New

होम -> सियासत

 |  4-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 28 अगस्त, 2017 05:31 PM
अरविंद मिश्रा
अरविंद मिश्रा
  @arvind.mishra.505523
  • Total Shares

बिहार में आधे से ज्यादा जिले बाढ़ के चपेट में हैं, और इस प्रकोप से मरने वालों की संख्या करीब साढ़े तीन सौ के करीब पहुंच गई है. लेकिन यहां बाढ़ से ज्यादा चर्चा घोटालों की हो रही है. जी हां, हम बात कर रहे हैं एक तरफ सृजन घोटाले की जिसमें एनडीए नेताओं का नाम आ रहा है, यानी राष्ट्रवादी घोटाला तथा दूसरी ओर राजद का भ्रष्टाचार और बेनामी संपत्ति का घोटाला यानी सेक्युलर घोटाला.

सृजन घोटाला

बिहार में सृजन घोटाला को चारा घोटाले के बाद अबतक का सबसे बड़ा घोटाला बताया जा रहा है. इस घोटाले में एनडीए के कई नेताओं के नाम आ रहे हैं. एनडीए यानी राष्ट्रवाद के ठेकेदार.

सबसे पहले बीजेपी किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विपिन शर्मा का नाम आया. इस घोटाले में नाम आने के बाद उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर निलंबित किया गया. इसके बाद नंबर आया भागलपुर रालोसपा जिलाध्यक्ष दीपक वर्मा का. उन्हें भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए निलंबित किया गया. अगला नंबर जदयू का था. जदयू ने भागलपुर युवा जिला अध्यक्ष शिव कुमार मंडल पर कार्रवाई करते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया. गौरतलब है कि शिव कुमार मंडल सृजन घोटाले के आरोपी नाजिर महेश मंडल के बेटे थे.

nitish kumar, biharनीतीश कुमार पर आरोप कि वो घोटालों से बचने के लिए ही बीजेपी में शामिल हुए हैं.

इस तरह से एक के बाद एक एनडीए नेताओं के नाम इस घोटाले का 'सृजन' करते हुए पाए जा रहे हैं और हो सकता है इस लिस्ट में आनेवाले समय में और भी नाम जुट जाएं. लालू प्रसाद ने नीतीश पर आरोप लगाते हुए तो यहां तक कहा, 'नीतीश कुमार इस घोटाले से बचने के लिए बीजेपी की शरण में गए हैं'. नीतीश कुमार हाल में ही महागठबंधन से अलग होकर एनडीए में शामिल हुए हैं.

हालांकि अभी तक जो नाम सामने आ रहा हैं उससे तो यही प्रतीत हो रहा है कि इसमें एनडीए के नेता फंसते नजर आ रहे हैं. सीबीआई को जांच सौंप दी गई है. अब देखना काफी दिलचस्प होगा कि क्या सीबीआई इस मामले में बड़ी मछलियों को पकड़ने की हिम्मत कर पाती है या नहीं?

बिहार के भागलपुर जिले में एक एनजीओ सृजन जिला अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर के जरिये सरकारी खजाने से करोड़ों रुपए की फर्जी निकासी की गई थी. हालांकि सृजन घोटाले की जांच में अब तक 700 करोड़ रुपए के घोटाले की बात सामने आई है, जबकि आरजेडी का दावा है कि घोटाला 2000 करोड़ का है.

भ्रष्टाचार और बेनामी संपत्ति घोटाला

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद आजकल एनडीए और विशेषकर भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. वो 2019 में होनेवाले लोकसभा चुनावों में एनडीए को मात देने के लिए सेक्युलर फ्रंट बनाने में लगे हुए हैं. वो अपने आप को सेक्युलर फ्रंट का सबसे बड़े नेता भी मानते हैं. हालांकि ये बात और है कि वो खुद ही चारा घोटाले में जेल और कोर्ट का चक्कर लगाते फिरते हैं. चारा घोटाला बिहार का सबसे बड़ा घोटाला था जिसमें पशुओं को खिलाए जाने वाले चारे के नाम पर सरकारी खजाने से 950 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा हुआ था.

lalu yadavघोटालों का घोटाला, चाारा घोटाला

हाल के दिनों में लालू परिवार के लिए नई मुसीबत भ्रष्टाचार और बेनामी संपत्ति घोटाले के रूप में आई है, जिसके कर्ताधर्ता भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी रहे हैं. भ्रष्टाचार और बेनामी संपत्ति के कई मामलों में लालू परिवार पर ईडी के साथ ही आयकर ने अपना शिकंजा कसना शुरू किया है. अभी हाल में ही आयकर विभाग ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से जुड़े 10 ठिकानों पर छापे मारे.

रेलवे होटल टेंडर घोटाला जो 2004-06 का बताया जाता है जिस समय लालू यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे. इस दौरान रेलवे होटल टेंडर में गड़बड़ी का आरोप उन पर लगा है. उनपर 420 और 120-बी के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. लालू परिवार पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी कंपनियों के जरिए करोड़ों की बेनामी संपत्ति अर्जित की है. इससे पहले आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय लालू की बेटी मीसा भारती और उनके पति शैलेश कुमार दोनों से घंटों पूछताछ कर चुका है.

इस तरह से बिहार में आजकल राष्ट्रवादी घोटाला बनाम सेक्युलर घोटाले की चर्चा जोरों पर है. और आनेवाले दिनों में खासकर 2019 के लोकसभा चुनावों में इसे दोनों फ्रंट अपने अपने तरीकों से भुनाने का काम करेंगे.

ये भी पढ़ें-

तमिलनाडु की राजनीति का बिहार कनेक्शन

JDU किसकी ? ये जंग है विरासत की..

नीतीश ने शरद पर एक्शन नहीं लिया तो जेडीयू कार्यकारिणी में ये सब होना ही है

लेखक

अरविंद मिश्रा अरविंद मिश्रा @arvind.mishra.505523

लेखक आज तक में सीनियर प्रोड्यूसर हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय