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Updated: 04 जनवरी, 2017 04:17 PM
आलोक रंजन
आलोक रंजन
  @alok.ranjan.92754
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इलेक्शन कमीशन ने आखिरकार 5 राज्यों में होने वाले चुनाव का ऐलान कर ही दिया. ये चुनाव फरवरी- मार्च में होंगे. कई जानकर और चुनावी समीक्षक इसे 'मिनी इलेक्शन' की संज्ञा दे रहे हैं. यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं. जहां एक ओर पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक चरण में चुनाव होंगे वहीं मणिपुर में दो चरणों में, और उत्तर प्रदेश में सात चरण में चुनाव होंगे. इन राज्यों के 690 विधान सभा सीटों पर चुनाव होंगे. चुनाव के नतीजे 11 मार्च को आएंगे.

ये चुनाव ऐसे समय हो रहे हैं जब भारत में कई अहम् घटनाएं घटित हुई हैं. इन चुनावों के नतीजे ही तय करेंगे की इन राज्यों के लोग नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यो को किस रूप में लेते हैं.

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 11 मार्च को आएंगे नतीजे

क्यों महत्वपूर्ण हैं 5 राज्यों के चुनाव

1 . 8 नवम्बर को नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था. कुछ लोगों ने मोदी के इस कठोर कदम का स्वागत किया, लेकिन विपक्षी पार्टियां उनके इस कदम का कड़ा विरोध कर रही हैं. नोटबंदी के बाद पहली बार विधान सभा चुनाव होने जा रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी नोटबंदी का श्रेय ले रही हैं, जिसके कारण ब्लैक मनी, नक्सल गतिविधि, आतंकवाद आदि में लगाम लगी हैं. वहीं दूसरी तरफ विपक्ष का कहना है कि इसके कारण आम आदमी बेहाल हो गया है, उद्योग चौपट हो गए हैं और गरीब, किसान को काफी नुकसान उठाना पड़ा रहा है. अब देखना है कि इसका असर इन चुनावों खासकर उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड में क्या होता है.

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2 . सितम्बर में भारत द्वारा उरी अटैक के बाद पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के अंदर जा कर सर्जिकल स्ट्राइक करके टेरर लांच पैड का ध्वस्त करना भी मोदी सरकार का साहसिक कदम माना जा रहा है. कई समीक्षकों का मानना है कि आने वाले चुनाव में इसका फायदा बीजेपी को होगा.

3 . समाजवादी पार्टी का टूटना और एक गुट का कमान अखिलेश यादव द्वारा अपने हाथ में लेना उत्तर प्रदेश में उन्हें फायदा पहुंचा सकता हैं. अखिलेश यादव अपनी छवि विकास पुरुष की भाती प्रोजेक्ट कर रहे हैं. हाल के दिनों में जिस तरह से उन्होंने अपनी छवि साफ सुथरा, करप्शन के खिलाफ, क्रिमिनल कैंडिडेट को टिकेट नहीं देना आदि की बनाई हैं उससे तो लगता हैं की इस बार मोदी की नोटबंदी और अखिलेश की काबलीयता ही उत्तर प्रदेश चुनाव की रिजल्ट को निर्धारित करेगी.

4 . पंजाब और गोवा के चुनाव में पहली बार आम आदमी पार्टी का एंट्री रूलिंग पार्टी के लिए कड़ी चुनौती पैदा करेगी. करप्शन, ड्रग के खिलाफ अभियान छेड़ कर आम आदमी पार्टी एक वर्ग को अपनी और आकर्षित करने में कामयाबी हासिल की है.

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5 . करीब-करीब सभी राज्यो में करप्शन, लॉ एंड आर्डर, विकास, किसानों की दशा, बेरोजगारी, आतंकवाद आदि प्रमुख मुद्दे हैं. मोदी सरकार ने केंद्र में करीब ढाई साल पूरे कर लिए हैं. अब देखना ये है कि यहां की जनता उनके कार्यों को इस चुनाव में क्या रेटिंग देती है.

लेखक

आलोक रंजन आलोक रंजन @alok.ranjan.92754

लेखक आज तक में सीनियर प्रोड्यूसर हैं.

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