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Updated: 08 अक्टूबर, 2016 11:53 AM
आलोक रंजन
आलोक रंजन
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने हाल ही में आतंकवाद को समाप्त करने के लिए बनाई गयी राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी) की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में कहा था कि उनकी सरकार की शीर्ष नीतिगत प्राथमिकता देश से हिंसक चरमपंथ और आतंकवाद को समाप्त करना है. वे हमेशा से कहते रहे हैं कि पाकिस्तान कभी भी आतंकवाद को प्रोत्सहन नहीं देता है. लेकिन उरी हमला, उसके बाद बारामुला और हंदवारा में हमला नवाज़ शरीफ की पोल खोल कर रख दी है. उनके कार्यकाल में आतंकवादियों के मंसूबे मजबूत हुए हैं और भारत के खिलाफ आतंकी साजिशों में भी वृद्धि हुई है.

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आतंकियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने में असफल हैं नवाज़ शरीफ

पाकिस्तान उरी अटैक, भारत द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक और उसके बाद हुए घटनाक्रमों के बाद बुरी तरह घिर गया है. पाकिस्तान वैश्विक दबाव में खुद को असहज महसूस कर रहा है. भारत विरोधी अभियान अब नवाज़ शरीफ के लिए गले का फंदा बनते जा रहे हैं. आखिर नवाज़ शरीफ की क्या मजबूरी है कि वो आतंकियों के खिलाफ कोई कठोर कदम उठाने से कतराते हैं.

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नवाज़ शरीफ आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को लेकर एक बार फिर दुनिया को झांसा देने की कोशिश कर रहे हैं. पाकिस्तान के अखबारों में ये खबर प्रमुखता से छप रही है कि नवाज़ शरीफ ने पाकिस्तानी मिलिट्री को ये निर्देश दिया है कि वो आतंकवादियो के खिलाफ सख्त करवाई करे नहीं तो उनका देश विश्व में खुद अलग थलग पड़ जाया गया. न केवल विपक्षी पार्टी बल्कि उनके पार्टी के नेता भी अब ये सवाल उठाने लगे हैं कि आखिर कब तक हम 'नॉन स्टेट एक्टर्स' को छूट देते रहेंगे. कब तक पाकिस्तान आतंकवाद के पुरोधाओं को पालता रहेगा.

नवाज़ शरीफ पर आतंकियों पर सख्ती न बरतने के चलते उनकी ही पार्टी के सांसद अब उन्हें घेरने लगे हैं. उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सांसद राणा मोहम्मद अफजल ने नवाज से पूछा कि हाफिज सईद और बाकी आतंकी संगठनों पर एक्शन क्यों नहीं लिया जाता? हाफिज सईद ऐसे कौन से अंडे देता है, जिसकी वजह से हमने उसे पाल रखा है. पाकिस्तान की विदेश नीति का हाल ये है कि हम आज तक हाफिज सईद को खत्म नहीं कर सके. आपको बता दें कि हाफिज सईद मुंबई आतंकी हमलों का मास्टर माइंड है. वो पाकिस्तान में हमेशा रैलियां करता हुआ दिखाई देता है और भारत के खिलाफ हमेशा जहर उगलता रहता है.

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न केवल हाफिज सईद बल्कि आतंक के अन्य सौदागर जैसे मसूद अज़हर, दाऊद इब्राहिम, लखवी और कितने आतंकवादी पाकिस्तान में अपना अड्डा जमाये हुए हैं, भारत के खिलाफ साजिशें रच रहे हैं, भारत को बर्बाद कर देने की धमकी दे रहे हैं. पूरा विश्व जनता है कि पाकिस्तान ने कैसे अपनी धरती आतंकवादियों को टेरर ट्रेनिंग कैंप चलाने के लिए सौंप रखी है. इंटेलिजेंस रिपोर्ट के अनुसार करीब 100 से 150 ट्रेनिंग कैंप लाहौर और मुजफ्फराबाद के बीच इन आतंकियों द्वारा चलाये जा रहे हैं. पाकिस्तान की सेना और आईएसआई भी इन ट्रेनिंग कैंप को संरक्षण देती ताकि वे भारत के खिलाफ आतंकी मंसूबे जारी रखे.

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इन आतंकियों द्वारा करीब 100 से 150 ट्रेनिंग कैंप लाहौर और मुजफ्फराबाद के बीच चलाए जा रहे हैं

लश्करे तैयबा, जैश ए मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन, तहरीके तालिबान, हक्कानी, हूजी, अल बद्र आदि आतंकवादी गुट पाकिस्तान में जड़ें जमाए हुए हैं. लेकिन पाकिस्तान की सरकार उनके खिलाफ कोई भी एक्शन लेने से कतराती हैं. पाकिस्तान के हुक्मरानों के पास तो आतंकी गुटों के खिलाफ कार्रवाई करने की वजह भी है क्योंकि उन्होंने कई बार खुद पाकिस्तान के अंदर भी आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है. पाकिस्तान की सरकार को अपने देश के आतंकी ठिकानों के बारे में सब पता है. वो जब चाहे तब इन आतंकी ठिकानों व उनके सरगनाओं के खिलाफ एक्शन ले सकती है, लेकिन जब भी एक्शन लेने की बात आती है तो उनके हाथ ठण्डे पड़ जाते हैं.

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क्या नवाज शरीफ इतने सक्षम नहीं है कि इन आतंकवादियों पर काबू न पा सकें. लेकिन अगर कहें कि वे काबू करना ही नहीं चाहते तो ज्यादा सटीक रहेगा. नवाज़ शरीफ की सरकार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की बात बस दिखावे के लिए ही कहती है. वास्तविकता तो यह है कि पाकिस्तान सरकार, सेना, आईएसआई और आतंकवादियों की डोर इतनी मजबूत है की कुछ भी हो जाये भारत के खिलाफ उनकी आतंकी साजिश जारी रहेगी.

भारत पाकिस्तान को हमेशा से आतंक मिटाने के लिए कहता रहा है. नवाज़ शरीफ ने कई बार भारतीय  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का भरोसा जताया है, लेकिन बदले में भारत को गुरदासपुर, पठानकोट, उरी जैसे आतंकी हमलों का सामना करना पड़ा. नवाज़ शरीफ जैसे कसम खाये बैठे हैं कि चाहे जो हो जाये वे आतंकवादियों के खिलाफ कोई करवाई नहीं करेंगे.

लेखक

आलोक रंजन आलोक रंजन @alok.ranjan.92754

लेखक आज तक में सीनियर प्रोड्यूसर हैं.

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