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Updated: 22 मार्च, 2021 10:30 AM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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क्या आपको याद है कि जब पहली बार आपने जींस (Jeans) पहनी थी तो घरवालों से लेकर मोहल्ले वालों का क्या रिएक्शन (weird reaction on Jeans) था. इससे पहले कि आपके जेहन में सिर्फ पुरुषों को दोषी मान लेने का ख्याल आए, हम बता दें कि संस्कार का पाठ पढ़ाने के मामले में महिलाएं भी किसी से कम नहीं हैं.

हो सकता कि आप किसी बड़े शहर में रहती हैं. आपकी फैमिली कपड़ों से संस्कार को नहीं तौलती. यह भी हो सकता है कि आप किसी छोटे शहर में रहती हैं लेकिन आपके पैरेंट्स समझदार हैं और वे इन बातों को अच्छी तरह समझते हैं. आपका परिवार खुले विचारों वाला है और आपको मन मुताबिक कपड़े पहनने की आजादी है, लेकिन आज भी कई गांवों, कस्बों या फिर बड़े शहर के किसी घर में लड़कियों के पहनावे को लेकर खुलापन नहीं है. जब हमने कुछ लड़कियों से उनके पहली बार जींस पहनने की कहानी के बारे में पूछा तो अजीबो-गरीब जवाब से सामना हुआ. चलिए आपको भी बताते हैं.

Jeans, Ripped Jeans, jeans story, Strange story of jeans, weird reaction on Jeans, girls wearing jeansपहली बार जींस पहनने पर घरवालों का रिएक्शन

1- दिल्ली की रहने वाली निमिषा ने बताया कि पहली बार जींस पहनने पर पापा ने टोका था. वहीं मोहल्ले की आंटियां, मम्मी को बोलती थीं कि आपकी बेटी हेल्दी है, मतलब मोटी है. उस पर जींस अच्छी नहीं लगती. जींस पहनने पर थाई के आस-पास जो शेप बनती थी उसे लेकर सब लोग बहुत टोकते थे. वो बोलते थे तुम सूट सलवार ही पहना करो. मैंने परेशान होकर जींस के साथ टॉप पहनना छोड़ दिया और इसकी जगह लंबे कुर्ते पहनने लगी ताकि मेरे थाई और बैक पर किसी की बुरी नजर ना पड़े. लोग पापा को बोलते थे तो मुझे अच्छा नहीं लगता था. अब जमाना बदल गया है लेकिन आज भी लोग बोलते हैं कि मोटी लड़कियों पर जींस चीप लगती है.

2- तितिक्षा का घर कानपुर में है. वो जब पहली बार जींस पहनकर गांव गई तो उसके साथ तो अलग ही हादसा हो गया. तितिक्षा ने बताया कि कानपुर में तो उनकी फैमिली को उनके जींस पहनने से कोई प्रॉब्लम नहीं थी लेकिन जब गांव में रिप्ड जींस पहनकर गई तो दादी ने उसे सील दिया, बोला अब ठीक है.

3- मेरठ की रहने वाली पारुल के अनुसार, ‘जब मैंने पहली बार जींस पहनी थी, तो मेरे परिवार वाले मुझे देख कर बहुत खुश हुए थे क्योंकि वे चाहते थे कि मैं वो सब करूं, जो मैं करना चाहती हूं. उनका मानना था कि कपड़ों से कभी चरित्र व परिवार के बारे में पता नहीं चलता है. हां मेरे पड़ोसियों ने जरूर टोका था जबकि वे पढे-लिखे लोग और उनके बच्चे पहले से ही जींस पहनते थे, लेकिन जब मैंने पहली बार जींस पहनी तो उन्होंने मुझे देख कर कहा कि अब तुम बड़ी हो गई हो, जरा संभल कर रहना. उनका ऐसा कहना मुझे उस समय तो समझ नहीं आया लेकिन जब मैंने यह बात अपनी मां को बताई तो वे बोलीं कि बेटी समाज में हर तरह के लोग रहते हैं, हर किसी की बात को दिल से मत लगाओ, तुम बस खुद पर विश्वास करो और वो करो जो तुम्हें अच्छा लगे. आज मैं बस इसी सिद्धांत पर चलकर खुशी से जीवन जी रही हूं’.

4- प्राइवेट कंपनी में काम करने वाली शिल्पा इन दिनों बंगलौर में रहती है. शिल्पा ने बताया कि जब उसने हैदराबाद में पहली जॉब ज्वाइन की थी तो उसके रिप्ड जींस पहनने की वजह से उसे संस्कारी ना होने का ठप्पा दे दिया गया था. उसे तब इन बातों की समझ नहीं थी. पहली जॉब में ही इस तरह की बातों से वह परेशान हो गई थी. फिर उसने लोगों की बातों पर ध्यान देना छोड़ दिया. लेकिन हां कभी-कभी सोचती जरूर थी. हालांकि उसके मम्मी-पापा खुद उसके लिए जींस खरीद कर लाते थे. उसकी फैमिली तो अच्छी था लेकिन समाज के लोगों ने सिर्फ रिप्ड जींस की वजह से उसे जज करना शुरू कर दिया.

5- गोरखपुर की रहने वाली रीना दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट है. रीना ने बताया कि जींस पहनने से पहले उसने पापा को फोन करके इसकी परमिशन ली थी. उसने पूछा था कि पापा मेरे जींस पहनने से आपको कोई दिक्कत नहीं है ना क्योंकि मैं नहीं चाहती कि आपको रिश्तेदारों से पता चले. रीना ने बताया कि घरवालों को तो कोई परेशानी नहीं हुई लेकिन रिश्तेदार बुरा मान गए, लेकिन मुझे फर्क नहीं पड़ने वाला था.

ऐसी ही कितनी लड़कियां हैं जिन्हें जींस पहनने पर टोका गया कि तुम बच्ची थोड़ी हो जो अब जींस पैंट पहनकर घूमोगी, लोग क्या कहेंगे. सूट पहना करो, अच्छे घर की लड़कियों पर वही अच्छा लगता है. आपको नहीं लगता कि ऐसे लोगों समझने की जरूरत है कि कपड़ों का चरित्र से कोई लेना-देना नहीं होता है.

लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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