Miss universe 2021: हरनाज संधू की कामयाबी में उनके परिवार का योगदान याद रखिए...
बेटियां तो अपने लिए रास्ता बना ही लेंगी बस आप उनके लिए वैसा माहौल दे दीजिए जैसा हरनाज (Harnaaz Sandhu) के घरवालों ने उन्हें दिया.
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मिस यूनिवर्स 2021 का खिताब अपने नाम कर देश का मान बढ़ाने वाली हरनाज संधू (Miss universe 2021 winner Harnaaz Sandhu) पर हम सभी देशवासियों को गर्व है. गर्व होना भी चाहिए, आखिरकार 21 साल बाद हरनाज ने दक्षिण अफ्रीका और पराग्वे को पछ़ाड़ते हुए इस सूखे को खत्म किया है. आप क्या सोचते हैं? हमारे घर की बेटियां मिस यूनिवर्स, मिस वर्ल्ड, मिस इंडिया या फिर वे जो चाहें क्यों नहीं बन पाती हैं? जवाब शायद आपको भी पता होगा...
वैसे जिस बेटी ने कुछ बनने का सपना देखा होगा वह तो उसके लिए मेहनत कर ही लेगी. हम तो यहां बस कुछ उन बातों के बारे में बताने वाले हैं जिसे अगर किसी लड़की के परिवार वाले ध्यान रखें तो उनकी बेटी भी मिस यूनिवर्स बन सकती है.
21 साल की हरनाज मूल रूप से पंजाब के गुरदासपुर की रहने वाली हैं
'LIVA मिस डिवा यूनिवर्स 2021' में 75 प्रतिभाशाली महिलाओं को पीछे छोड़ खिताब अपने नाम करने वाली हरनाज कौर कहती हैं कि इस जीत का श्रेय मेरे परिवार को जाता है. हरनाज की मां पितृसत्ता वाली सोच को तोड़ते हुए डॉक्टर बनीं और घर से बाहर निकलीं. उनकी की बदौलत मैं यहां तक पहुंच पाई हूं. उन्होंने कभी अपनी बेटी को बांधकर नहीं रखा लेकिन अनुशासन में कमी भी नहीं की. आप समझ गए होंगे कि महिलाओं की आजादी उनकी सफलता में कितने मायने रखती है.
आपने सफल लोगों के मुंह से हमेशा सुना होगा उनके परिवार ने उनका किस तरह साथ दिया, उन्हें किस तरह सपोर्ट किया. अगर आपको ऐसा लगता है कि किसी बड़े हाई-फाई घर की बेटी ही यह खिताब जीत सकती है तो आप गलत हैं, क्योंकि चाहे किसी बेटी को एयरहोस्टेज बनना हो या मिस यूनिवर्स दोनों का अपना-अपना संघर्ष है.
21 साल की हरनाज भी मूल रूप से पंजाब के गुरदासपुर की रहने वाली हैं और एक पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखती हैं. हरनाज ने अपनी स्कूलिंग और कॉलेज चंडीगढ़ से की थी. इसके बाद स्नातक के लिए उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज में दाखिला लिया. जी हां वे सरकारी कॉलेज में पढ़ती हैं. इसलिए आप यह मत सोचना कि ब्यूटी खिताब जीतने वाली लड़कियां दूसरी दुनियां से आती हैं. लोग कहते हैं हमारे घर की बेटी तो इससे भी सुंदर है लेकिन उसकी सुंदरता को कौन जानता है, यह खिताब जीतने के लिए नॉलेज भी जरूरी है.
हरनाज़ संधू की मां रविंदर कौर संधू एक स्त्री रोग विशेषज्ञ (गायनोक्लोजिस्ट) हैं. उन्होंने हर कदम पर अपनी बेटी का साथ दिया है. रविंदर कौर ने कहा कि मेरी बेटी ने मुझसे वादा किया था कि वो मुझे गर्व महसूस कराएगी और आज उसने कर दिखाया.
रविंदर कौर ने कहा कि मैं हमेशा से अपनी बेटी को फोकस रहने और मेहनत करने की सलाह दी. वहीं हरनाज़ की जीत पर पिता प्रीतम सिंह संधू तो खुशी के मारे रो ही पड़े. पिता ने कहा कि हमें अपनी बेटी पर गर्व है. मैंने हमेशा उसका साथ दिया. वह हमेशा कहती था कि वह जीतकर आएगी. अब आप बताइए आप अपनी बेटी का कितना साथ देते हैं? ताकि वह अपने करियर में आगे बढ़ सके औऱ अपने सपने को पूरा कर सके.
हरनाज को अभिनय, सिंगिंग, योगा, स्विमिंग घुड़सवारी और खाना बनाना भी पंसद है. हरनाज बॉलीवुड अभिनेत्री और मिस वर्ल्ड का खिताब जीत चुकी प्रियंका चोपड़ा को अपनी प्रेरणा मानती हैं. अब हरनाज को मौका नहीं मिलता तो क्या वे इतने स्किल सीख पातीं. आप सोचिए अपनी बेटियों को इनमें से क्या-क्या सिखाया है ताकि वह पढ़ाई के अलावा भी खुद का विकास कर सके.
मतलब यह है कि अगर जिंदगी में सफल होना है तो लड़कियों को नई-नई चीजें सीखकर खुद को डेवलप करना होगा. अपने इरादे मजबूत रखने होंगे, मेहनत करनी होगी और जमीन से जुड़े रहना होगा, किसी को रोड मॉडल बनाना होगा जिससे आप प्रेरण ले सकती हैं जैसे हरनाज की रोल मॉडल प्रियंका चोपड़ा हैं.
आप भी जिस क्षेत्र में जाना चाहती हैं उस क्षेत्र के किसी ऐसे को अपना आदर्श बनाइए जिससे आप प्रभावित हो सकें. सकारात्मक सोच के साथ छोटी-छोटी कोशिशे करते रहिए. हरनाज ने भी कॉलेज इवेंट में हिस्सा लेकर छोटी सी उम्र में अपने सपनों के लिए काम करना शुरु कर दिया. वे महज 16 साल की उम्र में तब चर्चा में आई जब 2017 में उन्होंने मिस चंडीगढ़ का टाइटल जीता. इसके बाद वे आगे बढ़ती रहीं.
बेटियां तो अपने लिए रास्ता बना ही लेंगी बस आप उनके लिए वैसा माहौल दे दीजिए जैसा हरनाज के घरवालों ने उन्हें दिया. और हां माहौल देने के लिए आपको मुंबई में रहने की जरूरत नहीं बस अपनी सोच को बदल दीजिए. जब बेटी का समय आएगा वह खुद को स्थापित कर लेगी, आप बस उसका साथ दीजिए.
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