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Updated: 24 मार्च, 2019 07:29 PM
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जब भी लगता है कि पाकिस्तान की बर्बता की खबरें अब कम हो गई हैं उसी समय कोई ऐसी खबर सामने आ जाती है जो ये सोचने पर मजबूर कर दे कि पाकिस्तान जैसा देश कभी नहीं बदल सकता. एक तरफ जहां होली के त्योहार पर भारत में खुशियां मनाई जा रही थीं वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान में दो हिंदू लड़कियों को अगवा कर जबरदस्ती इस्लाम कबूल करवाया जा रहा था. ये दोनों लड़कियां नाबालिग हैं.

13 साल की रवीना और 15 साल की रीना पाकिस्तान के घोटकी इलाके से होली की शाम अगवा कर ली गई थीं. होली की शाम त्योहार की खुशियां इस परिवार के लिए मातम में बदल गई थीं. रिपोर्ट के अनुसार जिन लोगों ने अगवा किया है वो इलाके के 'प्रभावशाली' व्यक्तियों में शुमार हैं. इस किस्से की हद देखिए कि न सिर्फ नाबालिग लड़कियों को अगवा किया गया बल्कि इन लड़कियों का वीडियो भी वायरल किया गया जिसमें एक मौलवी साहब ये कह रहे हैं कि इन लड़कियों ने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल किया है और जिस दरगाह में ये आई थीं वहीं दो नौजवानों ने इन्हें अपनी पनाह में लेकर निकाह किया है.

वीडियो के वायरल होने के बाद वही हुआ जैसा कि हमेशा पाकिस्तान में होता आया है. वही हुआ पाकिस्तानी पुलिस ये कहने लगी कि लड़कियां तो अपनी मर्जी से आई हैं तो फिर इस मामले को इतना तूल क्यों दिया जा रहा है. 

पाकिस्तान, शादी, सुषमा स्वराज, हिंदूपाकिस्तानी पत्रकार ने ये फोटो शेयर की है जो रीना और रवीना के किस्से की एफआईआर की कॉपी है.

पाकिस्तानी पत्रकार ने इन लड़कियों से संबंधित एफआईआर की कॉपी शेयर की है जिसमें साफ लिखा है कि ये दोनों लड़कियां नाबालिग थीं. ऐसे में ये अपनी मर्जी से गई थीं और अपनी मर्जी से निकाह किया ये सब बातें बेमानी ही लगती हैं.

यहां एक बात समझने वाली है कि पाकिस्तान में बाल विवाह को लेकर कानून पहले से ही है. अगर ये कानून है तो फिर कैसे एक मौलवी नाबालिग बच्चियों का निकाह करवा रहा है? अन्य वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था जिसमें रीना और रवीना का निकाह करवाता हुआ एक मौलवी भरी महफिल में बाल विवाह का कानून तोड़ रहा है.

ये वीडियो दिखाता है कि किस तरह भरी सभा में बच्चियों का निकाह हो रहा है और लड़कियां चुप-चाप बैठी हुई हैं. क्या मौलवी को, उन बच्चियों को या निकाह करने वाले लड़कों को भी नहीं पता था कि बच्चियां नाबालिग हैं या वहां मौजूद तमाम लोगों को ये नहीं पता था कि पाकिस्तान में बाल विवाह के खिलाफ कोई कानून भी है?

इन बच्चियों के पिता का हाल क्या है उसे दिखाने के लिए ये वीडियो काफी है.

 

पिता पुलिस स्टेशन से बाहर जाने को तैयार नहीं था. उसे अपनी अगवा हुई बच्चियां चाहिए थीं. एक पिता अपनी बच्चियों के लिए गोली खाने को भी तैयार है. ये दोनों लड़कियां जिस तरह से अपने घर से गायब हुईं और उनका निकाह हुआ ये कहानी किसी के भी गले नहीं उतर रही है. 15 साल से कम उम्र की लड़कियां सीधे दरगाह पर जाकर निकाह कर लेती हैं और इस्लाम कबूल कर लेती हैं. निकाह भी ऐसे ही किसी अंजान इंसान से और मौलवी कहता है कि अब इनकी रक्षा करना उसका हक है.

रंगों के त्योहार में जिस तरह से एक परिवार की जिंदगी बेरंग की गई है वो चौंकाने वाली बात है. पाकिस्तानी हिंदुओं ने इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है और प्रधानमंत्री इमरान खान के वो वादे भी याद दिलाए जिसमें उन्होंने अल्पसंख्यकों की रक्षा की बात कही थी.

क्या कहता है पाकिस्तानी कानून-

पाकिस्तान के Child Marriage Restraint Act 1929 के हिसाब से किसी लड़के की 18 साल से पहले और किसी लड़की की 16 साल की उम्र से पहले शादी एक गुनाह है और इसके खिलाफ कानून भी है. पर सज़ा सुनकर शायद आपको समझ आ जाएगा कि इस भरी महफिल में कैसे नाबालिग लड़कियों की शादी हो गई.

