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Updated: 04 अक्टूबर, 2016 03:16 PM
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उरी की घटना और भारत के पाक अधिकृत कश्मीर में भारत के द्वारा किये गए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत-पाकिस्तान के कलाकारों के विवाद के बाद अब खिलाड़ी भी अपने विवादास्पद बयान देकर जंग का एलान कर दिया है. इसी क्रम में जावेद मियांदाद ने समा टेलीविज़न को दिए बयान, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के हर बच्चे को देश के लिए शहादत देने को तैयार बताया, के साथ ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में भी अपशब्द कहे. अपने इन बयानों से उन्होंने एक बार फिर से हलचल मचाने का प्रयास किया है.

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समा टीवी को दिए इंटरव्यू में मियांदाद ने कहा, ”हम शहादत के लिए तैयार हैं. हमारा देश धमकियों के आगे नहीं झुक सकता. मोदी नहीं जानते कि वो किस कौम को ललकार रहे हैं. चीन-पाकिस्तान कॉरिडोर की वजह से भारत को आग लगी हुई है. भारत की अवाम से गुजारिश है कि इसके खिलाफ मैदान में आएं. सड़कों पर उतरें और उसको साफ करें. आपके मुल्क में कुछ लोग ऐसे हैं जो अपनी वजह से आपको मरवाना चाहते हैं.” हम तो तैयार बैठे हैं इन चीजों के लिए. पाकिस्तान का बच्चा-बच्चा चाहता है कि अगर उसे मौत मिले, शहादत मिले तो इस तरह की मिले. मैं भी इसके लिए तैयार हूं. इन्हें तो जैसे को तैसा वाले अंदाज में जवाब देना चाहिए. ये भारत तो बहुत डरी हुई कौम है. इनकी कोई आर्मी भी नहीं है.”

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 जावेद मियांदाद

जबकि, पाकिस्तान के एक अन्य क्रिकेटर शाहिद अफरीदी जावेद मियांदाद से इतर रुख अपना रहे हैं. अफरीदी ने दोनों देशों के बीच शांति की वकालत की है. उन्होंने कहा, ”पाकिस्ताेन एक शांतिप्रिय देश है. जब बातचीत से चीजें सुलझाई जा सकती है कि तो अतिवादी कदम उठाने की क्याह जरूरत है. पाकिस्तान सबसे अच्छा रिश्‍ते चाहता है. जब दो पड़ोसी लड़ रहे होते हैं तो दोनों के घरों पर असर पड़ता है.”

वैसे भी मियांदाद अपने कॉन्ट्रोवर्सी वाले बयानों और हरकतों के कारण खेल के मैदान के अंदर और बाहर कई बार सुर्खियां बटोर चुके हैं.

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मियांदाद आतंकवाद की वकालत करते दिखते हैं तो उनकी मजबूरी भी समझ आती है कि वह पाकिस्तान में रहते हैं. भारत के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल और टेररिस्ट दाऊद इब्राहिम के वह समधी हैं. लिहाजा, भारत के लिए भला कुछ भी अच्छा वह कैसे बोल सकते हैं.

पाकिस्तान के कभी सर्वाधिक लोकप्रिय क्रिकेट खिलाड़ी रहे मियांदाद का बयान हालांकि कोई खास मायने नहीं रखता है, लेकिन एक पूर्व खिलाड़ी को इस तरह के गैर जिम्मेदराना बयान देने और इस तरह के प्रयास से एक खिलाड़ी को हमेशा बचाना चाहिए क्योंकि खेल सिर्फ शांति का दूत है और इसे सिर्फ और सिर्फ शांति की भाषा आती है.

लेखक

जगत सिंह जगत सिंह @jagat.singh.9210

लेखक आज तक में पत्रकार हैं.

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