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Updated: 09 अप्रिल, 2017 01:05 PM
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यूपी की नई सरकार की नयी पहल है एक बड़ा फैसला. अब योगी सरकार के राज में 3 रुपये में नाश्ता और 5 रुपये में मिलेगा, मतलब अब प्रदेश में कोई भी गरीब भूखा नहीं रहेगा! आदित्यनाथ ने जो कहा था वो सब वो करने जा रहे हैं. किंचित देश के एक बड़े बुद्धिजीवी तबके को यह स्कीम रास नहीं आ रहा है इनका मानना है. हालाँकि, ये पहला फैसला नहीं है जो जनता के लिए पॉपुलिस्ट कार्यक्रम होगा, लेकिन इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा सकता है, कि कम से कम प्रदेश में अब भूख से कोई नहीं मरेगा और इस उद्देश्य से इस कार्यक्रम को लागू किया जा रह है तो ये सही और राज्य के जनता के प्रति सहृदयता से लागू किया जाने वाला कार्य करम सिद्ध होने वाला है.

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नाश्ता 3 रुपये और भोजन 5 रुपये -  

इस योजना में सुबह नाश्ता, दिन का खाना और रात का डिनर होगा. इसमें नाश्ते में दलिया, इडली-सांभर, पोहा और चाय-पकोड़ा होगा तो खाने में रोटी, मौसम की हरी सब्जियां, अरहर की दाल और चावल मिलेगा. नाश्ता 3 रुपये और भोजन 5 रुपये का होगा. अन्नपूर्णा भोजनालय यूपी के सभी नगर निगमों में खोले जाएंगे. सरकार की इस योजना में 3 वक्त का पोषण उपलब्ध कराया जाएगा. जिसमे सुबह का नाश्ता, दिन का खाना और रात का डिनर भी रहेगा. सचिव ने जो मसौदा तैयार किया है. उसे अन्नपूर्णा भोजनालय का नाम दिया गया है. सरकार की कोशिश है कि भोजनालय उन जगहों पर खोला जाए जहां ज्यादा से ज्यादा गरीबों को इसका फायदा मिल सके.

राज्य सरकार चाहती है कि गरीबों, मजदूरों, रिक्शा चालकों, कम पगार पाने वालों को खाली पेट काम न करना पड़े. उन्हें सस्ता पौष्टिक भोजन मिल सके. श्रम विभाग ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है. साथ ही नगर विकास विभाग भी योजना को लागू करने व समन्वय के लिए लगाया गया है. राज्य सरकार गरीबों, मामूली आय वालों के लिए कई ऐसी योजनाएं शुरू करने की तैयारी में है जिससे सीधा फायदा उन्हें मिले. इसमें सुबह का नाश्ता और दोपहर व रात का खाना मुख्य है. श्रम विभाग मजदूरों को 10 रुपये में दोपहर का खाना देने की योजना चला रहा है. अब वह चाहता है कि गरीबों के लिए तमिलनाडु की अम्मा कैंटीन की तर्ज पर नाश्ता व दोपहर का भोजन शुरू किया जाए.

कितनी जगहों पर ये योजना शुरु होगी...

अन्नपूर्णा भोजनालय को प्रदेश के सभी 14 नगर निगमों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के अंतर्गत शुरू किया जाएगा. मुख्य सचिव की देखरेख में योजना पर तेजी से काम चल रहा है और यह अपने अंतिम चरण में है. खाने में गुणवत्ता का भी ध्यान रखा जाएगा.

इस योजना से सरकार पर कितना आर्थिक बोझ...

• श्रम विभाग के एक बड़े अधिकारी के मुताबिक गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर और गोरखपुर में इस योजना को पायलट प्रॉजेक्ट के रूप में शुरू किया जा सकता है.

• पहले चरण में करीब 275 कैंटीन खोलने का विचार है जिस पर 153.59 करोड़ रुपये के आसपास खर्च का अनुमान लगाया गया है.

• नाश्ता, लंच और डिनर इस कैंटीन से करेगा तो 13 रुपये खर्च आएगा.

• इसकी कुल लागत करीब 48 रुपये आएगी, लेकिन 35 रुपये राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी.

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इससे पहले भी कई राज्यों में हुआ है ऐसा...

• राजस्थान में अन्नपूर्णा रसोई चल रही है जहां 5 रूपये में नाश्ता और 8 रूपये में खाने का प्लेट मिल रही है.

• तमिलनाडु में अम्मा कैंटीन को 2013 में लागू किया गया, जहाँ रोटी 3 रूपये में मिलती है और दाल फ्री. उसके साथ ही साउथ इंडियन खाने की भी व्यवस्था की गयी, ये कार्यक्रम काफी लोकप्रिय भी हुआ है.

• ओडिशा में 30 जिलों के 111 केंद्रों पर 5 रूपये का खाने का प्लेट मिल रहा है. 

 • आंध्र प्रदेश - NTR अन्ना कैंटीन, 2016 में चंद्र बाबू नायडू ने शुरू की थी. ये कार्यक्रम उन सरकारी कर्मचारियों के लिए बना जो हैदराबाद से नई राजधानी अमरवती गए हैं. • तेलंगाना में 2014 से 50 जगहों पर 5 रूपये में प्लेट मिलता है.

• झारखण्ड में मुख्यमंत्री दाल भात योजना चल रही है 370 केन्द्रों पर जिसे अर्जुन मुंडा के कार्यकाल में लागू किया गया था.

• मध्य प्रदेश के 49 जिलों में दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना के तहत शेलटर होम्स में 5 रूपये में खाना मिलता है, इस योजना को मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के द्वारा लागू किया गया था.

• दिल्ली में जनवरी 2017 में आम आदमी कैंटीन की शुरुआत की गयी जहाँ 10 रूपये में खाना मिलता है. इसे LNJP अस्पताल से शुरू किया गया.

• हिमाचल प्रदेश में फरवरी 2017 में 'राजीव थाली योजना की शरुआत की गई जिसमें 25 रूपये की भोजन की थाली मिलती है.

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लेखक

जगत सिंह जगत सिंह @jagat.singh.9210

लेखक आज तक में पत्रकार हैं.

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