अगर कोई इस कानून का उलंघन करता है तो उसे 1000 रुपए जुर्माना या 1 महीने की सज़ा हो सकती है. ये कानून पाकिस्तान के हर नागरिक के लिए लागू है भले ही वो पाकिस्तान में रहते हों या नहीं.

क्या कहना है घर वालों का?

पाकिस्तानी हिंदू समुदाय के नेताओं का कहना है कि आरोपी पाकिस्तान के कोहबार और मलिक समुदाय के हैं और उस इलाके में काफी नाम है. पुलिस ने बहुत विरोध के बाद एफआईआर दर्ज की और एफआईआर दर्ज करवाते समय लड़कियों के भाई ने बताया कि कुछ दिन पहले आरोपियों का और लड़कियों के पिता का झगड़ा हो गया था जिसके बाद होली के दिन वो लोग बंदूक की नोक पर लड़कियों को उठा ले गए.

लड़कियों के घर वालों का आरोप है कि कुछ दिन पहले हुए झगड़े का बदला निकालने के लिए ऐसा किया गया है.लड़कियों के घर वालों का आरोप है कि कुछ दिन पहले हुए झगड़े का बदला निकालने के लिए ऐसा किया गया है.

दो लड़कियां जो नाबालिग हैं उनके मामले में स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन और निकाह की बात सामने आती ही नहीं है. पर पाकिस्तानी कानून में शायद इस तरह की ज्यादती के लिए कोई जगह नहीं है.

अब कुछ सवालों के जवाब देने की जरूरत है यहां नए पाकिस्तान को..

  1. बच्चियों ने होली के दिन ही सोचा कि उन्हें धर्म परिवर्तन करना है और वो इस्लाम में इतनी रच बस गईं कि उसी दिन किसी अंजान से निकाह भी कर लिया?
  2. पाकिस्तानी बाल विवाह कानून को यहां क्यों नहीं देखा गया और अगर देखा भी जाएगा तो क्या वाकई इतनी कम सज़ा के बाद कोई इस कानून को मानेगा?
  3. अगर निकाह हो गया है तो क्या अब बच्चियों को बचाने का कोई तरीका है?

जहां ये सारे सवाल बहुत अहम हैं वहीं पाकिस्तान में हिंदू सेवा वेलफेयर ट्रस्ट के प्रेसिडेंट संजय धनजा का कहना है कि उन्होंने इसके खिलाफ आवाज़ उठाना शुरू कर दिया है. जहां ये सब हो रहा था वहीं भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस मामले की जांच करने के लिए पाकिस्तान में मौजूद भारतीय हाई कमिशन को कहा तो पाकिस्तानी मंत्री चौधरी फवाद हुसैन को बेहद बुरा लगा. ट्विटर पर उन्होंने सुषमा स्वराज के साथ कहासुनी भी कर ली.

इसका जवाब भी सुषमा जी ने बेहद शालीनता से दिया.

पर शायद इस जवाब की उम्मीद चौधरी फवाद हुसैन को नहीं थी जो पहले ये कह रहे थे कि पाकिस्तान के निजी मामलों में दखल न दें वो अब भारत को उसके अल्पसंख्यकों के बारे में बताने लगे.

पाकिस्तानी मंत्री की ये ट्वीट दिखाती है कि अब उनके पास कुछ भी नहीं रह गया था जवाब देने के लिए तो अब भारत पर ही उल्टा तीखा वार करने की कोशिश की.

पाकिस्तान में पिछले दिनों में जबरन धर्म परिवर्तन का ये दूसरा मामला है जो इतना वायरल हो गया है. कुछ दिन पहले पाकिस्तान की साइमा इकबाल को जबरन ईसाई से मुस्लिम बनाया गया था. साइमा तो तीन बच्चों की मां हैं फिर भी उन्हें धर्म परिवर्तन करवाकर एक गुंडे के साथ शादी करने को मजबूर किया गया.

पाकिस्तान में हिंदू मैरिज लॉ 2017 में पास हुआ था जिसमें वहां रहने वाले हिंदुओं को समान अधिकार देने की बात की गई थी पर लगातार सामने आ रहे धर्म परिवर्तन के किस्से ये बताते हैं कि इन अधिकारों के बारे में सिर्फ बात ही की गई है इसके लिए कोई अमल नहीं किया गया और लगातार पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं.

United States Commission on International Religious Freedom ने इस बारे में चिंता भी जाहिर की है कि कैसे पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ जुर्म हो रहे हैं और वहां आए दिन इस तरह के किस्से सुनने को मिलते हैं.

भारत में जिस तरह से सुषमा स्वराज ने इन हिंदू लड़कियों की चिंता की है वो काबिलेतारीफ है. यकीनन सुषमा स्वराज का इस मामले में रिपोर्ट मांगना सही था और जिस तरह पाकिस्तानी मंत्री ने इसके खिलाफ ट्वीट किए हैं वो साबित करते हैं कि पाकिस्तानी मंत्री खुद अपने यहां होने वाली घटनाओं से वाकिफ हैं.

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