New

होम -> समाज

 |  5-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 23 जनवरी, 2022 05:06 PM
सरिता निर्झरा
सरिता निर्झरा
  @sarita.shukla.37
  • Total Shares

नए जोड़े की शादी में जितनी खुश वो युगल जोड़ी होती है उतनी ही उनका परिवार भी. बाकि अडोसी पड़ोसी तो पनीर में नमक कम और डीजे के खराब संगीत की शिकायत लिए निकल जाते हैं. अमूमन तो यही होता है लेकिन जब ये जोड़ी कोई सेलेब्रिटी हो तो उनकी डेटिंग की खबरों से ले कर उनकी प्रोपोज़ल और सगाई की अंगूठी के कैरट से ले कर शादी के जोड़े तक में परिवार से ज्यादा हम- यानि आप, मैं, अडोसी पड़ोसी वर्मा शर्मा जी से ले कर खबरों के चैनल तक खुश होते है. अब असल ख़ुशी कितनी है और उत्सुकता कितनी. ये तो नहीं पता. लेकिन हां हम उनकी हर खबर पर नज़र ज़रूर रखते हैं. शादी के बाद उनके हनीमून, एनिवर्सरी हॉलिडे, की तस्वीरों को एंलार्ज कर कर के देखते हुए, हम भी दिन गिनते हैं की अब नन्हे मुन्ने के आने की खबर हम तक कैसे पहुंचेगी. फिर किसी रोज़ इंस्टाग्राम या किसी बेबी बम्प ज़ाहिर करती तस्वीर से खबर लगती है और हम सुठोरे की महक में मगन हो जाते हैं.

महीने दर महीने की खबर, फ्लौंटिंग बम्प से ले कर प्रेग्नेंसी ग्लो तक सब कुछ चर्चा का विषय और फिर जा कर एक और खबर, फिर बजता है- अवध में बाजे बधैया! ऐश्वर्या से लेकर करीना और अनुष्का तक हमने महीनो की खबर रखी. नहीं? इन सब के बीच कभी कभी अचानक आती है खबर- मातृत्व के आगमन की! वो भी बिना किसी सुगबुगाहट के.

Priyanka Chopra, Nik Jonas, Surrogacy, Pregnant, Adoption, Kid, Mother, Bollywoodप्रियंका और निक की शादी के फ़ौरनबाद ही ये सवाल हो रहा था कि आखिर प्रियंका मां कब बनेंगी?

ऐसा ही कुछ हुआ जब प्रियंका और निक जोनस ने अपने सोशल मिडिया के हवाले से खबर साझा की ,की वो सरोगेसी के ज़रिये माता पिता बन गए है और सभी से इस खबर को साझा करते हुए प्राइवेसी देने की दरकार की जाती है. यूं अचानक? अभी कुछ ही दिन पहले उनके आशियाने में दरार की खबर की उड़ती खबर आई थी.

प्रियंका और निक ने ऐसी हर खबर को झुठलाया लेकिन शादी के दो साल के बाद भी खुशखबरी न देने वाली बहू को कोसने वाला हमारा समाज ऐसे में सीरियल वाली 'प्लॉटिंग स्कीमिंग सास' में बदल जाता है और सोच के घोड़े दौड़ते हैं. 'मैं कहूं कुछ माजरा तो है ही! एक तो छोरी बड़ी सै, उत्ते बिदेसी घर परिवार! न पूजा पाठ न टोटके. कौन जाने साथ होवे भी हैं दोनों कि...'

तो इन सारी अटकलों को एक साथ विराम देती हुई आई एक नन्ही सी पोस्ट. खबर ये भी कि छोटी प्रियंका का ही आगमन हुआ है! तो गाओ 'मिथिला मगन भई आज, सिया के जन्म भयल'

जहां एक तरफ सेलेब्स और फैंस ने इस खबर पर ख़ुशी ज़ाहिर की वहीं एक सवाल भी उठा ज़रूर है की अगर नौ महीने ज़िंदगी को भीतर पनपने देने के एहसास को महसूस नहीं करना था तो क्या अडॉप्शन बेहतर नहीं था? हॉलीवुड और बॉलीवुड दोनों ही में अडॉप्शन और सरोगेसी अब आम बात हो गयी है. जहां गौरी खान ने दो नैचुरल प्रेग्नेंसी के बाद तीसरे बच्चे को सरोगेसी से पाया वहीं शिल्पा शेट्टी, मंदिरा बेदी ने अडॉप्शन के ज़रिये दूसरा बच्चे का स्वागत किया.

