रश्न उठता है कि पाकिस्तान अब क्या करेगा?

दुनिया का सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट भी चपेटे में

एस-400 के मजबूत एवं सर्वश्रेष्ठ आधुनिक तकनीक का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट भी इसके चपेटे में हैं. यही कारण है कि अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 भी इसके हमले से बच नहीं सकते. एस-400 काफी आसानी से एफ-35 की निगरानी कर सकता है.

एक साथ तीन सौ लक्ष्यों पर नजर--

एस-400 सिस्टम एक साथ हमारे वायुक्षेत्र की तरफ बढ़ रहे सौ से लेकर तीन सौ फाइटर्स या मिसाइल पर नजर रख सकता है. इनमें से 400 किमी की रेंज में 36 को एक साथ भेद सकता है. इसका शक्तिशाली रडार किसी भी हालत में जाम नहीं किया जा सकता है. साथ ही यह बिल्कुल सतह के ऊपर उड़ रहे एक छोटे विमान को तो आसानी से पहचान ही लेगा, इसके अतिरिक्त स्टील्थ विमान भी चपेटे में होंगे.

मिसाइलइस मिसाइल सिस्टम से एक साथ 36 मिसाइल गिराई जा सकती है

इस खतरनाक सुपर पॉवर एस-400 यमराज के सामने तो पाकिस्तानी फाइटर उड़ भी नहीं सकेंगे--

एस-400 पाकिस्तान के लिए इतना खतरनाक होगा कि पाकिस्तानी फाइटर सिर्फ अपने रनवे पर चल पाएंगे, उड़ान नहीं भर पाएंगे. इसकी कार्यक्षमता समझने के लिए हमे थोड़ी कल्पना करने की आवश्यकता है, तब हम समझ सकेंगे कि कैसे एस-400 के समक्ष पाकिस्तानी फाइटर केवल रनवे की शोभा ही बढ़ा सकेगी.

अगर भारतीय एयरबेस आदमपुर में एस-400 सिस्टम तैनात है और वहाँ से 300 किमी दूर स्थित पाकिस्तानी एयरबेस सरगोधा से किसी फाइटर ने उड़ान भरी तो एस-400 तुरंत उसकी पहचान कर उसे पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में ही सुगमतापूर्वक मार गिराएगा. क्योंकि एस-400, 400 किमी की दूरी तक अपने शत्रु लक्ष्य पर हमला कर नष्ट करने में सक्षम है. यदि पाकिस्तानी फाइटर ने अन्य एयरबेस से उड़ान भरी तो भारत स्थित दूसरे एयरबेस के एस-400 सिस्टम से उसे ढेर कर दिया जाएगा. उपरोक्त से समझा जा सकता है कि भारत के पास एस-400 डिफेंस सिस्टम आने के बाद पाकिस्तानी फाइटर के लिए हमारी तरफ उड़ान तक भरना मुश्किल हो जाएगा.

कैसे है एस-400 इतना अचूक!!

इसकी आधुनिकतम तकनीक ही इसे अचूक बनाती है. यह 17हजार किमी/घंटा के गति से अपने लक्ष्य पर हमला करता है. यही कारण है कि इस सिस्टम से निकलने वाली मिसाइल केवल 65 सेकेण्ड में ही आदमपुर से सरगोधा के ऊपर उड़ने वाले फाइटर को ध्वस्त कर देगी.

एस-400 की व्यापकता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि यह 600 किमी की रेंज में 360डिग्री क्षेत्र में अपनी नजर बनाए रखता है. इस परिधि में आने वाले दुश्मन के किसी भी फाइटर या मिसाइल को डिडेक्ट करता है. फिर जैसे वह 400 किमी की रेंज मेन आता है, उसे मार गिराता है.

पाकिस्तान से हवा का अभेद्य दीवार बनाने के लिए कितने एस-400 सिस्टम की आवश्यकता??

एस-400 के एक सिस्टम में 8 बटालियन होती है. इसके माध्यम से 72 लॉन्चर और 384 मिसाइलों को नियंत्रित किया जा सकता है. हवा में अभेद्य दीवार बनाने वाले इस सिस्टम की केवल 3 बाटालियन ही पाकिस्तान सीमा पर तैनात करने से उसके मिसाइलें या फाइटर्स को रोकने के लिए पर्याप्त होगा.

एस-400 से पाकितानी फाइटर या मिसाइल कैसे बच सकते हैं??

एस-400 के सामने पाकिस्तानी फाइटर या मिसाइल पाकिस्तान की मुख्य भूमि में तो बिल्कुल नहीं बच सकते, बल्कि उन्हे अपने फाइटर्स को भारतीय सीमा से सैकड़ो किमी पीछे इरान या अफगानिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्र में ले जान होगा.

क्या यह पाकिस्तान या चीन के न्यूक्लियर पार्वड बैलेस्टिक मिसाइलों से भी बचा पाएगा??

एस-400 के समक्ष पाकिस्तानी एयरफोर्स अपनी सेना को भारतीय सेना के जमीनी हमलों के दौरान एयरशील्ड प्रदान करने के लिए भी उपलब्ध नहीं हो सकेगी, क्योंकि उसके पूर्व ही उसपर मिसाइलों के हमले हो चुके होंगे.

पाकिस्तान या चीन की न्यूक्लियर क्षमतायुक्त बैलेस्टिक मिसाइलों से भी यह बचाएगा. यह एक तरह से मिसाइल शील्ड है.

निशाना चूकने पर भी शत्रु लक्ष्य को नष्ट करने का पूर्ण इंतजाम --

एस-400 सिस्टम में चार तरह की मिसाइल होती है. एक 400किमी, दूसरी 250 किमी, तीसरी 120 किमी और चौथी 40 किमी तक मार कर सकती है. यदि एक मिसाइल से दुश्मन का विमान या मिसाइल नष्ट नहीं हुआ तो दूसरी मिसाइल भी हमले के काम में आते हैं. इसे भी समझने का प्रयास करते हैं. अगर फाइटर विमान 400 किमी वाली मिसाइल हमले से बच जाएगा, तो जैसे ही 250 किमी वाले के रेंज में आएगा, तो वह उसपर हमला करेगा. अगर यह भी हमला चूक गया तो 120 किमी रेंज में आने पर तीसरा मिसाइल उसपर प्रहार के लिए तैयार होगा. इसी तरह अंतत: 40 किमी वाले रेंज के मिसाइल का हमला होगा. व्यावहारिक रूप में इसका निशाना इतना अचूक है कि वह 400 किमी के रेंज में आते ही नष्ट हो जाएगा.

एस-400 से भारतीय सुरक्षा व्यवस्था जहाँ उच्चस्तरीय एवं अभेद्य होगी, वहीं यह दक्षिण एशिया की तस्वीर बदल देगा. भारत का चीन के साथ समानता पूर्ण स्थिति में तो होगा ही, लेकिन पाकिस्तान के पास इससे निपटने का कोई रास्ता नहीं होगा. कह सकते हैं कि एस-400 के सामने "अब क्या करेगा पाकिस्तान??" का उत्तर पाकिस्तान के पास भी नहीं होगा, क्योंकि उसके पास बचाव का कोई विकल्प नहीं होगा. सही माइने में एस-400 पाकिस्तान के लिए यमराज से भी क्रूर होगा.

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लेखक

राहुल लाल राहुल लाल @rahul.lal.3110

लेखक अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार हैं

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