क्या मिलेगा सलमान को सजा देकर?
हिट एंड रन मामले में सलमान खान को सजा के एलान के बाद देश दो भागों में बंट गया है. एक ओर सलमान के फैन्स हैं, तो दूसरी ओर कानून जिंदाबाद का नारा लगाने वाले.
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हिट एंड रन मामले में सलमान खान को सजा के एलान के बाद देश दो भागों में बंट गया है. एक वे हैं, जो दो दिन से दुआ-प्रार्थना कर रहे थे कि उनके चहेते हीरो को कुछ न हो. और दूसरे वे हैं, जो इंतजार कर रहे थे कि सजा का एलान होते ही वे कानून जिंदाबाद के नारे लगाएं. तो सलमान की सजा से फर्क किसे पड़ेगा-
वे जो सलमान के फैन हैं:अरे सलमान ने ऐसा क्या गुनाह कर दिया. उनकी रहम दिली किसी से छुपी नहीं है. उनसे जलने वालों ने उन पर गलत इल्जाम लगा दिए. और यदि गलती से सोए हुए लोगों पर गाड़ी चढ़ा भी दी, तो इसमें सलमान की क्या गलती. वे लोग सड़क पर सोए ही क्यों थे.
वे जो सजा के एलान का इंतजार कर रहे थे:रात को तीन बजे शराब के नशे में धुत्त. चार लोगों को अपनी कार से रौंद दिया था. एक की मौत हो गई थी, जबकि बाकी तीन घायल हो गए थे. फिर चली लंबी और थका देने वाली कानूनी लड़ाई. एक ओर पैसे और रुतबे वाले सलमान खान और दूसरी ओर गरीब और मजलूम लोग. झूठी गवाहियां करवाई गईं. लेकिन कानून की व्यवस्था ताकतवर और तटस्थ न होती तो हो सकता था कि सलमान बच भी जाते. लेकिन ऐसे नहीं हारती.
यह बहस किस ओर जाएगी, पता नहीं. लेकिन ये सच है कि सलमान को सजा मिलने से किसी को कोई सबक मिलने वाला नहीं है. क्योंकि, कानून का उल्लंघन तो आज कदम-कदम पर होता है. 90 फीसदी लोग ऐसा करते पाए जाएंगे. चाहे टैक्स चोरी हो, अभद्रता हो, कोई या़त्रा के दौरान नियमों का उल्लंघन हो. किसान, मजदुरों का हक न देकर ऐसा किया गया हो या संसाधनों का दुरुपयोग किया गया हो. या़त्रा के नियमों के पालन, शराबखोरी और घरेलू हिंसा अपराध के माध्यम से कहीं न कहीं जाने अनजाने में कानून का उल्लंघन होता है. खा़द्य सुरक्षा कानुन का अवलोकन करे तो लगभग 95 प्रतिशत खाद्य निर्माता, विक्रेता इस कानुन का उल्लंघन करते पाये जायेंगे.
सलमान के साथ आम व्यक्ति की सहानुभुति है, क्योंकि वे हीरो हैं. जो यदि कहते हैं कि 'मैंने एक बार कमिटमेंट कर दिया, तो मैं खुद की भी नहीं सुनता', उस समय तो दर्शकों की भी भुजाएं फड़कने लगती हैं. सलमान लोगों को अच्छाई के लिए प्रेरित करते हैं. ऐसे अपराधियों का कोई तो अलग वर्ग होना चाहिए.

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