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Updated: 07 फरवरी, 2023 04:35 PM
SHIVAM KUMAR
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बीते 24 जनवरी को अदानी समूह को लेकर अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की. 106 पन्नों की रिपोर्ट में कुल 88 सवाल थे, जिसमें कहा गया अदानी समूह कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा फ्रॉड कर रहा है. यह रिपोर्ट अदानी समूह के लिए निगेटिव साबित हुई. जिस वक्त ये रिपोर्ट आई उस वक्त अदानी की कुल निजी संपत्ति 130 अरब डॉलर थी. जो अब घटकर लगभग 40 अरब डॉलर ही रह गयी है, इस एक रिपोर्ट से अदानी समूह को अब तक लगभग 9 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है.

Gautam Adani, Shares, Share Market, Economy, Narendra Modi, BJP, Congress, Scam, Rahul Gandhi हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म की रिपोर्ट के बाद अदानी समूह के पास मुसीबतों का पहाड़ है

क्या है अदानी समूह पर आरोप?

अदानी समूह पर धोखाधड़ी करके अपने शेयरों के दाम बढ़ाने, मनी लांड्रिंग, एकाउंटिंग फ्रॉड, भ्रष्टाचार, फर्जी कंपनियां बनाने, टैक्स चोरी सहित गंभीर आरोप इस रिपोर्ट में लगाये गये हैं. हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म का दावा है कि उसके द्वारा लगाये गये सारे आरोप सही और तथ्यों के आधार पर हैं.

इस रिपोर्ट पर अदानी समूह की प्रतिक्रिया

रिपोर्ट के आने के तीन दिन बाद 27 जनवरी 2023 को अदानी समूह के तरफ से एक प्रजेंटेशन सामने आया जिसका टाइटल था 'मिथ्स ऑफ़ शोर्ट सेलर', जिसमें समूह बताता है कैसे इनके पास अच्छी क्रेडिट रेटिंग्स हैं, अदानी ग्रुप की कंपनीज अलग-अलग रेगुलेशन को मैच करती हैं जिन्हें सरकार ने निर्देशित किया है. समूह के तरफ से दूसरा विस्तारपूर्वक जवाब 413 पन्नों का 3 फरवरी 2023 को आया जिसमें अदानी समूह पर लगे सभी आरोपों को झूठा और निराधार बताया और इसे भारत पर हमला बताया.

अदानी समूह ने कहा हमारे तरफ से कोई गड़बड़ी नहीं है. यह हमला मेक इन इण्डिया पर हो रहा है, यह स्वदेशी कंपनी पर हमला है, यह भारत की स्वतंत्रता, अखंडता एवं विकासगाथा को निशाना बनाने की कोशिश हुई है.

हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म: कब बनी, कौन है इसका मालिक, क्या करती है कंपनी?

हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म 2017 में बनी एक अमेरिकी कंपनी है, यह अमेरिका के न्यूयार्क शहर में स्थित है, इसके संस्थापक नाथन एंडरसन है जो एक फाइनेंसियल एनालिस्ट हैं, यह कंपनी फाइनेंसियल रिसर्च करने का दावा करती है, यह कम्पनी कहती है कि इनकी रिसर्च ऐसी चीजों को लेकर होती है जहाँ पर जानकारी निकालना आसान नहीं होता.

कंपनी के मालिक नाथन एंडरसन की बात की जाए तो इन्होनें अपनी पढाई यूनिवर्सिटी ऑफ़ कनेक्टिकट से की है. इनकी डिग्री इंटरनेशनल बिजनेस में है, शुरुआत में इन्होनें इसराइल में एम्बुलेंस ड्राइवर के रूप में काम किया जिसके बाद अमेरिका आये और अपने फाइनेंसियल करियर की शुरुआत इन्वेस्टिंग मैनेजमेंट कंपनीज में काम करके की.

इस कंपनी के नाम के पीछे एक उद्देश्य था, हिंडनबर्ग नाम आया 1937 में हुए एक हादसे से उस ज़माने में हिंडनबर्ग नाम से एक एयरशिप हुआ करता था जिसमें एक दिन आग लग गयी और 35 लोगों की मौत हो गयी, एंडरसन स्टॉक मार्केट में हुए डिजास्टर्स को 1937 में हुए इस डिजास्टर से कम्पेयर करते हुए कहते हैं “ यह सारे मैन मेड डिजास्टर्स हैं” और हमारी कंपनी का काम है स्टॉक मार्केट में ऐसे हिंडनबर्ग टाइप डिजास्टर्स को रोकना.

सरकार की चुप्पी क्यों?

हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट पर केंद्र सरकार का अभी तक कोई आधिकारिक पक्ष सामने नहीं आया है, विपक्षी दल कांग्रेस इस मामलें में सरकार पर हमलावर है, कांग्रेंस अध्यक्ष एवं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे सहित विपक्षी दलों ने जेपीसी(जॉइंट पार्लियामेंटरी कमिटी) गठित करने की मांग की है.

विपक्ष सरकार की ख़ामोशी पर अदानी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रिश्तों को लेकर हमला कर रहा, बजट के बाद संसद ठीक से चल नहीं रही है. तमाम सवाल हैं जिनके जवाब सरकार को देने हैं, अब देखना ये है सरकार इस पुरे मामले पर क्या कहती है और अदानी समूह पर क्या कार्यवाही करती है.

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