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Updated: 24 मई, 2018 12:14 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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भारतीय रेलवे के बारे में क्या कहा जाए. कंघी से पंखा चलाने की कला को जन्म देने वाली भारतीय रेल ने अब काफी तरक्की कर ली है. हाल ही में तो भारत की सबसे स्मार्ट ट्रेन तेजस का पहले ही सफर में जो हाल हुआ वो तो आपने जान ही लिया होगा. खैर, आईआरसीटीसी में बुकिंग करवाना और ट्रेन में जगह पाना उतना ही मुश्किल है जितना ट्रेन का समय पर आना. कुछ लोग तो ऐसे होते हैं कि अगर हिंदुस्तान की ट्रेनें लेट ना होतीं तो वो लोग कभी ट्रेन पकड़ ही ना पाते.

ये तो रही मस्ती की बात, लेकिन IRCTC की कुछ बातें ऐसी हैं जो यात्रियों को बहुत फायदा पहुंचाती हैं. अक्सर टिकट बुकिंग और कैंसिलेशन जैसे नियम तो सबको पता होते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिनके बारे में आसानी से जानकारी नहीं मिलती, लेकिन अगर ये आपको पता हों तो आपके लिए फायदे वाली बात ही होगी.

रेलवेट्रेन में सफर अक्सर करते हैं तो आपके लिए ये नियम जानने जरूरी है

अपनी टिकट पर किसी और को भेजने की तैयारी...

पति की हर चीज पर पत्नी और बच्चों का हक होता है. बच्चों का फर्ज होता है मां-बाप की सेवा करना और ये सब आईआरसीटीसी को भली-भांती पता है. तभी तो ऐसा नियम बनाया है गया है जिसमें अगर स्टेशन मास्टर को ट्रेन निकलने के 24 घंटे पहले इक्तला कर दी जाए तो स्टेशन मास्टर आपकी टिकट किसी ब्लड रिलेशन वाले के नाम ट्रांसफर कर सकता है. मतलब पत्नी भी पति के नाम पर सफऱ कर सकती है.

इसके अलावा, अगर किसी स्टूडेंट के टिकट पर किसी और स्टूडेंट को कोई कॉलेज भेजना चाहता है तो उसे स्टेशन मास्टर को 48 घंटे पहले जानकरी देनी होगी.

टिकट खो गई कोई बात नहीं नयी दे देंगे...

अरे अब इतना काम पड़ा रहता है, इतने कागज होते हैं संभालने को तो क्या एक टिकट नहीं खो सकता? बिलकुल खो सकता है. ऐसा होता भी है. अगर आपका कनफर्म विंडो टिकट खो गया है तो आपके लिए ये परेशानी की बात नहीं है. बस पैसे थोड़े लग जाएंगे, लेकिन काम हो जाएगा. मैं घूस देने की बात नहीं कर रही बल्कि आप रिजर्वेशन विंडो पर जाकर नया रिजर्वेशन फॉर्म भरिए और अपना आईडी दिखाइए और नया टिकट ले लीजिए. अगर आपकी यात्रा 500 किलोमीटर से कम है तो 25% और अगर उससे ज्यादा है तो 10% चार्ज देना होगा.

फ्री मेडिकल सर्विस...

अगर यात्रा के दौरान लू वगैराह कुछ लग गई या ठंड के मौसम में ज्यादा सर्दी के कारण बुखार आ गया तो आपके लिए मतलब हर तरह की बीमारी के लिए लोगों को इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाई जा सकती है. बस अगर बीमर हो रहे हैं तो टीसी को बोल दीजिए और अगले स्टेशन पर डॉक्टर आपकी सीट पर आकर जांच कर जाएगा. हां, अगर लोग बेफालतू की बीमारी का बहाना बनाने लगे तो गलत ही होगा इसमें.

अगर कोई संक्रमक रोग निकला तो?

देखिए अगर किसी यात्री को संक्रमक रोग निकला तो ये परेशानी की बात होगी ना. इसलिए उसे और उसके साथी यात्री को रेल से उतार दिया जाएगा. यही नियम है.

क्या ये मालूम है?

आपको भले ही ना पता हो, लेकिन ट्रेन में भी प्लेन की तरह वजन निर्धारित होता है. मतलब जितना वजह निर्धारित है उससे ज्यादा सामान अगर आपके पास मिला है तो आपको दंड देना होगा. ये छूट इस प्रकार हैं- एसी फर्स्ट क्लास- 70 किग्रा, एसी टू टियर- 50 किग्रा, एसी थ्री टियर/एसी चेयर कार- 40 किग्रा, स्लीपर क्लास- 40 किग्रा, सेकंड क्लास- 35 किग्रा. बच्चे की टिकट पर आपके कोच क्लास के हिसाब से आधा वजन ले जा सकते हैं. ये नॉर्मल बात है, लेकिन कभी कोई टीसी आकर आपका सामान नापेगा तो नहीं. फिर भी रिस्क लेने से क्या फायदा.

इसके अलावा, IRCTC भारतीय रेल एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए 'अभी खरीदें और बाद में भुगतान करें' सेवा शुरू करने जा रही है. आईआरसीटीसी अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) लि. के अधिकारियों के मुताबिक, जल्द ही यात्री आईआरसीटीसी की वेबसाइट से टिकट खरीदने और उसके भुगतान बाद में करने में सक्षम होंगे.

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लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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