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Updated: 03 अक्टूबर, 2017 11:00 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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एक सवाल जिसका जवाब आपको खुद सोचना होगा.. ऐसा कितनी बार हुआ है कि आपने अपने माता-पिता का फोन किसी कारण से काटा हो या फिर उन्हें कुछ समय के लिए इग्नोर किया हो? हो सकता है कई बार आपने किसी काम के चलते ऐसा किया हो और हो सकता है कि कई बार जान बूझ कर ऐसा किया हो.

अब देखिए माता-पिता को मैसेज का रिप्लाई न करना या उनसे कम बात करना न तो कोई ट्रेंड है और न ही ये सही है, लेकिन फिर भी लोग ऐसा करते हैं. अब इस बात पर ज्यादा से ज्यादा माता-पिता गुस्सा हुए होंगे या कोई सजा दी होगी. 

स्माटफोन, एप, अकाउंट, एप्स, सोशल मीडिया

आपके माता-पिता ने जो भी किया हो, लेकिन एक पिता ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने बच्चे का रिप्लाई पाने के लिए कुछ ऐसा किया जो अपने आप में अनोखा है. निक हर्बर्ट जो लंदन के एक सबर्ब वेस्ट विक्हम में रहते हैं अपने बेटे के रिप्लाई ना करने से बहुत परेशान थे और इसी चक्कर में उन्होंने एक एप बना लिया. ये एप है replyASAP इस एप का नाम जैसा है काम भी कुछ वैसा ही है. अगर कोई बच्चा अपने माता-पिता को रिप्लाई नहीं कर रहा है तो एप एक्टिवेट हो जाएगा और बच्चे का फोन लॉक हो जाएगा (स्क्रीन लॉक). सिर्फ वही एप खुला रहेगा जिससे रिप्लाई किया जा सके. और सिर्फ इतना ही नहीं बच्चे के फोन के सभी अलार्म भी बजने लगेंगे और उन्हें तब तक बंद नहीं किया जा सकता है जब तक बच्चा रिप्लाई न कर दे.

अगर बच्चे ने मैसेज या कॉल देख लिया है तो सेंडर के पास नोटिफिकेशन भी चला जाएगा. अगर फोन बंद है तो नोटिफिकेशन में पेंडिंग लिखा रहेगा. इस एप के जरिए न सिर्फ बच्चों को बल्कि उन सभी लोगों को सबक सिखाया जा सकता है जो आपके फोन को इग्नोर करते हैं.

इससे पहले कि आप कुछ सोचें इस एप का लिंक देख लीजिए.

एप के डिस्क्रिप्शन पर लिखा हुआ है कि ये सिर्फ बच्चों के लिए नहीं बल्कि किसी और काम के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. हालांकि, इससे क्या ये नहीं लगता कि किसी की भी प्राइवेसी को खतरा है? इस एप को कोई सनकी ब्वॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड अपने पार्टनर के लिए भी इस्तेमाल कर सकता है. कोई जरूरत से ज्यादा पजेसिव पति अपनी पत्नी या पत्नी अपने पति को परेशान करने के लिए इस्तेमाल कर सकती है. कोई दोस्त अपने दोस्त को परेशान करने में इस्तेमाल कर सकता है. अब इस एप को निक ने तो अपने 13 साल के बेटे के लिए बनाया है, लेकिन क्या हो जब कोई नौकरी पेशा इंसान इस एप का शिकार बने.

स्माटफोन, एप, अकाउंट, एप्स, सोशल मीडिया

जरा खुद ही सोचिए कोई किसी मीटिंग में बैठे हो और बॉस के सामने अचानक उसके फोन का अलार्म बजने लगे. इसके बाद किसी तरह रिप्लाई कर मैसेज भेज दे, लेकिन फिर दूसरा मैसेज या कॉल आ जाए और एक बार फिर वो इंसान सबके सामने शर्मिंदा हो जाए.

इस एप को बनाने वाले निक खुद नहीं जानते कि ये एक जीनियस काम है या फिर किसी की प्राइवेसी को खतरा. मेरे हिसाब से तो खतरा ज्यादा है. फिलहाल इस एप का iOS वर्जन नहीं है और ये सिर्फ एंड्रॉयड के लिए है. अब जहां अगली मीटर जो आपको 1 से 10 के स्केल में ये बताता है कि बच्चा कितना बुरा दिखता है, या बेबी ट्रांसलेटर जो ये बताता है कि रोते हुए बच्चे को क्या चाहिए ऐसे एप्स से तो फिर भी ठीक है, लेकिन अगर सोशल प्रेशर को देखें तो यही लगता है कि फिलहाल ASAP जैसे एप त्राही मचा सकते हैं.

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लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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