क्याें आसाराम भी ‘हिट एंड रन’ केस के ही आरोपी हैं?
कोई भक्त भी आगे आकर कहेगा, "जज साहब! बापू नहीं, गुनाह मैंने किया है. जिस अपराध का गुनहगार मैं हूं उसकी सजा बापू को क्यों दी जाए?"
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सुना था आसाराम चमत्कार करते हैं. उनकी भविष्यवाणियां हमेशा सच होती हैं. इस जन्म तो क्या अगले जन्म की भी गलतियां वो चुटकी बजाकर सुधार देते हैं.
चमत्कार और भविष्यवाणी
भक्तों का तो यहां तक दावा था कि बापू ने गोधरा से लौटते वक्त हेलीकॉप्टर को काफी देर तक हवा में ही रोके रखा. बड़ा हादसा हो सकता था, लेकिन बापू के चमत्कार से सभी पांचों लोग सकुशल धरती तक पहुंच पाए.
बाकियों का तो नहीं मालूम, आसाराम की एक भविष्यवाणी जरूर सच साबित लगी. उनके जेल जाने के बाद व्हाट्सऐप पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें प्रवचन देते हुए बापू कह रहे हैं कि उन्हें कुछ दिनों से जेल जाने का संकल्प हो रहा है. प्रवचन चाहे जब भी दिया हो, आसाराम की ये भविष्यवाणी सच हुए भी दो साल से ज्यादा वक्त बीत चुके हैं.
अब आसाराम बापू ने एक नई भविष्यवाणी की है - जल्द ही वो जेल से छूट जाएंगे. बहुत अच्छी बात है. एक बार उन्हें जेल जाने का संकल्प हुआ - और अब जेल से बाहर आने का संकल्प हो रहा है. अगली बार साधना में लीन होने पर उन्हें 'एवमस्तु' की प्रतिध्वनि जरूर सुनाई देनी चाहिेए.
बापू के बोल
लेकिन जेल से बाहर आने की भविष्यवाणी के साथ आसाराम ने जो बात कही है उसमें एक बात खटक रही है. आसाराम ने अपने केस की तुलना सलमान खान वाले हिट एंड रन केस से की है.
सुनवाई के लिए कोर्ट लाए गए आसाराम ने मीडिया से कहा, "अब तो जुल्म की अति हो गई है. मैं सलमान की तरह बेकसूर हूं." इस दौरान आसाराम ने सलमान के छूटने को लेकर छपी खबर भी दिखाई. उनके हाथ में अखबार था.
आसाराम जो अखबार लहरा रहे थे वो पढ़े भी थे या सिर्फ फोटो देख कर बोल रहे थे. आसाराम को ये किसने बताया कि सलमान बेकसूर हैं.
आसाराम को कौन समझाए कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने सलमान खान को बेकसूर नहीं बताया है. बल्कि, सलमान हिट एंड रन केस में दोषी नहीं पाए गए हैं.
दोषी नहीं पाए जाने का मतलब बेकसूर नहीं होता. ये उस सिस्टम का दोष होता है जिसे आरोपी को दोषी साबित करना होता है. हाई कोर्ट ने भी उसी सिस्टम की खामियां गिनाई हैं.
अब सवाल ये है कि क्या आसाराम अपने खिलाफ केस को भी हिट एंड रन केस जैसा ही मानते हैं. क्या आसाराम ने फिर भविष्य देख कर बताया है कि उनके केस में भी सिस्टम वैसे ही फेल होगा जैसे सलमान के केस में हुआ है.
आसाराम को ये ज्ञान कब हुआ कि ग्रह दशा बदलते ही उनके भी अच्छे दिन आ जाएंगे. जेल में उनकी साधना और तपस्या से उनके खिलाफ गवाही देने वाले का भी वही हश्र होगा जो रवींद्र पाटील का हुआ.
या सलमान के ड्राइवर की तरह आसाराम का कोई भक्त भी आगे आकर कहेगा, "जज साहब! बापू नहीं, गुनाह मैंने किया है. जिस अपराध का गुनहगार मैं हूं उसकी सजा बापू को क्यों दी जाए?"
सलमान के खिलाफ दोष साबित न हो पाने का मतलब ये नहीं कि नूरुल्ला की मौत भी नहीं हुई. हां, सलमान उसकी मौत के दोषी नहीं हैं. लेकिन नूरुल्ला की मौत न तो भूकंप के चलते हुई, न ही आकाशीय बिजली से. ऐसे तमाम सवाल बाकी हैं - और मुमकिन है इन सवालों का भी वही हश्र हो जो नूरुल्ला या रवींद्र पाटील की जिंदगी का हुआ.
ऐसा क्यों है कि आसाराम के ताजा बयान में उनके इकबाल-ए-जुर्म की बू आ रही है? आसाराम के लिए बड़ी राहत की बात यही है कि उन्होंने ये बात कोर्ट से बाहर कही है.
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