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Updated: 07 जून, 2016 01:54 PM
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पाकिस्तान और चीन की दोस्ती पूरी दुनिया में जगजाहिर है. रक्षा से लेकर कूटनीति तक हर मामले में चीन पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान का सबसे बड़ा मददगार बना नजर आता है. लेकिन धर्म के मामले में चीन सिर्फ अपने देश की चिंता करता है और वही करता है जो उसे ठीक लगता है.

आज से दुनिया भर के मुस्लिम जहां पवित्र रमजान महीने के लिए रोजा रखेंगे तो चीन के मुस्लिमों को ऐसा करने की आजादी नहीं होगी. जी हां, चीन ने शिनजियांग प्रांत में सरकारी कर्मचारियों, नाबालिगों और छात्रों के लिए रमजान के दौरान रोजा रखने पर बैन लगा दिया है. साथ ही सरकारी आदेश में रमजान के दौरान सभी रेस्टोरेंट के खुले रहने का भी आदेश दिया गया है.

चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी आधिकारिक तौर पर नास्तिक है. चीन के शिनजियांग प्रांत में करीब 1 करोड़ उइगर मुस्लिम रहते हैं. ऐसे में जाहिर सी बात है कि चीन के इन मुसलमानों के लिए  अपने धार्मिक अधिकारों का प्रयोग कर पाने की आजादी नहीं होगी. आइए जानें आखिर चीन ने ऐसा क्यों किया.

चीन ने रोजा रखने पर लगाया बैन, लेकिन क्यों?

रोजा रखने पर बैन लगाना चीन द्वारा अपने यहां इस्लाम धर्म के प्रसार पर शिकंजे कसने का अगला कदम है. अभी पिछले ही महीने चीन ने अपने निवासियों को इस्लाम धर्म से दूर रहने की चेतावनी जारी की थी. दरअसल ऐसा चीन के शिनजियांग प्रांत के मुस्लिमों और सरकार के बीच हाल के वर्षों में बढ़े तनाव की वजह से किया गया है. चीन का मानना है कि इस तनाव के बढ़ने की वजह इस प्रांत में फैल रही इस्लामिक कट्टरपंथी सोच है. इस्लामिक कट्टरपंथी विचारधारा को लेकर चीन बहुत सजग है और इसे देश के लिए खतरे के तौर पर देखता है.

यह भी पढ़ें: चीन ने अपने नागरिकों को दी इस्लाम से दूर रहने की चेतावनी, लेकिन क्यों?

इसीलिए चीन ने अपने निवासियों को न सिर्फ इस्लाम से दूर रहने की चेतावनी दी है बल्कि रमजान में रोजे रखने पर भी बैन लगाया है. चीन ने इस मामले में अपने दोस्त कहे जाने वाले पाकिस्तान को भी चेतावनी दी है कि वह चीन में इस्लामिक कट्टरपंथी विचारधार को न फैलाए. चीन का मानना है कि पड़ोसी देश से आ रही इन इस्लामिक कट्टरंपथी विचारधाराओं के कारण ही उइगर मुस्लिम चीन के खिलाफ खड़े हो रहे हैं.

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चीन ने शिनजियांग प्रांत के उइगर मुस्लिमों पर रमजान के दौरान रोजा रखने पर बैन लगा दिया है

पिछले महीने आयोजित हुए धार्मिक सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने देशवासियों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे चीन की स्टेट पॉलिसी 'मार्क्सवादी नास्तिकता' का अनुसरण करें और इस्लामी विचारधारा का अनुसरण न करें. चीन इस्लामिक विचारधारा को देश की सुरक्षा के प्रति खतरे के रूप में देखता है और इसीलिए इसके प्रचार-प्रसार को रोकने के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है. इस्लाम और रमजान को लेकर चीनी सरकार का ये कदम उसी दिशा में उठाया गया है.

चीन ने क्या कहा अपने आदेश में?

शिनजियांग में कई स्थानीय सरकारों ने पिछले हफ्ते अपनी वेबसाइट पर रमजान के दौरान रोजे रखने पर बैन के आदेश से संबंधित नोटिस लगाए थे. मध्य शिनजियांग स्थित कोरला शहर में गुरुवार को एक सरकारी वेबसाइट पर जारी की गई नोटिस के मुताबिक, 'पार्टी सदस्यों, काडर्स, प्रशासनिक कर्मचारियों, छात्र और नाबालिगों को रमजान के दौरान रोजे नहीं रखना है और न ही धार्मिक गतिविधियों में भाग लेना है.' इसमें कहा गया है, 'रमजान के दौरान खाने और पीने के बिजनेस को बंद नहीं रखना है.'

उइगर मुस्लिमों से हुई है कई बार भिड़ंतः

प्रकृतिक संसाधनों से भरपूर शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों और चीन के सुरक्षा बलों के बीच कई बार झड़प हो चुकी है. चीन की सरकार आतंकवादियों पर देश की जनता को आजादी मांगने के लिए भड़काने का आरोप लगाती रही है. चीन का का कहना है कि इस्लामिक कंट्टरपंथी विचारधारा के कारण ही उइगर मुस्लिम सरकार के खिलाफ उठ खड़े हुए हैं.

निर्वासित ग्रुप वर्ल्ड उइगर कांग्रेस के दिलक्शत रक्शिथिम ने सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुअ कहा, 'चीन को लगता है कि उइगरों की इस्लामिक आस्था बीजिंग लीडरशिप के लिए खतरा है.'

वैसे तो चीन अपने नागरिकों को उनकी धार्मिक मान्यताओं को मानने की आजादी देने का दावा करता है. लेकिन हककीत तो ये है कि वह धार्मिक समूहों पर जबर्दस्त तरीके से नियंत्रण रखता है.

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