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Updated: 27 अगस्त, 2021 09:12 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से ही वहां आतंक का नया दौर शुरू हो गया है. तालिबान देश छोड़ने वाले लोगों और अफगान महिलाओं के लिए रोज नए-नए फरमान जारी कर रहा है. अफगानिस्तान पर तालिबान की सत्ता कायम होने के साथ ही तालिबानी आतंकियों ने अफगान सैनिकों से लेकर आम नागरिकों तक की हत्याओं को अंजाम देना शुरू कर दिया है. इन सबके बीच काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमले की पूर्व सूचना के बावजूद आत्मघाती हमलों में 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. बताया जा रहा है कि इस हमले में हजार से ज्यादा लोग बुरी तरह घायल भी हुए हैं. माना जा रहा है कि इस आतंकी हमले के पीछे इस्‍लामिक स्‍टेट के खुरासन गुट (ISIS-K) का हाथ है. आईएस-के को उग्रवादी इस्लामी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया यानी आईएसआईएस का सहयोगी माना जाता है. आइए जानते हैं ISIS-K क्या है और भारत में इसकी जड़ें कितनी गहरी हैं?

आईएसआईएस-के को दुनिया में सबसे ज्यादा कट्टर और खतरनाक माना जाता है.आईएसआईएस-के को दुनिया में सबसे ज्यादा कट्टर और खतरनाक माना जाता है.

क्या है खुरासान

आईएसआईएस-के को दुनियाभर के तमाम इस्लामिक जिहादी आतंकी संगठनों में सबसे ज्यादा कट्टर और खतरनाक माना जाता है. अमेरिका की अफगानिस्तान में एंट्री के साथ ही तालिबान और इस्लामिक स्टेट खुरासान गुट जैसे कई जिहादी संगठन काफी हद तक सीमित हो गए थे. लेकिन, अमेरिका की अफगानिस्तान से वापसी के साथ ही ये सभी इस्लामिक कट्टरपंथी आतंकी समूह फिर से उभर कर सामने आने लगे हैं. आईएसआईएस-के संगठन की बात करें, तो इस आतंकी संगठन का भी जन्मदाता पाकिस्तान ही है. एक प्राचीन इलाके खुरासान या खोरासान (Khorasan) के नाम पर बना ये आतंकी संगठन अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ईरान और सीरिया के कुछ हिस्सों से ऑपरेट करता है. फारसी में 'खुरासान' का मतलब होता है- वो जगह जहां से सूरज उगता है'. इस्लामिक स्टेट के खुरासान गुट के अनुसार, उसकी सीमाएं केवल अफगानिस्तान या ईरान ही नहीं भारत तक आकर लगती हैं. इस आतंकी संगठन का मानना है कि खुरासान प्रांत के अंतर्गत केवल एशिया ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया आती है.

कट्टरता में सबसे आगे है आईएसआईएस-के

आईएसआईएस-के में तालिबान, अल कायदा, पाकिस्तानी तालिबान जैसे तमाम इस्लामिक जिहादी संगठनों के वो कट्टर आतंकी जुड़े हुए हैं, जो अमेरिका से किसी भी तरह की बातचीत के पक्षधर नही हैं. बीते कुछ समय में तालिबान ने अमेरिका को लेकर नर्म रुख अपनाया है, जिसकी वजह से आईएसआईएस-के ने तालिबान के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है. कट्टरता के मामले में आईएसआईएस-के सभी इस्लामिक आतंकी संगठनों में सबसे ऊपर माना जाता है. 2014 के आखिर में आईएसआईएस-के ने अपना असली रूप दिखाना शुरू किया था. इस जिहादी संगठन ने अब तक सैकड़ों हमलों में हजारों लोगों की नृशंस हत्या की है. आईएसआईएस-के को खत्म करने के लिए 2017 में अमेरिका ने पूर्वी अफगानिस्तान के अचिन इलाके में इसके ठिकानों पर 20000 पाउंड वजन का 'मदर ऑफ आल बम' भी गिराया था. लेकिन, इसे खत्म नहीं कर सका था.

अफगानिस्तान में सत्ता में काबिज होने के बाद तालिबान ने देश की जेलों में बंद कई आतंकियों को रिहा किया था. इनमें अल कायदा, इस्लामिक स्टेट जैसे जिहादी संगठनों के आतंकी शामिल थे. हाल ही में तालिबान ने आईएसआईएस-के के एक कमांडर को मार गिराया था. दरअसल, आईएसआईएस-के का मानना है कि तालिबान अब उतना कट्टर नहीं रह गया है, जितना उसे होना चाहिए. शरिया कानूनों को लेकर तालिबान कमजोर पड़ गया है.

भारत में खुरासान मॉडल की जड़ें

'खुरासान' मॉडल के तहत क्रूर आतंकी संगठन आईएसआईएस ने अपने उदय के साथ भारत में भी अपने पैर जमाने की शुरुआत कर दी थी. 2017 में भारत में पहली बार मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुए ट्रेन धमाके में खुरासान मॉडल का नाम सामने आया था. इसके बाद उसी साल उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक एनकाउंटर में सैफुल्लाह नाम के एक संदिग्ध आतंकी को मार गिराया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि उसके घर पर आईएसआईएस के झंडे समेत कई चीजें बरामद की गई थीं. कहा गया था कि उत्तर प्रदेश में आईएसआईएस के लिए आतंकियों की भर्ती का जिम्मा सैफुल्लाह को मिला हुआ था. वैसे, भारत के अलग-अलग हिस्सों से इसके बाद कई लोगों को खुरासान मॉडल के आतंकी के तौर पर गिरफ्तार किया जाता रहा है. बीते साल ही दिल्ली से भी एक आईएसआईएस-के के आतंकी को गिरफ्तार किया गया था. देश में होने वाली आतंकी घटनाओं में इन खुरासान आतंकियों की संलिप्तता लगातार पाई जाती रही है.

उत्तर प्रदेश में सीएए के विरोध में भड़की हिंसा को फैलाने में चरमपंथी इस्लामिक संगठन पीएफआई का हाथ सामने आया था. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि पुलिस ने गिरफ्तार किए गए कुछ लोगों का संबंध आईएसआईएस से होने की बात कही थी. वहीं, केरल की बात करें, तो यहां के 21 लड़के देश से भागकर आईएसआईएस में शामिल हो गए थे. केरल से बड़ी संख्या में मुस्लिम युवा आईएसआईएस में शामिल होने के लिए देश छोड़कर भागते रहे हैं. इनमें महिलाएं भी शामिल हैं. हाल ही में केरल की एक महिला के इस्लामिक स्टेट में शामिल होने की खबर सामने आई थी. भारत में खुरासान मॉडल के तहत ये सभी आतंकी सोशल मीडिया और अन्य इंटरनेट एप्स के जरिये एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं. दरअसल, भारत में प्रतिबंधित संगठन इंडियन मुजाहिदीन यानी आईएम के आतंकियों ने बड़ी संख्या में आईएसआईएस का रुख कर लिया है. सुरक्षा एजेंसी एनआईए भारत में आईएसआईएस के कई आतंकियों को गिरफ्तार कर चुकी है.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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