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Updated: 13 फरवरी, 2016 06:52 PM
आईचौक
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अमेरिका वही करता है जो उसके हित के लिए जरूरी हो, फिर चाहे बात आतंकवाद की हो या पाकिस्तान की. अब अमेरिका ने फैसला किया है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत बनाने के लिए उसने F-16 फाइटर प्लेन पाकिस्तान को देने के फैसले पर अपनी मुहर लगा दी है.

अपने पड़ोसी देश को मिलने वाले इस अमेरिकी फाइटर प्लेन ने भारत की चिंता बढ़ा दी और उसने अमेरिकी राजदूत को बुलाकर उसे भारत की नाराजगी से अवगत करा दिया. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या F-16 फाइटर प्लेन भारत के लिए वाकई बहुत बड़ी चिंता की विषय है? क्या भारत के पास इससे बेहतर फाइटर प्लेन है? क्या भारत पाकिस्तान के F-16 से निपटने में सक्षम है?

पाकिस्तान की ताकत बढ़ाएगा F-16?

F-16 80 के दशक से ही अमेरिका के प्रमुख फाइटर प्लेन में से एक रहा है. समय के साथ-साथ इसकी तकनीक भी उन्नत होती गई और यह आज भी अमेरिकी वायुसेना का अहम हिस्सा है. इसे ताकतवर अमेरिकी सेना का प्रतीक माना जाता है. इसीलिए अपनी सुरक्षा के साथ-साथ पाकिस्तान जैसे अपने मित्र देशों को भी अमेरिका F-16 फाइटर प्लेन बेचता रहा है. अमेरिका पहले भी पाकिस्तान को F-16 फाइटर प्लेन दे चुका है लेकिन ये F-16 पुराने फाइटर प्लेन से ज्यादा उन्नत तकनीक से लैस होगा. पाकिस्तान को F-16 मिलने से निश्चित तौर पर उसकी ताकत में इजाफा होगा. 

क्या है भारत के पास जवाबः

अब आप सोचेंगे कि पाकिस्तान को मिलने वाले अमेरिकी F-16 का भारत के पास क्या जवाब है. क्या भारत इस मामले में पाक से पिछड़ जाएगा. तो जवाब है, जी नहीं. भारत के पास पाकिस्तान को मिलने वाले अमेरिकी F-16 फाइटर प्लेन का बड़ा जवाब पहले से ही मौजदू है और वह है रूस के सहयोग से भारत द्वारा निर्मित सुखोई-30MKI. जी हां सुखोई-30MKI को दुनिया के सबसे ताकतवर फाइटर प्लेन में से एक माना जाता है. यह कई मामलों में अमेरिकी फाइटर प्लेन F-16 से बीस है और इसलिए भारत सुखोई के साथ पाकिस्तान के F-16 पर बढ़त बनाता है. यानी भारत के पास पाकिस्तान को अमेरिका से मिलने वाले फाइटर प्लेन का महाजवाब मौजूद है.

कौन बेहतर, भारत का सुखोई या पाकिस्तान का F-16?

इसके लिए सबसे पहले या जान लीजिए कि F-16 का निर्माण अमेरिका द्वारा सबसे पहले 1974 में किया गया था, जबकि सुखोई-30MKI को बनाने के लिए भारत और रूस के बीच 2000 में समझौता हुआ था और भारत को पहला सुखोई-30 फाइटर प्लेन 2002 में मिला था. 2015 में रूस के सहयोग से भारत ने स्वेदश में ही निर्मित सुखोई MKI30 को भारतीय वायुसेना में शामिल करके अपनी ताकत कई गुना बढ़ा ली. वर्तमान में भारत के पास 200 से ज्यादा सुखोई-30MKI फाइटर प्लेन हैं. लंबाई से लेकर रेंज और मिसाइल ले जाने की क्षमता तक के मामले में सुखोई MKI30 पाकिस्तान के F-16 से कहीं बेहतर है.

इसलिए बेहतर है भारत का सुखोईः

सुखोई लंबी रेज और उच्चा क्षमता वाला फाइटर प्लेन है. सुखोई-30MKI कुछ ऐसी तकनीकों से लैस है जोकि दुनिया में किसी और फाइटर प्लेन में नहीं है. जैसे इसमें सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम लगा है जोकि इसे किसी भी मौसम में और दिन और रात दोनों वक्त ही काम करने के काबिल बनाता है. साथ ही इसमें लॉन्ग रेंज रेडियो नेविगेशन सिस्टम लगा है. इसके अलावा इसमें ऑटोमेटिक फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम लगा है. ऑटोमेटिक सिस्टम से नेविगेशन सिस्टम को जानकारी मिलते ही यह खुद ही फ्लाइट के रूट से जुड़ी गुत्थियों को खुद ही सुलझा लेता है, जिसमें अपने टारगेट को नेस्तनाबूद करने के अलावा वापस एयरफील्ड तक लैंडिंग करना शामिल है. वही एफ-16 सुखोई से काफी पहले विकसित होने के कारण इनमें से ज्यादातर आधुनिक सुविधाओं से वंचित है.

मतलब अगर अमेरिका पाकिस्तान को F-16 दे भी देता है तो भारत को परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि उसके पास मौजूद है F-16 का महाजवाब!

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