क्या दिल्ली में आपातकाल लगने वाला है?
बस अफसरों के नाम बदल जाते हैं - जंग जारी रहती है. अफसर बदलते रहते हैं लड़ाई जारी रहती है. दिल्ली की हालिया कहानी यही है.
-
Total Shares
बस अफसरों के नाम बदल जाते हैं - जंग जारी रहती है. एक अफसर को लेकर शुरू हुई जंग दूसरे, तीसरे अफसर से होती हुई किसी न किसी नए अफसर पर शिफ्ट हो जाती है. अफसर बदलते रहते हैं लड़ाई जारी रहती है. दिल्ली की हालिया कहानी यही है.
इस कड़ी में ताजा नाम जुड़ा है - मुकेश कुमार मीणा का. मुकेश मीणा नई दिल्ली के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर हैं. दिल्ली के एलजी यानी उप राज्यपाल नजीब जंग ने मीणा को अब दिल्ली सरकार के एसीबी यानी एंटी करप्शन ब्रांच का प्रमुख बना दिया गया है.
इससे पहले एडिशनल पुलिस कमिश्नर एसएस यादव एसीबी के प्रमुख थे. यादव को हटाया नहीं गया है. चूंकि ज्वाइंट सीपी का पद बड़ा होता है इसलिए अब यादव को मीणा को रिपोर्ट करना होगा. मीणा की नियुक्ति की सूचना मिलते ही दिल्ली के उप मुख्यमंत्री ने ट्विटर के जरिए इस नियुक्ति पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की.
ACB में अचानक Jt कमिश्नर का नया पद बनाकर आनन फानन में अपने चहेते अफसर की नियुक्ति और रात में ही पद संभालने के आदेश के पीछे साजिश क्या है?
— Manish Sisodia (@msisodia) June 8, 2015
क्या CNG घोटाले की File खुलने के डर से घबराकर की जा रही है ACB में नए चीफ की नियुक्ति।
— Manish Sisodia (@msisodia) June 8, 2015
सनद रहे कि ये वही अफसर हैं जिन्होंने जंतर-मंतर पर किसान गजेंद्र की आत्महत्या को हत्या बनाकर मुझे फंसाने की फर्जी स्क्रिप्ट लिखी थी।
— Manish Sisodia (@msisodia) June 8, 2015
सिसोदिया ने इस नियुक्ति पर खास तौर पर दो बातें कही हैं. एक, एसीबी में ज्वाइंट सीपी पद है ही नहीं. दूसरा, मीणा ही वो अफसर हैं जिनकी जंतर मंतर किसान खुदकुशी मामले में आम आदमी पार्टी के नेताओं पर एफआईआर दर्ज होने में प्रमुख भूमिका रही. इसी साल अप्रैल में राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह ने आम आदमी पार्टी की रैली के दौरान मंच के सामने एक पेड़ पर फांसी लगा ली थी.
मीणा की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह का आरोप है कि सीएनजी घोटाले में एलजी का नाम आते ही अवैध तरीके से एलजी ने जॉइंट कमिश्नर मीणा को एसीबी चीफ बना दिया.
आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार मीणा की नियुक्ति को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार और एलजी की नीयत पर सवाल खड़े कर रही है. दिल्ली सरकार का मानना है कि एलजी ने गलत तरीके से केस बंद करने के लिए बोला था.
दिल्ली सरकार ने 100 करोड़ रुपए के सीएनजी किट घोटाले में दोबारा जांच के आदेश दिए हैं. खबर है कि दिल्ली सरकार मुख्य सचिव से ये रिपोर्ट मांग सकती है कि क्या सीएनजी घोटाले में एलजी के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है?
अब सवाल है कि आप नेताओं और दिल्ली सरकार को आपत्ति उस अफसर को लेकर है जिसने पार्टी नेताओं के खिलाफ केस दर्ज कराया या एसीबी में ज्वाइंट सीपी के पोस्ट को लेकर?
खैर, डिप्टी सीएम सिसोदिया ने यहां तक कह दिया है कि दिल्ली में हालात आपातकाल जैसे हो गए हैं. तकनीकी तौर पर तो अब तक ऐसा नहीं हुआ है, लेकिन ऐसे आसार बन रहे हैं क्या?
आपकी राय