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Updated: 05 दिसम्बर, 2015 07:29 PM
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चेन्नई में आई बाढ़ के बाद इससे निपटने को लेकर मंथन जारी है. सब अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार मदद भेज रहे हैं. खुद चेन्नई में लोगों ने अपने घर दूसरे प्रभावित लोगों के लिए खोल दिए तो सिनेमा हॉल ने घर का रूप ले लिया. जिस रूप में मदद संभव है, लोग कर रहे हैं. एक ग्रुप ने इंसानों से अलग बेजुबान जानवरों को बचाने की मुहिम शुरू की है तो कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें इस आपदा के बीच भी केवल 'बिजनेस' नजर आ रहा है.

प्रकृति की मार और चूल्हे में गई कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी

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बाढ़ के बाद चेन्नई का एयरपोर्ट भले ही बंद है. लेकिन चेन्नई से नजदीक दूसरे शहरों के हवाई किरायों में जबर्दस्त बढ़ोत्तरी हुई है. मसलन, अगर आपको बैंगलोर से दिल्ली आना है तो एयर इंडिया में बिजनेस क्लास के लिए 50,000 रुपये से ज्यादा भी खर्च करने पड़ सकते हैं. ऐसे ही अबमदाबाद, मुंबई जाने का किराया 20,000 रुपया या इससे भी ज्यादा है.

हवाई किरायों को लेकर कोई साफ नियम नहीं है. और इसलिए मौके-मौके पर एयरलाइंस कंपनियां इसका खूब फायदा उठाती रही हैं. एक तरफ तो वे दावा कर रही हैं कि उन्होंने चेन्नई एयरपोर्ट पर फंसे लोगों के लिए 'रेस्क्यू फ्लाइट' का इंतजाम कर रही हैं तो वहीं दूसरी ओर मनमाने किराया वसूलने का काम भी जारी है.

शुक्र है, कोई इनकी भी सुध ले रहा है...

एक दूसरी तस्वीर

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जिस तरह की आपाधापी इंसानी जान को बचाने की चल रही है, वैसे में हम यह कल्पना भी नहीं कर सकते कि बेजुबान जानवरों पर क्या बीत रही होगी. वह बचने-बचाने की लड़ाई में सबसे निचले पायदान पर हैं. लेकिन शुक्र है कि कुछ लोगों ने बेजुबान जानवरों को बचाने की मुहिम भी छेड़ रखी है. होटल फॉर डॉग्स नाम के इस ग्रुप के फेसबुक पेज पर लगातार लोग अपनी रिक्वेस्ट भेज रहे हैं और यह ग्रुप सक्रियता से उनके पालतू जानवरों के लिए अपनी मदद भी भेज रहा है.

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