New

होम -> सोशल मीडिया

 |  5-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 10 मार्च, 2022 07:22 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
  • Total Shares

यूपी चुनाव नतीजे के रुझान अब स्पष्ट होते जा रहे हैं. और, रुझानों में सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा बहुमत का आंकड़ा पार करती नजर आ रही है. हालांकि, भाजपा को पिछले नतीजों के मुकाबले कम सीटें मिली है. इसके बावजूद भाजपा गठबंधन प्रचंड बहुमत के साथ वापसी कर रहा है. इन सबके बीच भाजपा के दलबदलू नेताओं का नेतृत्व करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य का जिक्र न किया जाए, तो बेमानी होगा. क्योंकि, स्वामी प्रसाद मौर्य ने दावा किया था कि नाग रूपी आरएसएस और सांप रूपी भाजपा को स्वामी रूपी नेवला यूपी से खत्म करके ही दम लेगा. लेकिन, यूपी चुनाव 2022 से ठीक पहले भाजपा को बड़ा झटका देते हुए अपने साथ कई विधायकों और नेताओं को लेकर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य फाजिलनगर विधानसभा सीट से हार गए हैं. करीब 26 हजार से ज्यादा वोटों से भाजपा के प्रत्याशी सुरेंद्र कुशवाहा ने स्वामी प्रसाद मौर्य को शिकस्त दी है.

हालांकि, स्वामी प्रसाद मौर्य ने जनादेश का सम्मान करते हुए अपना संघर्ष जारी रखने की बात कही है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि 'समस्त विजयी प्रत्याशियों को बधाई. जनादेश का सम्मान करता हूं. चुनाव हारा हूं, हिम्मत नहीं. संघर्ष का अभियान जारी रहेगा.' देखा जाए, तो स्वामी प्रसाद मौर्य ने इशारा कर दिया है कि वह आगे भी भाजपा के खिलाफ अपनी लड़ाई पूरी ताकत के साथ जारी रखेंगे. लेकिन, उनकी इस प्रतिक्रिया पर सोशल मीडिया पर लोगों ने चिंताएं भी जाहिर की हैं और सलाह भी दी है. आइए एक नजर डालते हैं कुछ मजेदार सोशल मीडिया रिएक्शन पर...

एक यूजर ने स्वामी प्रसाद मौर्य को समाजवादी पार्टी की ओर से उनकी वरिष्ठता का हवाला देते हुए यूक्रेन का राष्ट्रपति बनाए जाने की बात कही है. 

एक यूजर ने लिखा है कि 'स्वामी जी संघर्ष किस चीज का जारी रहेगा, फिर से कोई नई पार्टी बदलने का या फिर अपनी बेटी को बीजेपी से बाहर होने से बचाने का, स्वामी जी आप संघर्ष करो. हम बीजेपी के साथ हैं.' दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य के नाम के साथ पार्टी बदलने वाले नेता का टैग लग गया है. इतना ही नहीं, स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी और भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या के सामने भी अब बड़ी समस्या खड़ी होती दिख रही है. क्योंकि, वह भाजपा सांसद होने के बावजूद अपने पिता के पक्ष में खुलकर प्रचार करती नजर आई थीं. और, संघमित्रा मौर्या ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ को भी घेरने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी. बहुत हद तक संभावना है कि आने वाले कुछ दिनों में संघमित्रा मौर्या के खिलाफ भाजपा कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई करे. 

वहीं, एक यूजर ने लिखा है कि 'अब स्वामी प्रसाद मौर्य दम नहीं ले पाएंगे.' वैसे, तकनीकी रूप से देखा जाए, तो भाजपा को यूपी से खत्म किए बिना दम न लेने का दावा करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य अब कम से कम अगले 5 सालों तक दम नहीं ले पाएंगे. क्योंकि, यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार की वापसी तय हो गई है. 

एक यूजर ने लिखा है कि 'वर्षों से सत्ता की मलाई खाने वाले, पारिवारिक विकास तक सीमित, वंशवादी राजनीतिज्ञों को अब यकीन हो रहा होगा कि जनता ने उनकी राजनीतिक विरासत के महल की नींव 2014 से ही खोदनी शुरू कर दी है और अब जनविकास की मलाई खाने का समय जनता-जनार्दन का है.' 

एक अन्य यूजर ने लिखा है कि पार्टी बदलते रहिए, संघर्ष करते रहिए नेवला जी.' इसके साथ ही इस यूजर ने एक कहावत के जरिये स्वामी प्रसाद मौर्य की हालत बयान की है. 

वहीं, एक यूजर ने बताया है कि आखिर स्वामी प्रसाद मौर्य से गलती हुई कहां? इस यूजर ने लिखा कि स्वामी प्रसाद जी को और गुलाटी खाना बाकी है क्या? उत्तर प्रदेश में जातिवाद की दीवारें टूट गईं. पहली बार जाति के ठेकेदारों का गर्व चूर-चूर हो गया. उत्तर प्रदेश की जनता संप्रदायवाद और जातिवाद के ऊपर आजकल वोट नहीं करती हैं. वह सिर्फ राष्ट्रवाद के ऊपर वोट करती हैं. गलत राह चुन ली आपने.' 

एक अन्य यूजर ने लिखा है कि 'सर 5 साल तक सत्ता का मलाई खाइयेगा और फिर आरोप लगा के दूसरे जगह निकल लीजियेगा. जनता इतनी मूर्ख नही रही श्रीमान. और, नाग रूपी आरएसएस और सांप रूपी भाजपा की क्षत्रछाया में ही अभी आप की बेटी सांसद है, वो इस्तीफा देंगी क्या?' 

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय