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Updated: 19 जून, 2015 08:13 PM
गोपी मनियार
गोपी मनियार
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अहमदाबाद में एक दंपत्ति‍ छुपकर रह रहा है. उनके जीवन को खतरा है. इसलिए नहीं कि दोनों अपनी किडनी को लेकर चिंतित हैं. बल्क‍ि इसलिए उनके परिवार वाले उनकी जान के पीछे पड़े हैं. लड़के वाले इसलिए क्योंकि लड़की हिंदू है और लड़की वाले इसलिए कि लड़का हिंदू.

मोहित शर्मा ओर उनकी पत्नी गजाला साबिर, दोनों की ही कहानी एक जैसी है. दोनों की किडनी फेल. दोनों की ही सांसें दवाई पर टिकी हैं. खुद उनकी माँ ने ही उन्हें नई जिंदगी देने के लिये किडनी ट्रांसप्लांट करवाई, लेकिन आज वही माँ देने का मुंह देखने के लिए तैयार नहीं है.

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जगह-जगह मदद की गुहार लगाई मोहित और गजाला ने.

मोहित और गजाला को प्यार तब हुआ जब दोनों ही डायालिसिस के लिए अहमदाबाद अस्पताल में आया करते थे. मोहित बताते हैं कि सिविल अस्पताल में हम दोनों की पहली मुलाकात हुई. इलाज के लिए दोनों ही भर्ती हुए थे और दोनों के बेड पास-पास ही थे. किडनी ट्रांसप्लांट ऑपरेशन के बाद दोनों शादी कर ली. जब इस बात का घर वालों को पता चला तो वे नाराज हो गए. एक-दूसरे को जान से मारने की धमकी देने लगे. आखिर में राजस्थान के रहने वाले मोहित और गजाला घर छोड़ दिया. अहमदाबाद आ गए. धमकियां अहमदाबाद तक आने लगीं. दोनों ने पुलिस की मदद ली, लेकिन वहां भी मदद नहीं मिली.

परिवार के दबाव के अलावा एक चीज और दोनों पर भारी पड़ रही थी. किडनी के मरीज होने के नाते महंगे इलाज का खर्च वहन कर पाना उनके लिए मुश्किल होने लगा. अब एक एनजीओ योगक्षम ने इस दंपत्त‍ि का हाथ थामा है. इस एनजीओ से जुड़े राजेंद्र शुक्ला कहते हैं, लड़का और लड़की को अपनी इच्छा के मुताबिक जीवन जीने का पूरा अधि‍कार है. हम इलाज के खर्च से लेकर पुलिस सुरक्षा दिलाने में उनकी मदद कर रहे हैं.

...लेकिन, मानवीय रवैया अपनाने का जिम्मा क्या सिर्फ एक एनजीओ का है. दकियानूसी विचारधारा ढो रहे लोग कब जागेंगे?

#गुजरात, #हिंदू, #मुस्लिम, गुजरात, हिंदू, मुस्लि‍म

लेखक

गोपी मनियार गोपी मनियार @gopi.maniar.5

लेखिका गुजरात में 'आज तक' की प्रमुख संवाददाता है.

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