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Updated: 12 सितम्बर, 2015 06:12 PM
सईद अंसारी
सईद अंसारी
 
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डैशिंग, हैंडसम, गोरा-चिट्टा, लंबा-तगड़ा, बिलकुल हीरो. इससे बात करो या इसे सुनो तो बस फिदा हुए बिना नहीं रह सकते. बेहद विनम्र, शालीन, संस्कारी, पढ़ा-लिखा, फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाला बड़े बाप का रईस बेटा. ये लड़का है चिराग पासवान.

इनमें से अगर एक भी क्वालिटी किसी बिहारी लड़के में हो तो वो दिल्ली या मुंबई की ट्रेन पकड़ने में जरा भी देर नहीं लगाता. लेकिन दिल्ली मुंबई की गलियों की धूल फांककर चिराग लौट आया है बिहार एक सपना लेकर. दिल्ली मुंबई के लड़कों को बिहार में नौकरी के लिए आने पर मजबूर कर देने का सपना है चिराग का.

आजतक के ओपिनियन पोल में बिहार के सबसे लोकप्रिय युवा नेता के सर्वे में नंबर वन पर रहे हैं चिराग. हालांकि दूसरे नंबर पर पप्पू यादव फिर तेजस्वी, मीसा जैसे युवा नेता भी हैं लेकिन ना सर्वे में ये सब चिराग के आगे कहीं ठहरते हैं और ना ही राजनीति में. चिराग सांसद हैं. बाकी सब क्या हैं आप जानते हैं. आजतक के सर्वे में नंबर वन पर घोषित किए जाने पर चिराग को भी आमंत्रित किया गया था.

दिग्गज पत्रकारों के पैनल के साथ बैठे चिराग मंद-मंद मुस्कुरा रहे थे कि अचानक आलोक मेहता ने सवाल दाग दिया कि आप केन्द्र की राजनीति में खुद को देखते हैं या बिहार में और क्या आपका वोट बैंक दलित युवा हैं? चिराग का जवाब हैरान कर देने वाला था. बेहद मंझे हुए राजनीतिज्ञ की तरह जवाब देते हुए चिराग ने कहा कि सिर्फ बिहार, मैं बिहारी हूं, बिहार का हूं, यहीं रहूंगा, काम करूंगा और बिहार को ऐसा बिहार बनाऊंगा कि एक भी बिहारी लड़का नौकरी के लिए किसी दूसरे शहर जाने की ना सोचे बल्कि दिल्ली मुंबई के लड़के यहां आकर नौकरी करें.

आलोक जी के सवाल के दूसरे हिस्से के जवाब में चिराग ने सभी को हैरान कर दिया. चिराग ने कहा मैं केवल दलित युवक नहीं हर बिहारी युवक की बात करता हूं, उसके भविष्य के बारे में सोचता हूं, उसके लिए काम कर रहा हूं, मैं दलित महादलित नहीं बल्कि बिहार के युवा के भविष्य की चिंता करता हूं, चाहे वो किसी जाति-धर्म का हो. इस तरह के जवाब की उम्मीद आप किसी परिपक्व नेता से ही कर सकते हैं. जिस गंभीरता और आत्मविश्वास के साथ चिराग ने ये जवाब दिया उससे निश्चित तौर पर बिहार का युवा और बिहार का मतदाता चिराग से जुड़ेगा.

आजतक पर लाइव चल रहे इस कार्यक्रम में चिराग अपने जवाब से लगातार प्रभावित करते रहे. वरिष्ठ पत्रकार नलिनी सिंह का सवाल ऐसा था कि अच्छे से अच्छा नेता चकरा जाए. नलिनी ने चिराग को फंसाने के लिए पूछा कि आपके राजनीति में आने में परिवार का कितना योगदान है? आप राजनीति में वंशवाद को मान्यता देते हैं? बिना विचलित हुए, उसी मुस्कान और आत्मविश्वास के साथ चिराग ने नलिनी को जवाब दिया. चिराग का ये ईमानदारी भरा जवाब था, चिराग ने कहा हां मैं परिवार, पिता, चाचाओं की वजह से राजनीति में हूं, उनका मुझे फायदा मिला लेकिन निजी तौर पर मैं वंशवाद का विरोधी हूं.

इस ईमानदार जवाब के बाद पैनल पर मौजूद वरिष्ठ पत्रकार रामकृपाल सिंह और आलोक मेहता जी मुस्करा दिए लेकिन इन दिग्गजों की तरफ से फिर क्रॉस क्विशचन नहीं हुआ. एंकर पुण्य प्रसून वाजपेयी ने भी चिराग के सामने परेशान कर देने वाला सवाल रख दिया. आप अपने पिताजी को क्या सलाह देंगे? चिराग के जवाब सुनने और देखने वालों को उनसे जोड़ते जा रहे होंगे, ये अंदाजा चिराग को सुनते हुए लग रहा था.

चिराग की उम्र भले ही काफी कम हो, केवल 32 साल लेकिन लोकसभा चुनाव में जिस तरह से चिराग ने अपने पिता रामविलास को बीजेपी के साथ जाने के लिए मनाया. ये चिराग की परिपक्वता को दर्शाता है. राजनीति के हिसाब से इस कच्ची उम्र में सियासी बयार किस ओर बह रही है ये पहचानने की अद्भुत कला चिराग में आ गई है. चिराग अगर अपनी सहनशीलता, आत्मविश्वास को बनाए रख पाने में कामयाब रहते हैं और सबसे बड़ी बात साफ-सुथरी अच्छी इमेज को बरकरार अगर रखते हैं तो इसमें कोई शक नहीं कि भविष्य के बिहार में चिराग लालू नीतीश की भूमिका में दिखाई देंगे.

लेखक

सईद अंसारी सईद अंसारी

लेखक आज तक के एंकर और एडिटर (स्पेशल प्रोजेक्ट) हैं.

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