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Updated: 07 सितम्बर, 2019 11:37 AM
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Chandrayaan 2 को लेकर पूरे देश को उस समय तगड़ा झटका लगा, जब लैंडर विक्रम के चांद की सतह पर पहुंचने से महज 2.1 किलोमीटर पहले ISRO का संपर्क चंद्रयान-2 से टूट गया. इसरो मुख्यालय में उस समय उदासी छा गया, हर किसी के चेहरे पर निराशा के भाव देखा जा सकते थे, लेकिन फिर भी काफी देर तक एक उम्मीद थी कि शायद संपर्क दोबारा जुड़ जाए. खैर, भले ही चंद्रयान-2 का लैंडर चांद की सतह पर लैंड नहीं कर सका, लेकिन चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर अभी भी चंद्रमा की कक्षा में घूम रहा है जो आने वाले करीब साल भर तक हाई रिजॉल्यूशन तस्वीरें भेजता रहेगा. यानी ये कहना बिल्कुल गलत होगा कि चंद्रयान-2 का मिशन फेल हो गया है, बल्कि हमने 90 फीसदी सफलता तो पा ही ली है और पीएम मोदी ने भी यही कहा, ट्विटर भी यही कह रहा है. हर कोई मान रहा है कि अभी भले ही लैंडिंग में सफलता नहीं मिली है, लेकिन जल्द ही मिल जाएगी. वैसे भी, अभी तो गगयान जैसा महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट भी होना बाकी है.

जिस समय लैंडर की लैंडिंग होनी थी, उस समय पीएम मोदी इसरो मुख्यालय में ही थे. उन्होंने वहां मौजूद वैज्ञानिकों की हौसला अफजाई की. उन्होंने कहा कि सभी ने जी तोड़ मेहनत की, जिसके लिए उन्हें और पूरे देश को इसरो के वैज्ञानिकों पर गर्व है. न केवल पीएम मोदी, बल्कि विपक्षी दलों के नेता भी इस मौके पर इसरो की हौसला अफजाई करते दिखे. लैंडर की लैंडिंग फेल हो गई, लेकिन ट्विटर पर अभी भी इसरो को बधाइयां देने वालों का तांता लगा हुआ है. भले ही लैंडर विक्रम ने ISRO का साथ छोड़ दिया हो, लेकिन देशवासियों ने इसरो के वैज्ञानिकों का हाथ थाम लिया है.

चंद्रयान 2, चांद, ट्विटर, इसरो, सोशल मीडियाचंद्रयान-2 का लैंडर भले ही चांद पर लैंड नहीं कर सका, लेकिन ट्विटर पर इसरो के वैज्ञानिकों को भर-भर के तारीफें मिल रही हैं.

अमित शाह ने भविष्य के लिए दीं शुभकामनाएं

चंद्रयान-2 को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा- 'चंद्रयान-2 को लेकर अभी तक की इसरो की उपलब्धि पर प्रत्येक भारतीय को गर्व है. भारत हमारे प्रतिबद्ध और कठिन मेहनत करने वाले इसरो के वैज्ञानिकों के साथ है. भविष्य की यात्रा के लिए मेरी शुभकामनाएं.'

राष्ट्रपति ने भी बढ़ाया वैज्ञानिकों का मनोबल

भले ही चंद्रयान-2 के लैंडर की लैंडिंग से पहले ही इसरो का संपर्क उससे टूट गया, लेकिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसरो की टीम को बधाई देते हुए ट्वीट किया- 'चंद्रयान-2 मिशन को लेकर इसरो की टीम ने अनुकरणीय प्रतिबद्धता और साहस दिखाई. राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, "देश को इसरो पर गर्व है. हम सभी बेहतर की उम्मीद करते हैं."

विपक्ष भी हौंसला अफजाई किए बिना नहीं रह सका

एक ओर पीएम मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों का हौंसला इसरो मुख्यालय में बढ़ाया, दूसरी ओर विपक्षी दल के नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट के जरिए वैज्ञानिकों के काम की सराहना करते हुए उनका मनोबल बढ़ाने की कोशिश की. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा- 'इसरो की टीम को चंद्रयान-2 मून मिशन पर शानदार काम के लिए बधाई. आपका जुनून और समर्पण प्रत्येक भारतीय के लिए एक प्रेरणा है. आपका काम बेकार नहीं जाएगा. इसने कई बेजोड़ और महत्वाकांक्षी भारतीय अंतरिक्ष मिशनों की बुनियाद रखी है.'

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इस संबंध में ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि पूरा देश वैज्ञानिकों के साथ है.

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्वीट कर वैज्ञानिकों को सैल्यूट किया और उनके काम की सराहना की.

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी वैज्ञानिकों की तारीफ की और उनका मनोबल बढ़ाया.

फिल्म डायरेक्टर शेखर कपूर ने इसे जीवन की सीख से जोड़ दिया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है- जीवन की सीख: हम जो भी कदम उठाते हैं वह हमारी यात्रा का हिस्सा होता है. जब तक हम आगे बढ़ते रहेंगे, यात्रा जारी रहेगी. एक बच्चे की तरह हम लड़खड़ा सकते हैं, गिर सकते हैं और उठ सकते हैं. सीखो और फिर से चलो. चंद्रयान 2 एक बड़ी सफलता है. यह हमारी यात्रा का ही एक हिस्सा है.

अंशुल सक्सेना लिखते हैं- डियर इसरो, आपका कम्युनिकेशन टूटा है, कॉन्फिडेंस नहीं, ना ही कमिटमेंट, ना ही दृढ़ संकल्प, ना ही चुनौती. हम सभी भारतीय आपके साथ खड़े हैं. हर चीज के लिए धन्यवाद. आपने हमे गौरवान्वित किया है.

पत्रकार मानक गुप्ता ने भी इसरो और उसके वैज्ञानिकों की हौंसला अफजाई करते हुए लिखा है- 'डियर इसरो, नासा भी कई बार फेल हुआ है. वह दुनिया के बेस्ट बनने से पहले फेल हुए. वह अभी भी फेल होते हैं. खैर, विज्ञान में फेल होने जैसा कुछ नहीं होता. आप तो ये हमसे भी बेहतर समझते हैं.'

ट्विटर पर सिर्फ नेताओं, राजनेताओं और पाकिस्तानी नेताओं के अलावा जनता भी इसरो को बधाइयां ही दे रही है. ये सभी जानते हैं कि वैज्ञानिकों ने जो मेहनत की है, वो आसान नहीं थी. साथ ही ये भी सभी जानते हैं कि अगर पहली बार लैंडर लैंड नहीं कर सका तो क्या हुआ, 90 फीसदी सफलता तो मिल ही चुकी है. बची 10 फीसदी सफलता अब गगनयान से मिल जाएगी.

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