New

होम -> सियासत

 |  5-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 09 नवम्बर, 2016 02:52 PM
राहुल मिश्र
राहुल मिश्र
  @rmisra
  • Total Shares

अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने बाजी मार ली है. उनकी प्रतिद्वंदी हिलेरी क्लिंटन को करारी हार का सामना करना पड़ा. महीनों तक चली चुनावी प्रक्रिया पूरी तरह से ट्रंप के इर्द-गिर्द घूमती रही. ट्रंप का सबसे विवादित बयान कि अमेरिका को आतंकवाद के खतरे से बचाने के लिए जरूरी है देश में गैरकानूनी अप्रवासियों और खासतौर पर मुसलमानों की एंट्री पर पाबंदी लगाने की. इस बयान ने नतीजे को ट्रंप के पक्ष में करने का काम किया है.

तो क्या अब दुनिया को इंतजार है उन खतरनाक फैसलों का जिसका वादा ट्रंप ने प्रचार के दौरान किया था? क्या वह ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ के अपने वादे को निभाने के लिए दुनिया से आतंकबाद का सफाया करने का वादा पूरा करेंगे. क्या उनका यह वादा कि अमेरिका को आंतकवाद के खतरे से बचाने के लिए जरूरी है कि देश में मुसलमानों की एंट्री पर पाबंदी लगाई जाए वाकई अमेरिका को ग्रेट बनाएगा?

  1. मेक्सिको बॉर्डर पर दीवार

डोनाल्ड ट्रंप का दावा है कि वह अमेरिका और पड़ोसी देश मेक्सिको के बीच लंबी सीमा पर बाउंड्री वाल का निर्माण कराएंगे. ऐसा इसलिए कि लंबे समय से अमेरिका को मेक्सिको सीमा से ड्रग्स तस्करी और गैरकानूनी इमीग्रेशन की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

  1. मुस्लिमों की देश में एंट्री बंद

अपने चुनाव प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप एक से ज्यादा बार यह साफ कर चुके हैं कि कट्टरवादी इस्लाम के बड़े विरोधी हैं. राष्ट्रपति पद संभालने के बाद वह मुस्लिम देशों से अमेरिका पहुंच रहे लोगों पर लगाम लगाने के लिए कई मुस्लिम देशों के नागरिकों की अमेरिका में एंट्री पर प्रतिबंध लगा सकते हैं.

इसे भी पढ़ें: डीबेट ही जीत सकती हैं हिलेरी क्योंकि चुनाव ट्रंप जीत चुके हैं

  1. करोड़ों मुस्लिम एमीग्रेंट को देश निकाला

बीते कुछ दशकों से आतंकवाद का सामना कर रहे अमेरिका के लिए 9-11 का हमला टर्निंग प्वाइंट था. इस हमले के बाद अमेरिका की आंतरिक सुरक्षा मजबूत करने के लिए देश में रह रहे मुस्लिम इमीग्रेंट को स्कैनर पर रखा गया. अपने प्रचार के दौरान ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि चुनाव जीतने के बाद वह देश में मुस्लिम इमीग्रेंट की संख्या में बड़ी कमी लाने के लिए कानून लाएंगे. अब इंतजार करना होगा कि इस काम को करने के लिए वह क्या कानून बनाते हैं.

donald_650_110916024806.jpg
 वादा निभाने का मिल गया मौका- मेक अमेरिका ग्रेट अगेन
  1. चीन और जापान से ट्रेड वॉर

डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि वह चीन और जापान जैसे देशों के खिलाफ ट्रेड वॉर छेड़ेंगे. ऐसा इसलिए कि इन दोनों देशों ने बिते कई दशकों में अमेरिका को अंतरराष्ट्रीय व्यापार में मात दिया है. ट्रंप ने आरोप लगाया है कि दोनों देशों ने अपनी घरेलू मुद्रा के साथ छेड़छाड़ कर डॉलर के मुकाबले फायदा उठाया है. इसके अलावा इन देशों ने सस्ते दरों पर काम कर अमेरिका में बेरोजगारी बढ़ाने में मदद की है लिहाजा इनसे निपटने के लिए अमेरिका को कड़े व्यवसाइक प्रतिबंध लगाने होंगे.

