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Updated: 06 सितम्बर, 2022 02:48 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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एशिया कप में पाकिस्तान से हारने के बाद टीम इंडिया के प्रतिभाशाली गेंदबाज अर्शदीप सिंह के खिलाफ सोशल मीडिया पर जमकर प्रोपेगेंडा फैलाया गया. अर्शदीप सिंह के विकिपीडिया पेज को पाकिस्तान में बैठकर किसी शख्स ने एडिट किया. और, पेज में अर्शदीप सिंह के नाम के साथ जबरन खालिस्तानी कनेक्शन स्थापित करने की कोशिश की गई. सोशल मीडिया पर पाकिस्तान प्रायोजित अकाउंट्स ने अर्शदीप सिंह के खिलाफ जहर उगलने में कोई कमी नहीं रखी. लेकिन, ये सब कुछ किया जा रहा था भारतीय फैन्स बनकर. यानी भारतीय फैन्स के नाम पर अर्शदीप सिंह को खालिस्तानी करार दिया जा रहा था. और, टीम इंडिया को पाकिस्तान से मिली हार के इस भावुक पल में कुछ भारतीय फैन्स भी इस प्रोपेगेंडा का शिकार हो गए.

हालांकि, अब ये सामने आ चुका है कि सोशल मीडिया पर फैलाया गया ये प्रोपेगेंडा पाकिस्तान समर्थित था. तो, बहुत से लोग मांग कर रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मैचों पर पाबंदी लगा दी जानी चाहिए. जिस तरह से भारत ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों को आईपीएल में बैन किया है. जिस तरह से बीसीसीआई ने कड़ा फैसला लेकर टीम इंडिया और पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के बीच द्विपक्षीय सीरीज पर रोक लगाई है. उसी तरह ही अब भारत-पाक मैच बिल्कुल बंद होने चाहिए. लोगों के कहना है कि पाकिस्तान घात की ताक में रहता है.

Ban on Team India and Pakistan Cricket Matchटीम इंडिया की हार पर पाकिस्तान जिस तरह से प्रोपेगेंडा फैलाता है. वो भारत के लिए खतरे की घंटी है. (Photo Credit: AFP)

प्रथम दृष्टया ये मांग भले ही अटपटी लगे. लेकिन, जिस पाकिस्तान का आधार ही इस्लामिक देश के रूप में हो. और, वह भारत के खिलाफ साजिशें रचने का कोई मौका न छोड़ता हो. उसके खिलाफ दुनिया के सबसे अमीर और ताकतवर क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई को कुछ तो कड़े फैसले लेने होंगे. और, इसका फैसला बीसीसीआई को ही करना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच मैच बंद होते हैं या नहीं. लेकिन, पिछले एक साल में भारत ने पाकिस्तान के साथ तीन टी20 मैच खेले हैं. जिसमें से दो मैच हारे और एक जीता है. उन दो हारे मैचों के बाद जो हुआ, वह भारत के लिए सबक है.

दरअसल, ये एक ऐसी चीज है, जो हर बार होती है. लेकिन, इसके बावजूद लोगों को समझ नहीं आता है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो ये इकलौता मामला नहीं है. बल्कि, पाकिस्तान की ओर से मजहबी धर्मान्धता में लगातार ऐसी चीजें की जाती रही हैं. जो भारत के लिए खतरे की घंटी हैं. क्योंकि, ऐसी किसी भी घटना से भारत में सांप्रदायिक माहौल बिगड़ सकता है. और, चुटकियों में सोशल मीडिया से निकलकर ये आग कई घरों को जला सकता है. आइए डालते हैं इन पर एक नजर...

