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Updated: 19 मई, 2016 07:39 PM
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बाएं हाथ में नौ टांके लेकिन जीतने की जिद ऐसी कि उसके सामने सबकुछ ताक पर. ये विराट कोहली हैं. कोहली अभी जिस भी लय है और जो कुछ कर रहे हैं, वह निश्चित तौर पर सामान्य नहीं है. अनोखा है. वह बल्लेबाजी की नई परिभाषा गढ़ रहे हैं. कहां जा कर रूकेंगे, इसका अंदाजा किसी को नहीं है. और सच मानिए तो कोई इसका अंदाजा लगाना भी नहीं चाहता. किसने सोचा था कि 15 ओवरों के एक मैच में शतक भी देखने को मिलेगा. 200 से ज्यादा रन बनेंगे. लेकिन कोहली ने ये सब संभव कर दिखाया. पूरी पारी के दौरान कभी भी ऐसा नहीं लगा कोहली चोटिल हैं. उनके दिमाग में बस एक बात कि प्रतिद्वंद्वी टीम के सामने लक्ष्य ऐसा रख दो कि जीत सुनिश्चित हो जाए और उन्होंने ऐसा किया भी.

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे मौके आए होंगे जब चोट के कारण बेहद महत्वपूर्ण खिलाड़ियों को उस समय टीम से बाहर होना पड़ा, जब टीम को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी. कई उदाहरण ऐसे भी हैं जब उन खिलाड़ियों ने चोट की परवाह नहीं करते हुए न केवल खेल को तवज्जो दी बल्कि दमदार प्रदर्शन भी किया. बहुत याद करने के बाद आखिरी बार 2002 का एंटिगा टेस्ट ही याद आता है जब वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच में अनिल कुंबले जबड़े में लगी गंभीर चोट के बावजूद पट्टी बांध कर मैदान में गेंदबाजी के लिए आए थे.

खैर, बात तो कोहली की हो रही है. कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ मैच के बाद जब कोहली से सवाल किया गया था कि वे क्या किंग्स इलेवन के खिलाफ भी खेलेंगे. तो कोहली का जवाब स्पष्ट था, 'मुझे अभी सात या आठ टांके लगेंगे. 10 भी लगें. अगर हम अगले दो मैच जीतते हैं तो मुझे इनसे कोई फर्क नहीं पड़ता.' ये जवाब अपने आप में दर्शाता है कि कोहली किस स्तर के खिलाड़ी हैं. उनकी प्रतिबद्धता कैसी है. प्लेऑफ में जगह सुनिश्चित करने के लिए रॉयल चैलेंजर्स को दोनों मैच जीतने जरूरी थे. किंग्स इलेवन के खिलाफ उसे जबर्दस्त जीत मिली और अब आखिरी मैच उसे दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ खेलना है.

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 शतक के बाद...

अपने दम पर कोहली क्या कुछ कर सकते हैं, ये इसका एक नमूना है. IPL के इस सीजन में 13 मैचों में कोहली 865 रन बना चुके हैं. ये एक रिकॉर्ड है. इससे पहले एक आईपीएल सीजन में सर्वाधिक रन बनाने का कीर्तिमान क्रिस गेल (733) के नाम था. ये भी दिलचस्प है कि इस आईपीएल से पहले कोहली के नाम टी-20 क्रिकेट में कोई शतक नहीं था. लेकिन इन 13 मैचों में चार शतक उनके बल्ले से निकले. एक आईपीएल सीजन में सर्वाधिक शतक लगाने से लेकर तीन सीजन में 500 रनों का आकड़ा छूने वाले भी वह पहले कप्तान हैं. इससे पहले सचिन ने दो बार बतौर कप्तान 500 रनों का आंकड़ा पार किया था. साथ ही आईपीएल में 4000 रन बनाने वाले भी वह पहले बल्लेबाज बन गए हैं. 

ये सब खास इसलिए है कि कोहली उस टूर्नामेंट में एक से बढ़कर एक कारनामा कर रहे हैं, जिसमें दुनिया भर के बेहतरीन क्रिकेटर हिस्सा लेते हैं. इस लिहाज से कोहली को आज के दौर का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज भी कह लीजिए तो भी हैरानी नहीं होनी चाहिए. 

वैसे, इन सबसे अलग कोहली बतौर कप्तान जो कर रहे हैं, वह उन लोगों के लिए जवाब है जो उन्हें भविष्य का कप्तान बताने से कतराते रहे हैं. 2014 के आखिर में ऑस्ट्रेलिया में जब पहली बार कोहली को टेस्ट टीम की कप्तानी सौंपी गई तभी उन्होंने अपनी दावेदारी को बखूबी साबित किया था. इसके बाद कोहली के नेतृत्व में ही पिछले साल अगस्त में श्रीलंका में तीन टेस्ट मैचों की सीरीज टीम इंडिया 2-1 से जीत हासिल करने में कामयाब रही. तब 22 साल बाद श्रीलंका में टीम इंडिया ने कोई टेस्ट सीरीज जीती थी. इशारा साफ है. कोहली अभी जिस रास्ते पर हैं, वो उन्हें तमाम पूराने दिग्गजों से भी कहीं आगे ले जाकर खड़ा करने वाला है.

वैसे, सचिन तेंडुलकर से तुलना होने पर कोहली कहते रहे हैं, ये उन्हें शर्मिंदा कर देता है. लेकिन बात तो सर डॉन ब्रैडमैन की भी होनी चाहिए. ब्रैडमैन ने सचिन तेंडुलकर को खेलते हुए देखने के बाद कभी कहा था कि वो बिल्कुल मेरे जैसा खेलते हैं. जरा सोचिए, अगर ब्रैडमैन आज जिंदा होते तो कोहली को देखकर क्या कहते...

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