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Updated: 16 जुलाई, 2021 02:04 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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अक्सर देखा जाता है कि दो पार्टी के सांसदों के बीच ताना-तानी बनी रहती है. एक पार्टी का नेता दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाता है. कई बार तो नौबत हिंसा और सिरफुटौव्वल तक आ जाती है, खैर वो कहत हैं ना कि राजनीति में सब जायज है, जब यहां अपने पर भरोसा नहीं कर सकते तो भला दूसरों पर ऐतबार कैसा…

सांसद से पायलट बने रूडी को पहचान नहीं पाए मारनसांसद से पायलट बने रूडी को पहचान नहीं पाए मारन

अब इस माहौल में इन दो नेताओं (Rajiv Pratap Rudi and dayanidhi maran) की कहानी ठंडी हवा का झोंका लगती है. हम बात कर रहे हैं सांसद राजीव प्रताप रूडी और दयानिधि मारन की. चलिए आपको गोल-गोल ना घुमाते हुए सीधे मुद्दे की बात करते हैं क्योंकि इन दोनों की यह कहानी भी काफी सहज, सीधी और सम्मानजनक है. जो विपक्षी सांसदों में काफी कम देखने को मिलती है.

हां, तो हुआ यूं कि डीएमके सांसद दयानिधि मारन संसदीय अनुमान समिति की बैठक में भाग लेने के बाद, अपने घर जाने के लिए नई दिल्ली से चेन्नई रवाना हुए. वे हमेशा की तरह एयरपोर्ट पहुंचे और इंडिगो के विमान में सवार हो गए. चालक दल की बोर्डिंग पूरी होने की घोषणा के बाद वे पहली पंक्ति में अपनी सीट पर जाकर बैठ गए. तभी कुछ ऐसा हुआ जिससे मारन थोड़ी देर के लिए हैरानी में पड़ गए.

असल में जब वे सीट पर बैठे तब विमान के कप्तान ने उनसे पूछा, "तो, आप इस फ्लाइट में ही यात्रा कर रहे हैं!" कैप्टन की वर्दी पहने हुए शख्स को वे पहचान तो नहीं पाए लेकिन हां कहते हुए सिर हिला दिया. कप्तान की आवाज जानी-पहचानी लग रही थी लेकिन, चेहरे पर मास्क होने की वजह से वे पहचान नहीं पा रहे थे. वे मन ही सोच ही रहे थे कि ये शख्स जो जाना पहचाना लग रहा है कौन हो सकता है. तभी आवाज आई, "तो तुम मुझे नहीं पहचानते!" इतना कहते हुए वह कप्तान मुस्कुराने लगे.

बस फिर क्या, मारन पहचान गए कि मुस्कुराती आंखों वाला यह शख्स कोई और नहीं बल्कि उनके दोस्त हैं. मारन ने कहा, "तब मुझे एहसास हुआ कि यह कोई और नहीं बल्कि मेरे सहयोगी, संसद के वरिष्ठ सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री, मेरे बहुत अच्छे दोस्त राजीव प्रताप रूडी थे. अभी दो घंटे पहले ही मैं और रूडी संसदीय अनुमान समिति की बैठक में गहन चर्चा का हिस्सा थे. इस बैठक में भाग लेने के लिए ही मैं दिल्ली में था”.

अपने दोस्त को इस रूप में देखकर डीएमके सांसद मारन ने कहा कि "राजनेता से एक पायलट के रूप में रूडी के परिवर्तन को देखकर मुझे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था, मैं आश्चर्यचकित था. मैंने रूडी जी से कहा कि मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि आप इस जहाज के कप्तान हैं और हमें दिल्ली से चेन्नई ले जा रहे हैं”.

इतना सुनते ही रूडी हंसने लगे और कहा "हां, मैंने देखा कि तुमने मुझे पहचाना नहीं, मैं अक्सर उड़ान भरता हूं!" मारन के अनुसार, उन्हें अपने अच्छे दोस्त और सहयोगी के साथ विमान में उड़ान भरने पर गर्व है. दयानिधि मारन ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर बकायदा एक पोस्ट करके इस बात का खुलासा किया और साथ में सांसद रूडी की फोटो भी शेयर की है.

अपनी इस पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि “एक मौजूदा सांसद कितनी बार एक व्यावसायिक उड़ान की कप्तानी करता है? मुझे यकीन है कि मैं इस बारे में लंबे समय तक बात करूंगा. इसके साथ ही मारन ने सांसद कैप्टन राजीव प्रताप रूडी को दिल्ली से चेन्नई तक सुरक्षित उड़ान भरने के लिए धन्यवाद कहा.”

राजीव प्रताप रूडी को कौन नहीं जानता...ये पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री, बिहार से लोकसभा सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं. जब मारन के पिता मुरासोली मारन केंद्रीय वाणिज्य मंत्री थे तब रूडी ने राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया. अंत में मारन ने कहा, वास्तव में यह एक यादगार उड़ान थी, जिसे मैं हमेशा याद करूंगा.

सच में ऐसे सच्चे किस्से सुनकर कितनी सकारात्मकता महसूस होती है. एक सच्चा नेता तो वही होता है जो आसमान में रहकर भी जमीन से जुड़ा हो. जो किसी को कभी छोटा ना महसूस करवाए. जो हर पल दूसरों की मदद के लिए तैयार रहे, जो सच में एक सच्चा इंसान हो. जिसके मन में कोई छल ना होकर चेहरे पर मुस्कान हो. इन दो नेताओं के बीच इतना सम्मान देखकर शायद कुछ नेता सीख ही जाएं कि राजनीति अपनी जगह है, लेकिन सम्मान और आत्मीयता अपनी जगह.

लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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