  1. फ्री ट्रेड पर प्रतिबंध

चीन और जापान के अलावा अमेरिका को कई एशियाई देशों से भी व्यापार में नुकसान उठाना पड़ रहा है. ट्रंप का मानना है कि इसके लिए अमेरिका को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से बाहर निकलने की जरूरत है. ट्रंप का दावा है कि ज्यादातर देश अमेरिकी कंपनियों के लिए कड़े मापदंड रखते हैं जिससे बिते कई सालों में अमेरिका का कारोबार सिकुड़ रहा है और इन देशों में तेज ग्रोथ दर्ज हो रही है.

  1. रूस से गहरी दोस्ती

राष्ट्रपति पद के दावेदार के रूप में ट्रंप ने सबसे हैरतअंगेज बयान रूस के लिए दिया था. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अमेरिका और रूस के बीच प्रतिद्वंदिता और आपसी अविश्वास से दुनिया वाकिफ है. इसके उलट ट्रंप ने ब्लादिमीर पुतिन को एक ताकतवर ग्लोबल नेता घोषित करते हुए कहा है कि राष्ट्रपति बनने के बाद वह पुतिन के साथ गहरी दोस्ती गांठने का काम करेंगे. अब देखना होगा कि दोनों मुल्कों के बीच 70 साल पुरानी दुश्मनी और प्रतिद्वंदिता को दोस्ती में बदलने के लिए ट्रंप क्या तैयारी करेंगे.

  1. इराक, सीरिया समेत कुछ इस्लामिक देशों के खिलाफ बड़ी सैन्य कारवाई

मौजूदा समय में इस्लामिक स्टेट से मिल रही चुनौती को देखते हुए डोनाल्ड ट्रंप का दावा है कि इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठनो का पूरी ताकत के साथ दमन करने की जरूरत है. इसके लिए वह यूरोप से फ्रांस और जर्मनी के साथ-साथ रूस जैसे देशों के साथ मिलकर बड़ा सैन्य कारवाई के पक्षधर हैं. ट्रंप का मानना है की कच्चे तेल की कमाई ज्यादातर आतंकी संगठनों की रीढ़ की हड्डी है लिहाजा उनके खात्मे के लिए जरूरी है कि कच्चे तेल के कारोबार पर पूरी तरह से अमेरिका और मित्र देशों का कब्जा बनाया जाए. वहीं पुतिन कह चुके हैं कि अमेरिका और रूस एक साथ मिलकर कुछ ही घंटों में दुनिया से आतंकवाद का सफाया कर सकते हैं. अब इंतजार होगा कि दोनों कब दोस्त बनते हैं और आतंकवाद से कैसे निबटते हैं.

  1. एच1बी वीजा पर प्रतिबंध

अमेरिका में बढ़ती बेरोजगारी के लिए डोनाल्ड ट्रंप एच1बी वीजा नीति को मानते हैं. चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप कह चुके हैं कि राष्ट्रपति पद संभालने के बाद वह ट्रंप एच1बी वीजा को बंद करने का प्रस्ताव कर सकते हैं जिससे वहां काम करने के लिए आ रहे बड़ी संख्या विदेशियों को रोका जा सके. इस नीति में किसी बदलाव का सीधा असर भारत पर भी पड़ेगा क्योंकि इस वीजा का बड़ा फायदा भारत से अमेरिका जा रहे लोगों को मिलता है. हालांकि ट्रंप ने सफाई दी है कि वह इस बात से वाकिफ हैं कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में भारतीय योगदान क्या है. अब इसका भी इंतजार रहेगा कि बतौर अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति वह भारत के रिश्तों को मजबूत करने के लिए क्या पहल करते हैं.

फिलहाल इन नीतियों पर नए चुने हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप क्या रुख लेते इसका तो इंतजार दुनियाभर को रहेगा. इसके साथ ही यह भी इंतजार रहेगा कि क्या इन नीतियों पर चलकर वह वाकई अमेरिका को एक बार फिर अपने वादे के मुताबिक महान देश बनाने में सफल होंगे.

मेक अमेरिका ग्रेट अगेन- कॉन्ग्रैचुलेशन प्रेसिडेंट इलेक्ट डोनाल्ड ट्रंप.

लेखक

राहुल मिश्र राहुल मिश्र @rmisra

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में असिस्‍टेंट एड‍िटर हैं

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय