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Updated: 22 जुलाई, 2023 05:25 PM
अमरपाल सिंह वर्मा
अमरपाल सिंह वर्मा
  @apsv70
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पाकिस्तान की सीमा हैदर पबजी खेलते हुए भारत के सचिन के प्यार मेंं पड़ कर कई देशों की सीमाएं लांघते हुए भारत आ गई. यकीनन, सीमा हैदर की करतूत से उसके परिजनों और पाकिस्तान के लोगों मेंं गुस्सा है लेकिन दुख का विषय है कि इसका बदला पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचा कर लिया जा रहा है. कल पाकिस्तान में सिंध के काशमोर में एक हिंदू मंदिर पर रॉकेट लॉन्चर से हमला किया गया. हमलावरों ने मंदिर और आसपास बसे हिंदू समुदाय के घरों पर अंधाधुंध गोलीबारी की. पुलिस मौके पर पहुंचती, तब तक हमलावर फरार हो गए. पाकिस्तान में दो दिन में हिंदू मंदिर में तोडफ़ोड़ की यह दूसरी वारदात है.

इससे पूर्व कराची में रात को डेढ़ शताब्दी पुराने हिंदू मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया. जब से पाकिस्तान की नींव पड़ी है, तब से वहां पर हिंदू मंदिर कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं. दो कारणों से मंदिरों को ध्वस्त किया जा रहा है. एक-ये पुराने मंदिर जिन जगहों पर बने हैं, वह जगहें अब बेशकीमती हो गई हैं. इसलिए मंदिरों को तोड़ कर वहां पर होटल, दुकानें आदि बनाई जा रही हैं. दूसरा कारण, भारत से किसी भी नाराजगी का प्रतिशोध मंदिरों को ध्वस्त करके लिया जाता है. बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद वहां अनेक मंदिर ढहा दिए गए. हालत यह है कि दुनिया में कहीं कुछ भी हो, पाकिस्तान में कट्टरपंथियों के निशाने पर हिंदू मंदिर ही आ जाते हैं. बड़ा सवाल यह है कि जमाने भर की बातों का बदला हिंदू मंदिरों से क्यों लिया जा रहा है और ऐसा करके क्या हासिल होने वाला है?

Pakistan, Temple, Seema Haider, Sachin Meena, Love, Sindh, Hindu, Muslimसीमा सचिन की लव स्टोरी पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों के लिए मुसीबत बनती नजर आ रही है

पाकिस्तान में कट्टरपंथियों हमलों में न केवल हिंदू को मारा जा रहा है, बल्कि जुल्म-ओ-सितम की वजह से हिंदू से वहां से भागने पर मजबूर हैं. हिंदू लड़कियों से दुष्कर्म और जबरन धर्म परिवर्तन के कारण पिछले तीन दशक में सैकड़ों हिंदू भारत आए लेकिन लौटकर नहीं गए. यह सिलसिला अब भी चल रहा है. पाकिस्तान हिंदू राइट्स मूवमेंट के आंकड़ों से पता चलता है कि 1947 में भारत विभाजन के समय पाकिस्तान में 428 प्रमुख मंदिर थे, इनमें से 408 मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया है. इन सभी मंदिरों के स्थान पर मदरसे, स्कूल, होटल और रेस्टोरेंट खड़े कर दिए गए हैं.

समय-समय पर जो मीडिया रिपोर्ट आई हैं, उनके मुताबिक पाकिस्तान के डेरा इस्माइल खान में कालीबाड़ी मंदिर को ढहाकर ताजमहल होटल बनाया गया है. कोहाट के शिव मंदिर के स्थान पर अब एक स्कूल है. पख्तूनख्वा के बन्नू जिले में हिंदू मंदिर को ध्वस्त कर मिठाई का शोरूम बना दिया गया. पाकिस्तान में अब बमुश्किल दो दर्जन मंदिर ही शेष रहे हैं. इनमेंं में भी देखने लायक तो पाकिस्तानी पंजाब स्थित 900 साल पुराना कटासराज मंदिर, इस्लामाबाद के पास सैयदपुर का श्रीराम मंदिर, कराची का पंचमुखी हनुमान मंदिर, पेशावर का गोरखनाथ मंदिर, सिंध का श्रीहिंगलाज माता मंदिर और वरुणदेव मंदिर ही बचे हैं.

पुरातत्व विभाग द्वारा की गई खुदाई मेंं भी कुछ प्राचीन मंदिर मिले हैं. वर्ष 2020 में पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी इलाके के स्वात जिले में खुदाई मेंं 1300 साल पुराना एक हिंदू मंदिर मिला है. यह मंदिर भगवान विष्णु का बताया गया. ऐसे मंदिरों को भी संरक्षण की दरकार है. पाकिस्तान में स्थित ये मंदिर प्राचीन काल की हमारी वैभवशाली स्थापत्य कला के नमूने थे. भले ही ये मंदिर हिंदुओं के थे, लेकिन पाकिस्तान को एक धरोहर मानकर उन्हें सहेज कर रखना चाहिए था.

न केवल ये मंदिर हिंदू तीर्थयात्रियों की श्रद्धा का केन्द्र बने रहते, बल्कि पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण साबित होते लेकिन घृणा की नींव पर बने पाकिस्तान से ऐसे किसी सकारात्मक काम की उम्मीद ही कैसे की जा सकती है, जिसमें सर्वधर्म सद्भाव और परस्पर स्नेह की खुशबू आए. पाकिस्तान मेंं जो कुछ हो रहा है, वह निंदनीय और चिंताजनक है. मंदिरों को ढहाना सिर्फ पत्थरों के ढांचे को खत्म करना नहीं है, ऐसा करके हिंदुओं की समृद्ध और वैभवशाली संस्कृति को नष्ट करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. भारत को इस मुद्दे को वैश्विक स्तर पर इस पुरजोर तरीके से उठाना चाहिए.

लेखक

अमरपाल सिंह वर्मा अमरपाल सिंह वर्मा @apsv70

पिछले 35 वर्ष से पत्रकारिता में सक्रिय स्वतंत्र पत्रकार। राजस्थान पत्रिका के पूर्व मुख्य उप संपादक। विभिन्न हिन्दी अखबारों और वेबसाइट्स में लेख प्रकाशित होते हैं। अनेक राष्ट्रीय व राज्य स्

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