दोनों ही ने बेटी का चुनाव किया और अपने परिवार को हम दो हमारे दो की तर्ज़ पर पूरा कर लिया. सन्नी लियोन ने सरोगेसी और अडॉप्शन दोनों को अपना कर एक ही बार में तीन बच्चों की खबर साझा की थी. इन सभी से पहले सुष्मिता सेन,मिस यूनिवर्स बनने के बाद ही, सालों पहले बिना विवाह के एक बच्ची को गोद ले कर समाज में चर्चा मुद्दा बन गयी थी.

ये बात ज़ाहिर है की मातृत्व की तुलना बेमानी है. मां पिता के लिए उनका बच्चा सबसे प्यारा है बिना 'सरोगेसी अडॉप्टेड या नेचुरल' के टैग के, किन्तु हर इस खबर पर एक बार बहस का मुद्दा ज़रूर उठता है कि क्या सरोगेसी और अडॉप्शन की तुलना हो सकती है? दोनों में बेहतर कौन है?

न अब आप सेंटी हो, इससे पहले ही बता दे की अडॉप्शन एक बच्चे को बेहतर भविष्य देता है. हालांकि प्रक्रिया बहुत आसान नहीं है किन्तु यकीनन एक बेहतर जीवन देने का सबाब है इसमें. इसे समाज सुधार से न जोड़े किन्तु अगर प्राकृतिक मातृत्व की ख़ुशी महसूस नहीं करनी तो क्यों न किसी मासूम को बेहतर कल दिया जाये.

वहीं सरोगेसी अपने आप में एक इंडस्ट्री का रूप ले रही है. अमरीकी मार्किट सर्वे के अनुसार 2020 में इसका मार्किट साइज़ 4.2 बिलियन है, जो की 2027 में बढ़ कर 39.2 बिलियन का होने वाला है. कारण बहुत है जैसे देर से विवाह, इनफर्टिलिटी और बिज़ी शेड्यूल! सेलेब्स में बढ़ती उम्र और उस उम्र के साथ अपनी फिगर के साथ खिलवाड़ न करने की इच्छा भी शामिल होगी ऐसा सोचना गलत नहीं है. आखिर स्क्रीन इमेज भी कोई चीज़ होती है.

भारत में सरोगेसी लॉ पर बीते कुछ सालों में काफी काम हुआ है. शुरूआती दौर में सरोगेसी को 'किराये पर कोख' के धंधे के रूप में बदलते देख इस पर लगाम लगाई गयी. इस बात को भी नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते की नैचुरल प्रेग्नेंसी को न अपनाने के निर्णय के बावजूद 'अपने अंश'  का मोह भी इन सेलेब्स को सरोगेसी की तरफ ले जाता है.

आखिर हैं तो इंसान ही और अपना अक्स एक नन्ही शक्ल में देखने का मोह, महसूस करने की बात है लिखने की नहीं. इन सब बातों के बावजूद एक ज़िंदगी का आना बेहद ख़ुशी की खबर होती है. अडॉप्शन या सरोगेसी - इस सवाल का कोई सही जवाब नहीं. नई ज़िंदगी को एक सुंदर दुनिया मिले और वो खुद इस दुनिया को बेहतर बनाये यही दुआ. प्रियंका के बच्चे के आने की खुशी में मामा मौसी बनने की आप सभी को बधाई!

ये भी पढ़ें -

Surrogacy & Celebs: प्रियंका-निक से गौरी-शाहरुख तक, इन वजहों से सरोगेसी से पेरेंट्स बने ये सेलेब्स

दीपिका-अनन्या से ज्यादा सिद्धांत चतुर्वेदी के लिए बड़ी फिल्म है गहराइयां

मार्च में RRR रिलीज के साथ हो सकती है साल की सबसे बड़ी भिड़ंत!

लेखक

सरिता निर्झरा सरिता निर्झरा @sarita.shukla.37

लेखिका महिला / सामाजिक मुद्दों पर लिखती हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय