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Updated: 24 सितम्बर, 2016 05:28 PM
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जिसका आका पांच साल पहले पाकिस्तान की जमीन से पकड़ा गया. अब वही पाकिस्तान की कान ऐंठने में लगा है. वो भी तब जब पाकिस्तान सबसे अलग-थलग महसूस कर रहा है. लेकिन सवाल है आखिर क्यों. क्यों अल कायदा पाकिस्तान को आंख दिखा रहा है?

उरी में सैन्य बेस पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान आमने-सामने हैं. लेकिन इसी बीच कश्मीर मुद्दे पर अलकायदा ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है. चेतावनी क्या इसे आप लताड़ लगाना कहिए तो शायद ज्यादा बेहतर हो.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय उपमहाद्वीप में मौजूद अलकायदा के संगठन (AQIS) ने 11 पन्नों का एक संदेश जारी करते हुए पाकिस्तानी सरकार, आर्मी और पाक इंटेलिजेंस एंजेंसियों को गद्दार करार दिया है. यहीं नहीं अल कायदा ने उपमहाद्वीप के मुसलमानों को दोस्त और दुश्मन में ठीक-ठीक फर्क करने को कहा है. यही नही, अल कायदा ने ये तक कहा कि पाकिस्तान की गंदी राजनीति के कारण कश्मीर का मसला अटका हुआ है. उसने अपने लाभ के लिए कश्मीरियों के घाव को खुला छोड़ रखा है.

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अखबार के मुताबकि ये संदेश अल कायदा ने हिंदी, अंग्रेजी और बंगाली में जारी किया है. अलकायदा से पाकिस्तान का याराना तभी सामने आ गया था जब अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को ऐबटाबाद से बाहर निकाला था. और उसके बाद से ही पाकिस्तान में अल कायदा के बुरे दिन भी शुरू हो गए थे. पाकिस्तान के उत्तरी-पश्चिमी छोड़ पर अमेरिका के ड्रोन स्ट्राइक का निशाना अल कायदा के आतंकी ही होते थे.

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 अल कायदा क्यों भड़का पाकिस्तान पर! (फाइल फोटो)

अफगानिस्तान भी कई बार खुल कर कह चुका है कि अल कायदा के आतंकियों को पाकिस्तान में शरण मिलती रही है. पाकिस्तानी अखबार दि डॉन के मुताबिक तो अफगानिस्तान ये आरोप तक लगा चुका है कि उसके यहां जो आतंकी घायल होते हैं, उन्हें पाकिस्तान के अस्पतालों में इलाज मिल जाता है.

अफगानिस्तान ही नहीं कई अमेरिकी अखबारे ये रिपोर्ट करती रही हैं कि अल कायदा के लिए पाकिस्तान सबसे सुरक्षित पनाहगाह बन चुका है. लेकिन ओसामा के मारे जाने के बाद ये समीकरण बदले हैं. अमेरिकी दबाव के कारण पाकिस्तान को अपने यहां अल कायदा के आतंकियों के खिलाफ कार्यवाई करनी पड़ है. पाकिस्तानी मीडिया की पिछली ही साल के मई की रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तानी सैनिकों ने अल कायदा के 14 आतंकियों को मार गिराया था. इसमें AQIS का तब का मुखिया बिलाल लतीफ उर्फ यासिर पंजाबी भी शामिल था.

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अब पाकिस्तान भी क्या करे. अमेरिकी दबाव है तो उसे आतंक के नाम पर केवल अल कायदा और तालिबान दिखाई देते हैं. कार्यवाई करनी पड़ रही है लिहाजा अल कायदा के 'जिहादी' भड़के हुए हैं.

अल कायदा ने उसी गुस्से को जाहिर किया है. पाकिस्तान भी जानता है कि वो अलकायदा की इन बातों को हल्के में नहीं ले सकता. कहने को तो ये बयान केवल कश्मीर पर है लेकिन पाकिस्तान के लिए चेतावनी भी. क्योंकि ये तो पाकिस्तान के आकाओं को ही मालूम होगा कि उन्होंने कितने अल कायदा अपने यहां पाल रखें हैं. अगर वो सच में खिलाफ हो गए तो पाकिस्तान को गुड और बैड तालिबान का असली फर्क समझ आ जाएगा जिसे भारत और पूरी दुनिया उसे कई वर्षों से समझाने की कोशिश में लगी है.

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