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Updated: 21 अप्रिल, 2017 02:54 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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वॉट्सएप एडमिन को लेकर जितने जोक्स सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं शायद उससे काफी ज्यादा वॉट्सएप ग्रुप सिर्फ भारत में ही मौजूद होंगे. अब वो दौर आ चुका है जब अधिकतर लोग एक, दो या उससे ज्यादा वॉट्सएप ग्रुप के एडमिन बने होते हैं. वॉट्सएप एडमिन के बारे में जिसे अभी तक समझते थे झूठ वो अब सच हो जाएगा.

दरअसल, मजाक में ऐसी बातें कई बार कही जाती हैं कि वॉट्सएप ग्रुप एडमिन को जेल हो सकती है, लेकिन अब ये बात मजाक नहीं रही. वाराणसी के डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट योगेश्वर राम मिश्रा और सीनियर सुप्रिटेंडेंट ऑफ पुलिस नितिन तिवारी ने ज्वाइंट ऑर्डर दिया है कि वॉट्सएप द्वारा फैलाई जा रही किसी भी अफवाह या गलत जानकारी के लिए वॉट्सएप ग्रुप का एडमिन ही जिम्मेदार माना जाएगा.

whatsapp imageइस तरह के कई मैसेज वॉट्सएप पर वायरल होते हैं

धर्म के नाम पर हो जाएगा बवाल...

अगर किसी वॉट्सएप ग्रुप से ऐसा कोई भी मैसेज गया जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हुईं या फिर किसी भी अन्य धर्म के लोगों को टारगेट किया गया तो ऐसे में एडमिन पर अच्छी खासी कार्यवाही की जा सकती है. इसे रोकने के लिए ग्रुप एडमिन को कदम उठाने होंगे. अगर किसी मेंबर ने ऐसा कोई भी मैसेज किया है तो उसे ग्रुप एडमिन ग्रुप से बाहर निकालेगा. ये साफ-साफ ऑर्डर में लिखा गया है.

अब कितनी ही बार होता है ऐसा कि किसी ग्रुप में कोई मैसेज करता है, फालतू से पोस्ट आते हैं और कुछ सौ मैसेज तो रोजाना आपके वॉट्सएप अकाउंट में आ ही जाते होंगे. अब बेचारा एडमिन कहां-कहां और किसको रोकेगा.

हालांकि...

2016 के एक ऑर्डर में दिल्ली हाईकोर्ट ने ऐसे ही एक मामले में ये आदेश दिया था कि अगर किसी ग्रुप में कोई कंटेंट पोस्ट किया जा रहा है तो वॉट्सएप एडमिन इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि अलग-अलग मामलों में वॉट्सएप एडमिन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था. ये फैसला आशीश भल्ला और सुरेश चौधरी के बीच वॉट्सएप ग्रुप पर मानहानि का दावा करने की वजह से सुनाया गया था. कोर्ट ने कहा था कि कोई भी पोस्ट ग्रुप में एडमिन की मर्जी से नहीं भेजा जाता है.

बेवजह नहीं है एडमिन को दोषी ठहराने का ये ऑर्डर-

ये बेवजह का कोई कानून नहीं है. अगर आपको लगता है कि ऐसा क्यों तो जरा इन बातों पर ध्यान दे दीजिए.

1. 2015 में एक वॉट्सएप मैसेज ने चेन्नई के लोगों में दहशत पैदा कर दी थी. एक मैसेज सभी वॉट्सएप ग्रुप में भेजा जा रहा था कि अगले 72 घंटों में चेन्नई में फिर से बाढ़ जैसे हालात बनेंगे और इस बार लोगों को ज्यादा नुकसान पहुंचेगा.

लोगों से अपील की गई थी कि चेन्नई को खाली कर दें और शहर से दूर रह रहे रिश्तेदारों के पास लोग पनाह लें. इस मैसेज में ये भी लिखा गया था कि विप्रो लोगों को बाहर भेजने में मदद कर रही है.

2. 2015 में ही मुंबई पुलिस कमिशनर को एक हॉटलाइन सेटअप करनी पड़ी थी जिसमें परेशान माता-पिता फोन कर रहे थे. ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि एक वॉट्सएप मैसेज ने ये बात फैला दी थी कि महिलाओं की एक गैंग मुंबई में बच्चे चुरा रही है.

3. 2015 में ही मोदी की एक फोटो वायरल होने लगी थी जिसमें वो जमीन पर झाड़ू लगा रहे थे. ये फेक फोटो थी.

whatsapp imageमोदी की ये फोटो वायरल हो गई थी. ये फेक फोटो थी.4. पिछले साल पुलिस ने करीब आधा दर्जन से ज्यादा वॉट्सएप एडमिन को गिरफ्तार किया था क्योंकि वो गलत जानकारी वायरल कर रहे थे.

5. 2016 में ही शुरू के 9 महीने में सरकार ने भारत के कई हिस्सों में लगभग 22 बार इंटरनेट बंद किया था क्योंकि सोशल मीडिया और वॉट्सएप पर अलग-अलग तरह की अफवाहें फैलाईं जा रही थीं. इसका जिक्र नैशनल लॉ यूनिवर्सिटी की इंसिडेंट ऑफ इंटरनेट शटडाउन इन इंडिया (2010 ऑनवर्ड्स) नाम की एक रिपोर्ट में दिया गया है. ये अधिकतर बार जम्मू और कश्मीर में बंद हुआ है.

अब एक बार फिर आते हैं ताजा वॉट्सएप ग्रुप के ऑर्डर पर. ये तो कुछ किस्से थे. इसके अलावा, unesco के मोदी को बेस्ट पीएम लिस्ट में शामिल करने से लेकर फ्रूटी में HIV वायरस होने तक बहुत कुछ वॉट्सएप ग्रुप्स में फॉर्वर्ड किया जाता है. लोगों ने तो वॉट्सएप में जन गन मन को बेस्ट नैशनल एंथम बनाने के लिए वोटिंग करना तक शुरू कर दिया था. ये सब अफवाहें कहीं ना कहीं किसी के दिमाग की उपज होती हैं जिन्हें रोकने के लिए ये नियम एक नई पहल है. हालांकि, सिर्फ वॉट्सएप एडमिन को दोषी ठहराना भी ठीक नहीं है.

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लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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