स्टार प्रचारक जो चुनाव मैदान से दूर रहेंगे
बिहार विधानसभा के लिए होने जा रहे चुनाव में स्थिति बिलकुल अलग है. यहां एक खास बात नजर आ रही है कि ज्यादातर दलों के स्टार प्रचारक ऐसे हैं जो खुद चुनाव मैदान में नहीं उतरने जा रहे.
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चुनाव के दौरान कई उम्मीदवार ऐसे होते हैं जो खुद के अलावा दूसरे प्रत्याशियों के इलाकों में जाकर उनके लिए भी वोट मांगते हैं. हर पार्टी में ऐसे नेता होते हैं और उन्हें स्टार प्रचारक कहा जाता है.
बिहार विधानसभा के लिए होने जा रहे चुनाव में स्थिति बिलकुल अलग है. यहां एक खास बात नजर आ रही है कि ज्यादातर दलों के स्टार प्रचारक ऐसे हैं जो खुद चुनाव मैदान में नहीं उतरने जा रहे.
नीतीश कुमार - मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं. नीतीश कुमार बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं. वो खुद विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने वाले.
सुशील मोदी - सुशील मोदी एनडीए गठबंधन की सरकार में डिप्टी सीएम रह चुके हैं. एनडीए गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं हुआ है लेकिन उन्हें सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है. सुशील मोदी भी विधान सभा सदस्य हैं - और उनके भी विधान सभा चुनाव लड़ने की संभावना न के बराबर है.
लालू प्रसाद - लालू प्रसाद महागठबंधन के बड़े नेता और आरजेडी के अध्यक्ष हैं. मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके लालू प्रसाद चारा घोटाले में जमानत पर चल रहे हैं. कानूनी अड़चनों के चलते लालू चुनाव तो नहीं लड़ सकते, लेकिन महागठबंधन के सबसे बड़े स्टार प्रचारक हैं.
जीतन राम मांझी - सूबे में दलितों के बड़े नेता के तौर पर उभरे जीतन राम मांझी बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. कुछ ही दिन पहले उन्होंने हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा बनाया है - और अब वो एनडीए के साथ हैं. मांझी कई बार कह चुके हैं कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे. इस बीच खबर ये भी आई थी कि बीजेपी ने मांझी को चुनाव बाद राज्य सभा में भेजने का प्रस्ताव दिया है. बहरहाल, मांझी भी एनडीए के स्टार चुनाव प्रचारक होंगे.
मंगल पांडेय - मंगल पांडेय बीजेपी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष हैं. मंगल पांडेय भी विधान परिषद सदस्य हैं - और उनके भी चुनाव मैदान से दूर रहने की ही संभावना है.
राबड़ी देवी - बिहार की मुख्यमंत्री रह चुकीं राबड़ी देवी पिछली बार दो जगह से विधान सभा और इस बार सारण से लोग सभा चुनाव हार चुकी हैं. फिलहाल वो विधान परिषद सदस्य हैं. राबड़ी देवी महागठबंधन के लिए वोट तो मांगेंगी, लेकिन चुनाव मैदान में उतरने के कोई संकेत नहीं हैं. खासकर, तब जब नीतीश कुमार को गठबंधन का नेता घोषित किया जा चुका है.
अशोक चौधरी - अशोक चौधरी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं. चौधरी भी विधान परिषद सदस्य हैं जिनके चुनाव मैदान में उतरने की संभावना नहीं है.
शरद यादव - शरद यादव जेडीयू के अध्यक्ष हैं और राज्य सभा सांसद हैं. शरद यादव के विधान सभा चुनाव लड़ने का कोई मतलब नहीं है. शरद यादव महागठबंधन के स्टार प्रचारक होंगे.
सदानंद सिंह - सदानंद सिंह कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता हैं. सदानंद ने पिछली बार कहा था कि ये उनका आखिरी चुनाव होगा. अभी तक उनके चुनाव लड़ने को लेकर कोई बयान नहीं आया है. कांग्रेस की ओर से गठबंधन के वो भी स्टार प्रचारक होंगे.
जहां तक सुपर स्टार प्रचारकों की बात है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रविशंकर प्रसाद, राजीव प्रताप रूडी, सैयद शाहनवाज हुसैन और गिरिराज सिंह जैसे नेता भी एनडीए के लिए वोट मांगेंगे. इसी तरह महागठबंधन के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद और तारिक अनवर सुपर स्टार प्रचारक होंगे.

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