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Updated: 01 नवम्बर, 2016 02:34 PM
गौरव चितरंजन सावंत
गौरव चितरंजन सावंत
  @gaurav.c.sawant
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भोपाल एनकाउंटर का वायरल हुआ वीडियो परेशान करने वाला हैं. एक समतल चट्टान पर फैली हुई कुछ लाशें. ऑटोमैटिक राइफल से लैस एक पुलिसवाला मृत लग रहे एक शख्स को गोला मारता है. एक दूसरी आवाज का सुनाई देना जो पूछ रहा है कि हथियार कहां हैं? और फिर सादी वर्दी में एक पुलिसवाला आगे बढ़कर एक लाश की कमर से धारदार हथियार निकालते हुए.

देखने से लग रहा है कि यह वीडियो मोबाइल कैमरे से खींचा गया है. सिमी के तथाकथित आठों सदस्यों पर गंभीर आरोप हैं. 2008 में अहमदाबाद धमाका, ड्यूटी पर तैनात पुलिसवाले की हत्या और बैंक डकैती कर 48 लाख रुपए की लूट. इन आठ आरोपियों में से एक के महाराष्ट्र स्थित घर से विस्फोटक तक बरामद किया जा चुका है. अंत में जैसा कि महाराष्ट्र के बड़े पुलिस अधिकारी का बयान है कि इन खतरनाक आतंकवादियों ने जेल से भागने से पहले वहां तैनात एक पुलिसवाले को भी मौत के घाट उतार दिया.

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इन तथाकथिक आठों आतंकवादियों को भोपाल जेल से फरार होने के कुछ ही घंटों बाद लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर मार गिराया गया. लेकिन सामने आए वीडियो में पुलिसवाले का एक लाश पर गोली चलाना गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है. एनकाउंटर के बाद भोपाल के आईजी का बयान आया कि इन आठों आतंकवादियों ने पुलिस दल पर गोली चलाई. बचाव में पुलिसवालों ने जवाबी फायरिंग करते हुए आठों को मार गिराया.

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 एनकाउंटर पर उठे बेहद गंभीर सवाल

अब मध्यप्रदेश सरकार और पुलिस को एनकाउंटर पर उठे इन सवालों का जवाब जल्द से जल्द देने की जरूरत है-

  1. आंतकवादियों के पास मौजूद हथियार कहां हैं?
  2. क्या अत्याधुनिक हथियारों से लैस मध्यप्रदेश पुलिस, एसटीएफ और एटीएस की ज्वाइंट टीम ने महज एक धारदार हथियार लिए 8 आतंकवादियों को मार गिराया?
  3. अगर आतंकवादियों के पास से सुबह 11.30 बजे तक, जब इंडिया टुडे टीवी ने स्टोरी ब्रेक की, और हथियार बरामद किए गए तो उन्हें शाम तक क्यों नहीं गोषित किया गया?
  4. ऐसा कैसे संभव है कि 8 आतंकवादियों ने आईएसओ सर्टिफआइड भोपाल सेंट्रल जेल की पूरी सुरक्षा को धता करते हुए एक गार्ड का कत्ल कर दिया औऱ दूसरे को काबू करते हुए वहां से फरार होने में कामयाब हो गए.
  5. आतंकवादियों जब इस घटना को अंजाम दे रहे थे तब जेल के बाकी गार्ड कहां थे? जेल में मौजूद वॉच टावर का स्टाफ उस वक्त क्या कर रहा था जब जेल की दीवार लांघने के लिए आंतकवादियों ने लकड़ी और बेडशीट से रस्सी तैयार की?
  6. क्या एनकाउंटर करने वाली ज्वाइंट टीम को कम से कम एक आतंकवादी को जिंदा पकड़ने की जरूरत नहीं महसूस हुई जिससे उसकी गवाही से इनके षणयंत्र में शामिल अन्य लोगों को पकड़ा जा सके?
  7. क्या आतंकवादियों को जेल के बाहर से मदद दी गई? किसने जेल के बाहर उनकी मदद की? किसने उन्हें कपड़े, घड़ी, जूता और एक धारदार हथियार दिया?
  8. जेल से भागने के बाद आखिर क्यों आठों आंतकवादी अलग नहीं हुए जिससे उनके पकड़े जाने की संभावना कम हो जाती? एनकाउंटर की जगह अंतखेड़ी गांव तक आतंकवादियों के पहुंचने में उनकी मदद किसने की?

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मध्यप्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने इंडिया टुडे को बताया कि कुछ पुलिस अधिकारियों मे बिना पूरी जानकारी के कुछ बयान दिए हैं. उन्होंने दावा किया कि सभी तथ्यों की पड़ताल नैशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी कर रही है और जल्द से जल्द एनकाउंटर से जुड़े सभी तथ्य जगजाहिर कर दिए जाएंगे. यह सफाई देते हुए गृह मंत्री ने एक बार फिर दावा किया कि एनकाउंटर फर्जी नहीं था और पूरी हकीकत जल्द सामने आ जाएगी.

अब जितनी जल्दी यह हकीकत सामने आए, राज्य की सरकार और पुलिस के लिए उतना ही अच्छा है.

लेखक

गौरव चितरंजन सावंत गौरव चितरंजन सावंत @gaurav.c.sawant

लेखक इंडिया टुडे टेलीविजन में एडिटर (स्ट्रैटेजिक अफेयर्स) हैं.

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