Ram Mandir मुद्दा बना रहेगा, जब तक ओवैसी अपनी नस्लों को 'बाबरी मस्जिद' याद दिलाते रहेंगे
पीएम मोदी (PM Modi ) के राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट (Ram Mandir Nirman Trust) पर बयान देकर और बाबरी विध्वंस (Babri Demolition) के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को जिम्मेदार ठहराकर असदउद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने अपने नए राजनीतिक एजेंडे का एलान कर दिया है.
-
Total Shares
बाकी मुद्दे अपनी जगह हैं लेकिन देश की राजनीति का कोर हिंदू मुस्लिम (Hindu-Muslim) है. ये होता आया है. ये होता रहेगा. हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम (AIMIM) सुप्रीमो असदउद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) इसे भली प्रकार समझाते हैं. वो इस खेल के माहिर खिलाड़ी हैं. इसे उन्होंने अपने उग्र तेवरों से एक बार फिर साबित कर दिया है. राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट (Ram Mandir Nirman Trust) की घोषणा ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जरूरी नहीं कि हर बार सही हो. हम भूल नहीं सकते बाबरी मस्जिद विध्वंस को. ओवैसी बाले कि हम अपनी आने वाली नस्लों को बाबरी मस्जिद के बारे में बताते रहेंगे. यानी साफ है कि वे अयोध्या विवाद के न्यायपूर्ण और शांतिपूर्ण निपटारे से अब भी आहत हैं, और उसे अपनी राजनीति के केंद्र में रखना चाहते हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections) से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Teertha Kshetra) बनाए जाने की घोषणा की तो देश की सियासत गरमा गई. ओवैसी ने इस घोषणा के समय पर सवाल उठाए. मामले पर ओवैसी ने कहा है कि संसद का सत्र 11 फरवरी को समाप्त हो रहा है. यह घोषणा 8 फरवरी के बाद की जा सकती थी. ऐसा लगता है कि बीजेपी दिल्ली चुनावों को लेकर चिंतित है.
अपनी बातों से ओवैसी से बता दिया है कि उनकी राजनीति का आधार केवल हिंदू मुस्लिम है
पीएम मोदी द्वारा की गई घोषणा पर अपना पक्ष रखते हुए ओवैसी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने अगर कारसेवा की इजाजत नहीं दी होती तो वहां मस्जिद नहीं टूटती. राम मंदिर का मामला कैसे ओवैसी की राजनीति का केंद्र बिंदु है? इसे हम उनकी उस बात से भी समझ सकते हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को बताएंगे कि कैसे बाबरी मस्जिद टूटी है. ओवैसी ने तर्क दिया है कि जिन लोगों की बाबरी विध्वंस में सक्रिय भूमिका थी उन्हें ही मंदिर निर्माण का जिम्मा सौंपा जा रहा है.
जिस तरह का बयान ओवैसी ने दिया है साफ़ है कि उसमें उन्होंने बाबरी विध्वंस के लिए सुप्रीम कोर्ट को जिम्मेदार ठहराया है. 'बाबरी मस्जिद को न तो हम भूलेंगे और न आने वाली पीढ़ियों को भुलाने दिया जाएगा' ये कहकर AIMIM सुप्रीमो ने अपना एजेंडा दर्शा दिया है. विषय चूंकि न सिर्फ लोगों की आस्था से जुड़ा है. बल्कि इसमें न्याय व्यवस्था भी शामिल है. अब जबकि ओवैसी का बयान आया है, तो कहा यही जा सकता है कि अपनी बातों से खुद ओवैसी ने अपने को बेनकाब किया है. अब उनका असली चेहरा पूरे देश ने देख लिया है एयर वो उनका एजेंडा समझ चुका है. राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट पर कड़वे बोल बोलने वाले ओवैसी ने अपनी छटपटाहट से ये भी बता दिया है कि वो इस बात को जान चुके हैं कि वो मुद्दा जिसपर उन्होंने अभी तक राजनीति की थी वो उनके हाथ से फिसल गया है.
