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Updated: 21 नवम्बर, 2022 05:30 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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किसी जमाने में कहा जाता था कि हमारे देश में दूध की नदियां बहती थीं. लेकिन, ये दूध की नदियां अब सरस्वती नदी की तरह हो गई हैं. घर आए मेहमानों को सबसे पहले चाय-नाश्ता की जगह अब कोल्ड ड्रिंक पूछी जाने लगी है. चाय का चस्का रखने वाले जो लोग दिनभर में जमकर कई चुस्कियां ले लेते थे. अब छोटे से कपों में दूध कम पानी की चाय पी रहे हैं. क्योंकि, मदर डेयरी ने लागत का हवाला देते हुए दिल्ली-एनसीआर में दूध के दामों को फिर से बढ़ा दिया है. और, इस साल मदर डेयरी की ओर से दूध की कीमतों में ये चौथी बढ़ोतरी है. ये कहना गलत नहीं होगा कि जल्द ही अमूल दूध के दाम भी बढ़ ही जाएंगे. क्योंकि, दूध की लागत का असर तो पूरी इंडस्ट्री पर होगा. लेकिन, यहां केवल दूध के दाम नहीं बढ़े हैं. लोगों की धड़कनें बढ़ गई हैं.

Mother Dairy Hikes Milk Price People heartbeat is increasing day by day with fear of Recessionबढ़ती महंगाई और मंदी की आहट ने लोगों में डर भरना शुरू कर दिया है.

कोरोना महामारी के बाद महंगाई ने जिस तरह से सुरसा की तरह मुंह खोला है. बहुत से लोगों के शौक अब घर के बजट और जेब के हल्केपन से खत्म होते जा रहे हैं. क्योंकि, मामला सिर्फ दूध तक ही सीमित नहीं रह गया है. मिडिल क्लास के लोगों के लिए तो किसी न किसी तरह से दूध फिर भी अफोर्डेबल हो सकता है. उस दिहाड़ी मजदूर की सोचिए, जो 300 की दिहाड़ी में चाय पीने की सोच भी नहीं सकता. वैसे, कुछ ही दिन पहले अमेरिकी बिजनेसमैन और अमेजन के मालिक जेफ बेजोस ने मंदी के खतरे का ऐलान कर दिया है. और, इस मंदी का असर भारत पर भी पड़ेगा. आसान शब्दों में कहें, तो बढ़ती महंगाई के बीच मंदी की आहट ने लोगों के बीच खलबली मचा दी है. क्योंकि, बेरोजगारी बढ़ेगी, तो दूध अपनेआप ही लग्जरी आइटम में शामिल हो जाएगा.

वैसे, जब भी दूध की कीमतों को बढ़ाया जाता है. तो, हर बार डेयरी किसानों से दूध की खरीद लागत में बढ़ोतरी को ही जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है. वहीं, डेयरी किसानों का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद काफ यानी बछिया के जन्म पर असर पड़ा है. साथ ही मौसम की अनिश्चितता की वजह दूध नहीं हो पा रहा है. और, पशुओं के चारे में हो रही मूल्य वृद्धि के चलते भी दूध की कीमतों में इजाफा हो रहा है. मदर डेयरी के प्रवक्ता का कहना है कि 'त्योहारी मौसम के बाद भी मांग-आपूर्ति में अंतर जारी है.' ये सोचने वाली बात है कि त्योहारी सीजन में दूध की मांग बढ़ जाती है. लेकिन, उस समय दूध की सप्लाई में कोई कमी नहीं आई. लेकिन, त्योहारी सीजन के बाद अचानक मांग-आपूर्ति में अंतर आ गया. और, दाम बढ़ा दिए गए. बता दें कि इस साल दूध के दामों में 4 रुपये की बढ़ोत्तरी हो चुकी है.

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लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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