राहुल गांधी का अब तो सांसद बनना भी मुश्किल !
यूपी चुनाव में बीजेपी ने जीतकर कांग्रेस के गम को और बढ़ा दिया है. राहुल का फोकस वापसी करने का है. लेकिन मोदी लहर पूरे देश में जोर से चल रही है. ऐसे में राहुल का पीएम बनना तो दूर सांसद बनना मुश्किल सा हो गया है.
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यूपी चुनाव में बीजेपी की जीत ने कांग्रेस के गम को और बढ़ा दिया है. 2014 में जहां कांग्रेस राहुल गांधी को पीएम बनाने की पूरी तैयारी कर चुकी थी. लेकिन, जनता ने उनका साथ न देते हुए मोदी को चुना. कांग्रेस और राहुल दोनों का सपना चकनाचूर हो गया. लेकिन, उसके बाद कांग्रेस की हार या कहें बीजेपी की जीत का जो सिलसिला शुरू हुआ है, उससे कांग्रेस के बड़े नेताओं की सीट के भी लाले पड़ने वाले हैं. और इस पैमाने पर यदि अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट का परीक्षण करें तो 2019 के लोकसभा चुनाव में यह राहुल गांधी और सोनिया गांधी के हाथ से छिटकती हुई दिख रही हैं.
2014 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस मुक्त भारत के नारे के साथ शुरू हुआ था. लोग वोट देने पहुंचे तब तक उन्हें पता नहीं था कि भविष्य में क्या होगा. बावजूद इसके उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें मिलीं. राहुल गांधी अमेठी से और सोनिया गांधी रायबरेली से जीतीं. 2009 में प्रदेश से 21 सीटें जीतने वाली देश की इस सबसे पुरानी पार्टी का यह सबसे खराब प्रदर्शन था. लेकिन, यूपी चुनाव के ताजा परिणाम संकेत दे रहे हैं कि अभी कांग्रेस का यूपी में सर्वनाश होना बाकी है. अमेठी और रायबरेली में टिमटिमा रहा कांग्रेस का दिया भी बुझने वाला है.
राहुल की अमेठी सीट मुश्किल में
राहुल गांधी ने 2014 का लोकसभा चुनाव करीब एक लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीता था. उन्हें 4.08 लाख वोट मिले थे, जबकि भाजपा उम्मीदवार स्मृति इरानी को 3 लाख वोट मिले थे. लेकिन इस कामयाबी पर इसलिए सवाल खड़े हुए, क्योंकि 2009 के मुकाबले राहुल के वोट 25 फीसदी घटे थे. जबकि भाजपा के वोटों में लगभग इसी अनुपात में वोट बढ़े थे. इस यूपी विधानसभा चुनाव में जबकि यह साबित हो गया है कि मजबूत साथी मिलने के बावजूद कांग्रेस के लिए लोगों के मन में कोई उम्मीद नहीं है, तो क्या अमेठी की जनता सिर्फ परंपरा या प्रतिनिधित्व के नाम पर राहुल गांधी को वोट देंगे ?
अमेठी
विधान सभा सीट |
2017 |
2012 |
2007 |
अमेठी गौरीगंज जगदीशपुर तिलोई सलोन |
बीजेपी सपा बीजेपी बीजेपी बीजेपी |
सपा सपा काग्रेंस काग्रेंस सपा |
काग्रेंस बीएसपी काग्रेंस सपा काग्रेंस |
सोनिया की रायबरेली सीट का क्या होगा?
गांधी, नेहरू परिवार के नाम यूपी की जो दूसरा लोकसभा सीट है, उसका नाम है राय बरेली. फिरोज गांधी, इंदिरा गांधी और अब तीन बार से सोनिया गांधी यहां से चुनाव जीत रही हैं. लेकिन 2019 का चुनाव उनके लिए यहां से जीतना नामुमकिन लग रहा है. विधानसभा चुनाव के नतीजे अपनी जगह हैं, लेकिन सोनिया गांधी की खराब तबीयत भी उनके पक्ष में नहीं है. यदि वे खुद चुनाव न लड़ें और प्रियंका गांधी को यह सीट दे दें, तो बात अलग है. लेकिन फिलहाल ऐसा होता दिख नहीं रहा है.
रायबरेली
विधान सभा सीट |
2017 |
2012 |
2007 |
रायबरेली सरेनी बाछरांवा ऊंचाहार हरचांदपुर |
काग्रेंस बीजेपी बीजेपी सपा कांग्रेस
|
निर्दलीय सपा सपा सपा सपा |
काग्रेंस काग्रेंस काग्रेंस(2009) - - |
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