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Updated: 19 जुलाई, 2022 10:09 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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टीम इंडिया के स्टार विकेटकीपर ऋषभ पंत की शानदार बैटिंग की चर्चा जोरों पर है. इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे वनडे में शानदार शतक लगाकर ऋषभ पंत ने अब तक हो रही आलोचनाओं को मुंहतोड़ जवाब दिया है. वैसे, 24 साल के इस युवा खिलाड़ी के पास अभी बहुत क्रिकेट बची है. और, ऋषभ पंत की हालिया इनिंग ने साबित कर दिया है कि अगर वह शुरुआती कुछ मिनटों तक विकेट पर जमे रहने की कोशिश करें. तो, शायद हर बार उनके बल्ले से एक बेहतरीन पारी देखने की उम्मीद की जा सकती है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो ऋषभ पंत अब वनडे मैचों में 'मैच विनर' के साथ ही 'मैच फिनिशर' खिलाड़ी के तौर पर भी मशहूर होने वाले हैं. वैसे, उम्र के जिस पड़ाव पर ऋषभ पंत खड़े हैं. उनके पास एक बड़ा मौका है. लेकिन, देखना होगा कि वह 'धोनी' बनेंगे या 'विराट'?

Rishabh Pant Mahendra Singh Dhoni Virat Kohli Cricket Team India Wicket keeper Batsmanऋषभ पंत ने वनडे में पहला शतक जड़ कर आलोचनाओं को किनारे लगाया है.

क्या आक्रामकता को बल्ले तक सीमित रख पाएंगे पंत?

पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने आईसीसी की सभी ट्रॉफी को अपने 'कैप्टन कूल' अंदाज से टीम इंडिया के खाते में डाला. कैसी भी परिस्थिति रही हो, क्रिकेट फैंस ने महेंद्र सिंह धोनी को अपना पारा खोते हुए नहीं देखा है. अपने शांत स्वभाव के साथ मैदान पर आने वाले महेंद्र सिंह धोनी लंबे समय तक टीम इंडिया के लिए 'मैच फिनिशर' की भूमिका निभाते रहे हैं. आसान शब्दों में कहा जाए, तो कैप्टन कूल का तमगा महेंद्र सिंह धोनी को उनके कूल टेम्प्रामेंट ने दिलाया था.

वहीं, विराट कोहली की बात करें. तो, कोहली भी टीम इंडिया के सफलतम कप्तानों में से एक रहे हैं. विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने कई रिकॉर्ड तोड़े हैं. लेकिन, विराट कभी भी टीम इंडिया को कोई आईसीसी ट्रॉफी नहीं जिता सके. ऐसा नहीं है कि इस दौरान विराट का बल्ला नहीं बोला. विराट कोहली ने 462 मैचों में 23709 रनों के साथ 70 शतक जड़े. और, टीम इंडिया के लिए 'मैच विनर' की भूमिका निभाते रहे. लेकिन, करीब तीन साल से खराब फॉर्म का शिकार हैं.

इसकी सबसे बड़ी वजह विराट कोहली की आक्रमकता को माना जाता है. दरअसल, विराट कोहली पिच के पास खड़े हों या बाउंड्री लाइन पर उनकी आक्रामकता बाहर आ ही जाती है. अंपायर से लेकर विपक्षी टीम के खिलाड़ियों से भिड़ंत विराट कोहली की आक्रामकता के कुछ उदाहरण भर हैं. वरना विराट तो दर्शक दीर्घा से आने वाली शब्दों पर भी रिएक्ट करने से नहीं चूकते हैं. जबकि, ऐसी ही जगहों पर महेंद्र सिंह धोनी अपने शांत स्वभाव को बनाए रखते थे. अंपायरों या विपक्षी खिलाड़ियों से बहस के समय भी महेंद्र सिंह धोनी के हाव-भाव बिल्कुल शांत नजर आते थे. दबाव भरे मैचों में भी महेंद्र सिंह धोनी का गुस्सा कभी उनके चेहरे पर महसूस नहीं किया जा सकता था. आसान शब्दों में कहा जाए, तो महेंद्र सिंह धोनी की आक्रामकता उनके बल्ले तक ही सीमित थी. इस मामले में विराट कोहली थोड़ा कमजोर नजर आते हैं.

राह पर तो 'धोनी' की ही चल रहे हैं पंत, लेकिन...

इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे वनडे में ऋषभ पंत की ओर से खेली गई शतकीय पारी के बाद उन्होंने जश्न मनाया. लेकिन, इस जश्न में सौम्यता का पुट था. टेस्ट मैचों में कई मैचजिताऊ पारियों के साथ पांच शतक जमा चुके ऋषभ पंत कभी भी उग्र होते दिखाई नहीं पड़ते हैं. वैसे, महेंद्र सिंह धोनी और ऋषभ पंत में इससे इतर भी कई समानताएं हैं. दोनों ही विकेटकीपर होने के साथ आक्रामक बल्लेबाज हैं. महेंद्र सिंह धोनी की तरह ही ऋषभ पंत भी मैच को पलटने का माद्दा रखते हैं. और, आखिरी ओवरों में विस्फोटक खेल दिखाने से नहीं चूकते हैं. कई बार क्रिकेट के मैदान पर ऋषभ पंता को महेंद्र सिंह धोनी की नकल करते हुए स्टंपिंग या रन आउट करने की कोशिश करते हुए भी देखा जा चुका है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो पंत कहीं न कहीं धोनी की राह पर ही चल रहे हैं. लेकिन, अभी तक कप्तानी में उनके जैसे साबित नहीं हो सके हैं. वैसे भी ऋषभ पंत को बीसीसीआई की ओर से एक प्रयोग के तौर पर ही कप्तान बनाया गया है. लेकिन, अगर वह अपने प्रदर्शन में निरंतरता बनाए रखते हैं. तो, उन्हें मौका मिलना कोई बड़ी बात नहीं है.

विवादों से दूर ऋषभ पंत क्यों बन सकते हैं अगले 'धोनी'?

विराट कोहली के नाम साथ विवादों की एक लंबी लिस्ट जुड़ चुकी है. टीम इंडिया के साथी खिलाड़ियों से विवाद से इतर विराट कोहली सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रियाओं के जरिये भी विवादों में शामिल होने से संकोच नहीं करते हैं. इतना ही नहीं, विराट कोहली की आलोचना अपने खेल की जगह विज्ञापनों को लेकर भी खूब होती थी. लेकिन, क्या ऐसा कभी महेंद्र सिंह धोनी के लिए सुना गया था? महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तानी के दौरान बेवजह के विवादों से खुद को दूर ही रखा था. और, ऐसा भी नहीं है कि धोनी उस दौरान बड़ी संख्या में विज्ञापन नहीं करते थे. लेकिन, महेंद्र सिंह धोनी अपनी पारियों से अपने विज्ञापनों को जस्टिफाई करते रहते थे. लेकिन, विराट के मामले में ये चीज गायब नजर आती है. खैर, महेंद्र सिंह धोनी की तरह ही ऋषभ पंत भी विवादों से दूर ही खड़े दिखाई पड़ते हैं. वैसे, ऋषभ पंत एक युवा खिलाड़ी हैं. और, उनके सामने एक लंबा क्रिकेट करियर पड़ा है. तो, देखना दिलचस्प होगा कि वह 'धोनी' बनेगे या 'विराट'?

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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