मोहम्मद शमी को ISI एजेंट बताने वाला एपिसोड

बीते साल टी20 वर्ल्ड कप के दौरान पाकिस्तान ने टीम इंडिया को 10 विकेट से हराया था. इस हार के बाद टीम इंडिया के हर खिलाड़ी को सोशल मीडिया पर उनके खराब प्रदर्शन के लिए ट्रोल किया गया था. लेकिन, पाकिस्तान ने इसे एक मौके की तरह देखा. बीते साल 24 अक्टूबर को पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट्स से मोहम्मद शमी को निशाना बनाया गया. और, भारतीय फैन्स बनकर शमी को आईएसआई एजेंट बताते हुए धड़ल्ले से ट्वीट किए. वहीं, अगले दिन जब ये मुद्दा सुर्खियों में आ गया. तो, उन्हीं पाकिस्तानी अकाउंट्स ने 'पाक स्टैंड विद शमी' का हैशटैग ट्रेंड चलाया. शमी के इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी अपमानजनक कमेंट करने वालों में पाकिस्तानी यूजर्स ही थे. उस दौरान भी मोहम्मद शमी को सिर्फ मुस्लिम होने की वजह से निशाना बनाए जाने की बात पाकिस्तानी पत्रकारों तक ने कही थी. आसान शब्दों में कहा जाए, तो जब टीम इंडिया के सभी खिलाड़ी ट्रोल हो रहे थे. तो, पाकिस्तान को अपने एजेंडा को बढ़ाने का मौका मिला. जिसे उसने लपकते हुए दुनियाभर में चर्चा करवा दी कि शमी अपने मजहब की वजह से ट्रोल किए जा रहे हैं. 

पाकिस्तान के तत्कालीन गृह मंत्री शेख रशीद ने कहा- 'ये इस्लाम की जीत है'

बीते साल पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की जीत पर पाकिस्तान के तत्कालीन गृह मंत्री शेख रशीद ने भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला था. शेख रशीद ने पाकिस्तान की इस जीत को न केवल इस्लाम की जीत करार दिया था. बल्कि, नफरती जहर फैलाते हुए ये भी कह डाला था कि पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के साथ पूरी दुनिया के मुसलमानों समेत भारत के मुस्लिमों के भी जज्बात थे. शेख रशीद ने अपने वीडियो में इस्लाम जिंदाबाद का नारा भी पुरजोर तरीके से लगाया था. 

हिंदुओं के बीच नमाज की वकालत करते वकार यूनुस

पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज वकार यूनुस भी मजहबी धर्मान्धता के आगे सजदा करते हुए ही नजर आते हैं. अपनी जिहादी और हिंदूविरोधी मानसिकता के लिए मशहूर वकार यूनुस ने भी बीते साल टी20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान की जीत पर खूब जहर उगला था. दरअसल, इस मैच में पाकिस्तान के विकेटकीपर बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान ग्राउंड पर नमाज अदा करते देखे गए थे. इस पर टिप्पणी करते हुए पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर वकार यूनुस ने कहा था कि 'हिंदुओं के बीच मैदान पर रिजवान का नमाज अदा करना बहुत खास था.' खुद ही सोचिए कि क्या कोई पूर्व खिलाड़ी इस तरह की टिप्पणी मजहबी धर्मान्धता वाली टिप्पणी कर सकता है? लेकिन, बात अगर पाकिस्तान की की जाए, तो कुछ भी संभव है. 

अब अर्शदीप सिंह के बहाने खालिस्तान का एजेंडा सोशल मीडिया पर वायरल करना

एशिया कप में भारत-पाक मैच के बाद अर्शदीप सिंह के बहाने खालिस्तान एजेंडा को सोशल मीडिया पर वायरल कर पाकिस्तान ने फिर भारत को झटका ही दिया है. बीते साल ही किसान आंदोलन के दौरान पाकिस्तान समर्थित खालिस्तानी अकाउंट्स ने भारत के खिलाफ पूरी दुनिया में माहौल बनाया था. दावा किया जा रहा था कि भारत सरकार द्वारा सिखों को प्रताड़ित किया जाता है. और, इस बार अर्शदीप सिंह को निशाना बनाकर भी पाकिस्तान ने वही कोशिश की थी. ये अलग बात है कि इस बार पाकिस्तान का ये एजेंडा चल नहीं सका. लेकिन, भावनाओं में बहकर कुछ भारतीयों ने भी ऐसे ही ट्वीट कर दिये. जिसे भारत के ही स्वघोषित फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर ने भी अपना एजेंडा साधने के लिए जमकर वायरल किया.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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