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Updated: 10 दिसम्बर, 2021 05:21 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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ये महिलाएं (women) हैं जनाब जानवर थोड़ी हैं जो इनका ख्याल रखा जाए. परवाह तो पालतू जानवरों की होती है घर में रहने वाली महिलाओं को थोड़ी...महिलाओं को तो आप जैसे चाहें वैसे अपने हिसाब से रख सकते हैं. जानवर तो एक बार गुस्सा कर सकता है, काट सकता है और भाग भी सकता है लेकिन महिलाओं की क्या मजाल जो अपने अधिकार के लिए आवाज उठा दें. अगर वे आवाज उठाने की कोशिश करेंगी तो इन देशों में उनके हित के खिलाफ ऐसे-ऐसे नियम (Women anti law in countries) बने हुए हैं वे कहीं की नहीं रहेंगी. दुनिया के कई देशों में महिलाएं आज भी अपने अधिकारों के लिए संघर्ष ही कर रही हैं.

अरे, आप हम पर गुस्सा मत कीजिए, ऐसा हम अपने मन से नहीं कह रहे हैं. हम तो आज उन देशों की बात कर रहे हैं जहां शायद महिला होना किसी जानवर से भी बदतर है. इन नियमों को जानने के बाद ऐसा लगता है कि महिलाएं पैदा ही होती हैं दर्द सहते हुए एक दिन मर जाने के लिए. चलिए बताते हैं कि ये कौन से देश हैं? और यहां महिलों के लिए कौन से नियम उनके खिलाफ हैं?

1- आपको जानकर हैरानी होगी कि अमेरिका जैसे विकसित देश के कुछ राज्यों में पुरुष रेप के बाद पीड़िता से रेपिस्ट पैरेंटल राइट के तहत बच्चे की मांग कर सकता है. यानी पुरुष पहले महिला से रेप करेगा और अगर महिला गर्भवती हो जाए तो उसे बच्चे को उस रेपिस्ट को देना पड़ेगा. पीड़िता उस बच्चे के साथ हर पल रेप के उस दर्द को महसूस करती रहेगी. यह कानून मैरीलैंड, अलबामा, मिसिसिपि, मिनेसोटा, नॉर्थ डकोटा और न्यू मैक्सिको की हजारों महिलाओं के लिए सबसे अधिक पीड़ादायी है.

2- दुख की बात यह है कि भारत में अगर पति अपनी पत्नी के साथ रेप करता है तो उसके खिलाफ किसी तरह की सजा का नियम नही है. जबकि इसी देश में रेप जैसे जघन्य अपराध के दोषी को कानून के तहत उम्र कैद या फांसी की सजा दी जाती है. माने पति अपनी पत्नी की मर्जी के खिलाफ उससे जबरदस्ती शारीरिक संबंध बना सकता है. इतना ही नहीं पत्नी अपने पति के खिलाफ कुछ बोले तो सबसे पहले उसके घरवाले ही उसे चुप करा देते हैं. अफसोस कि करीब 49 देशों में पति अगर पत्नी के साथ दुष्कर्म करे तो उसे कानूनन अपराध माना ही नहीं जाता.

3- ईरान और कई अन्‍य इस्लामिक देशों शरिया कानून के तहत महिलाएं अपने पति या पिता के बिना आदेश के कहीं बाहर नहीं जा सकतीं. महिलाओं को अगर विदेश जाना हुआ तो सबसे पहले उन्हें अपने पति से आज्ञा लेनी होगी. ईरान के कानून के अनुसार, पत्नियों को विदेश जाने से पहले दस्तावेजों पर पति के हस्ताक्षर करवाना अनिवार्य है.

4- सूडान में बाल विवाह को अपराध नहीं माना जाता है. यहां 10 साल की उम्र के बाद लड़कियों का शादी करना वैध माना जाता. इस वजह से यहां ज्यादातर लड़कियों की शादी टीनएज में ही हो जाती है. सोचिए, मासूम बच्चियों को बचपन ही नसीब नहीं होता. लड़कियां खेलने-कूदने की उम्र में खुद बच्चों की मां बन जाती है.

5- वैसे तो रूस बाकी मामलों में बहुत ही मजबूत देश है लेकिन यहां महिलाओं की हालत दयनीय है. यहां महिलाओं के साथ होने वाले घरेलू हिंसा को अपराध माना ही नहीं जाता. यहां ही हालत इतनी खराब है कि हर 40 मिनट में एक महिला की जान उसके पति की वजह से जा रही होती है.

6- जॉर्डन का हाल तो पूछिए ही मत, यहां सम्मान के नाम पर महिलाओं की जान ले ली जा सकती है. मतलब यहां ऑनर किलिंग अपराध है ही नहीं. यहां का कानून कहता है कि अगर परिवार के सम्मान के लिए किसी महिला को जान से मार दिया जाता है तो आरोपी को आसानी से सजा में छूट मिल सकती है.

7- तुर्की में महिलाएं बाहल निकलकर नौकरी तो कर सकती हैं लेकिन इसके लिए पति से इजाजत लेना जरूरी है. कानून के अनुसार, अगर पति नहीं चाहता कि उसकी पत्नी नौकरी करे तो वह बाहर जॉब नहीं कर सकती. इस वजह से यहां सिर्फ 29 प्रतिशत महिलाएं ही बाहर नौकरी करती हैं.

सोचिए इन देशों में महिलाओं का हाल क्या होगा. महिलाओं की जिंदगी उनकी होकर भी किसी और के हाथों में है. महिलाओं की बागडोर का मालिक जब चाहे चाबुक चला सकता है ताकि वह औरत हमेशा उसके बस में रहे. जब मन चाहा प्यार जता दिया जब मन चाहा जब मन चाहा दुत्कार दिया...इन नियमों को देखकर लगता है कि महिलाएं इस दुनिया में जन्म ही क्यों लेती हैं, जिनकी कीमत घरों में पाले जाने वाले जानवरों से भी कम है.

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लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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