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Updated: 11 मार्च, 2017 12:09 PM
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आजम खां इस मामले में सबसे आगे रहे जब उन्होंने कहा कि हार के लिए सिर्फ अखिलेश यादव जिम्मेदार नहीं माने जाएंगे. बिहार चुनाव के बाद भी बीजेपी ने किसी एक की बजाये सामूहिक जिम्मेदारी मान ली थी, सिर्फ मार्गदर्शक मंडल को छोड़ कर.

कांग्रेस ने भी हार का ठीकरा फोड़ने के लिए बलि का बकरा तैयार कर लिया है, ताकि कुछ भी हो जाये लेकिन राहुल गांधी पर आंच न आने पाये. वैसे तो ये फेहरिस्त बड़ी हो सकती है लेकिन हम यहां पांच बलि के बकरे बता रहे हैं जो सूची में सबसे ऊपर हो सकते हैं

बलि का बकरा नंबर 1

वैसे तो नैसर्गिक रूप से कांग्रेस की हार की असली जिम्मेदारी प्रशांत किशोर की ही बनती है. जो कहा सो किया. जो मांगा वो दिया. अव्वल तो वो राहुल और प्रियंका को ही सीएम कैंडिडेट बनाने पर तुले हुए थे जो असंभव था, फिर भी उनकी थर्ड च्वाइस शीला दीक्षित को तो लोगों के सामने पेश ही कर दिया. और उनका देखिये उस उम्रदराज लेडी की जरा भी परवाह न करते हुए बस में बिठा दिया. अगर बीच रास्ते में तबीयत न बिगड़ती तो अस्पताल पहुंचाने का ही इंतजाम कर दिया था.

up-election-results-_031017072501.jpgसूत्रधार होने का क्या मतलब?

पूरे सूबे में खाट सभा कराया कि खटिया ही खड़ी कर दी, रोड शो भी ऐसे रास्तों से प्लान किया कि बिजली के तार भी हाथ से ही हटाने पड़े. शुक्र था कि यूपी में बिजली कम ही आती है, वरना मालूम नहीं क्या हाल होता. बनारस में सोनिया का ऐसा रोड शो कराया कि पीके के कैंपेन तक उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए निकलने का इरादा ही त्याग दिया.

ये भी हो सकता है कि मुलायम सिंह के चुनाव प्रचार से दूर रहने की वजह भी पीके ही हों आखिर तक ये भी न पता चला कि वो कांग्रेस के लिए काम करते रहे या फिर किसी और के लिए.

बलि का बकरा नंबर 2

जब राज बब्बर को यूपी कांग्रेस की कमान सौंपी गयी तो उनके बॉयोडाटा में एक ही बात सबसे ज्यादा मजबूत थी - फिरोजाबाद चुनाव में डिंपल यादव को शिकस्त देना. निश्चित रूप से स्वाभाविक उम्मीद तो यही होगी ना कि इस बार वो डिंपल के पति अखिलेश की हार की वजह बनें, लेकिन हुआ उल्टा. इतना उल्टा कि '27 साल यूपी बेहाल' का स्लोगन तक डंप करना पड़ा.

कांग्रेस चाहती थी कि राज बब्बर मायावती के साथ गठबंधन करा दें लेकिन पूरी छूट देने के बावजूद उनका इंटरेस्ट समाजवादी पार्टी में ज्यादा रहा. जैसे भी हो हुआ तो वही जो उनके मन मुताबिक रहा.

up-election-results-_031017072806.jpgहद कर दी आपने...

गुलाम नबी आजाद या रणदीप सूरजेवाला आखिर कितना संभालते, मोर्चे पर तो राज बब्बर को ही तैनात किया गया था. और कुछ न करते तो कम से कम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तो काउंटर कर ही सकते थे.

प्रधानमंत्री मोदी ने नारियल का पूरा जूस निकाला और भरे बाजार में राहुल के नाम पर बेच दिया - और राज बब्बर मुहं देखते रहे. भला हो सूरजेवाला का जो राहुल गांधी के भाषण का वीडियो खोज कर ट्विटर पर डाला और झूठ का झूठ और सच का सच करने की कोशिश की. वैसे ये सब होते होते काफी देर हो चुकी थी.

बलि का बकरा नंबर 3

इस सूची में अखिलेश यादव का नाम कहने भर को तीसरे नंबर पर है, कांग्रेस के लिए गड्ढे तो सबसे ज्यादा उन्होंने ही खोदे. जब तक राहुल गांधी भाव नहीं देते रहे, अखिलेश 300-300 की माला जपते रहे. जब राहुल ने हामी भरी तो सोचे 100 के भीतर ही निपटा दें - आधी रात को प्रियंका के फोन करने पर 105 सीटें दे तो दिये लेकिन जगह जगह फ्रेंडली मैच भी करा दिये.

up-election-results-_031017072710.jpgये कैसा साथ...

अमेठी और रायबरेली में तो अखिलेश ने सारा बेड़ा गर्क करने की ही ठान रखी थी, धन्य हो सुप्रीम कोर्ट का वरना सबको 'ऊं गायत्री प्रजापति नम:' का जप करते रहना पड़ता.

पूर्वी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का कबाड़ा करने में तो अखिलेश ने कोई कसर बाकी भी न रखी. बनारस में रोड शो दो-दो बार टाल दिया, वो भी एक नेता के चलते. आखिरकार, अखिलेश को हासिल भी क्या हुआ?

बलि का बकरा नंबर 4

मोदी ने तो रायता फैलाने के मामले में अरविंद केजरीवाल को भी पीछे छोड़ दिया. पहले तो जीतोड़ कोशिश की कि गठबंधन में ही दरार आ जाये, लेकिन सफलता नहीं मिली तो निम्न स्तर के हथकंडे और ध्रुवीकरण का हथियार चला दिया. जब कांग्रेस के नेता देश को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे थे तो मोदी ने समाज को बांटने में पूरी ताकत लगा दी - अमित शाह के साथ मिल कर कब्रिस्तान से लेकर कसाब तक को बीच में घसीट लिया.

up-election-results-_031017072555.jpgखूब रायता फैलाया...

कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते करते विपक्ष मुक्त यूपी पर उतर आये - अगर मोदी ने इतना नर्क नहीं मचाया होता तो सांप्रदायिक ताकतों को रोकने में कांग्रेस अकेले ही सक्षम रही.

बलि का बकरा नंबर 5

आओ इसका पता लगाएं... एंटनी साहब तो हैं ही हर हार की तह तक पहुंच कर वजह पता लगाने के लिए - और फिर पुलिंदा सौंप कर सभी को ऐसी जिम्मेदारियों से मुक्त कराने के लिए. क्या किसी को पता है कि 2012 की हार के लिए असली जिम्मेदार कौन था?

up-election-results-_031017072626.jpgआओ इसका पता लगाएं...

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