पीएम मोदी की राम मंदिर ट्रस्ट के बारे में घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए एक स्वायत्त ट्रस्ट का गठन कर दिया गया है. प्रधानमंत्री ने संसद में कहा कि, 'केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को ध्यान में रखते हुए इस दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. मेरी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार श्रीराम जन्मस्थली पर भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए और इससे संबंधित अन्य विषयों के लिए एक वृहद योजना तैयार की है.'
आज एक ऐतिहासिक दिन है, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की घोषणा कर प्रधानमंत्री जी ने सम्पूर्ण भारतवसियों का मान रखा है।सदियों से भव्य राम मंदिर का सपना जो प्रत्येक हिंदुस्तानी देख रहा था अब वो पूर्ण होने जा रहा है।मैं इस अवसर पर श्री @narendramodi जी का धन्यवाद करता हूँ।
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) February 5, 2020
पीएम ने बताया कि "सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार एक स्वायत्त ट्रस्ट 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया है. ये ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली पर भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा.
मेरी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार आयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' नाम से एक स्वायत्त ट्रस्ट का गठन किया है।
अयोध्या कानून के तहत अधिग्रहित 67.703 एकड़ भूमि नवगठित ट्रस्ट को हस्तांतरित की जाएगी: पीएम @narendramodi pic.twitter.com/FRmXrOLvJj
— BJP (@BJP4India) February 5, 2020
वहीं मोदी ने मुस्लिम पक्ष को भी जमीन देने के बारे में बात की. पीएम ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार गहन विचार-विमर्श और संवाद के बाद अयोध्या में पांच एकड़ ज़मीन सुन्नी वक़्फ बोर्ड को आवंटित करने का अनुरोध उत्तर प्रदेश सरकार से किया गया. इस पर राज्य सरकार ने भी अपनी सहमति प्रदान कर दी है. ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर फ़ैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार को मंदिर निर्माण के लिए तीन महीने का समय दिया था. किसके मद्देनजर ये मियाद 9 फरवरी को समाप्त हो रही थी.
पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को देने का अनुरोध यूपी सरकार से किया गया जिस पर सहमति प्रदान कर दी गई है।मै इसके लिए योगी @myogiadityanath जी उनकी सरकार को भी धन्यवाद देता हूँ और देश के यशस्वी प्रधानमत्री @narendramodi जी का अभिनंदन करता हूँ ।
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) February 5, 2020
प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने सरकार की इस पूरी प्लानिंग पर विस्तृत चर्चा की है. गृहमंत्री के अनुसार, 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे जिसमें से एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से रहेगा. ट्रस्ट में दलित समुदाय के एक व्यक्ति को शामिल करने के पीछे सरकार की क्या मंशा थी? इसपर भी विपक्ष के अपने तर्क है.
खैर, दिल्ली में चुनाव होने हैं और सरकार के इस निर्णय के बाद विपक्ष यही कह रहा है कि इस फैसले को अंजाम देकर पीएम मोदी ने हिंदू वोटर्स के लिए तुष्टिकरण का कार्ड खेला है. पीएम का ये फैसला दिल्ली चुनाव में पार्टी को कितनी हिट देगा? पार्टी दिल्ली में सरकार बना पाती है या नहीं ? सारे सवालों के जवाब हमें आने वाले वक़्त में पता चल जाएंगे. मगर क्योंकि जिक्र ओवैसी का हुआ है तो बता दें कि जब जब ओवैसी अपनी नस्लों को बाबरी मस्जिद याद दिलाएंगे तब तब राम मंदिर इस देश में एक बड़ा मुद्दा रहेगा.
ये भी पढ़ें -
दिल्ली में मोदी-मैजिक अगर चल जाये तो BJP के लिए चुनाव नतीजे कैसे रहेंगे?
Delhi election: मोदी की रणनीति में 75% विकास, 25% राष्ट्रवाद/शाहीनबाग
Delhi elections: दिल्ली की सत्ता शाहीन बाग से होकर ही मिलेगी
आपकी राय