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Updated: 06 जनवरी, 2023 01:03 PM
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बीते 23 सितंबर को बीजेपी के चाणक्य अमित शाह दो-दिवसीय दौरे पर बिहार के सीमांचल' एरिया में पहुंचे थे. उन्होंने पूर्णिया के इंदिरा गांधी स्टेडियम में जनभावना रैली को संबोधित किया था. उसके पश्चात किशनगंज में गुजरी विश्वविद्यालय में बिहार बीजेपी के प्रमुख नेताओं के साथ मीटिंग भी की थी. इसके साथ ही बूढ़ी काली मंदिर में दर्शन के पश्चात पैरा मिलिट्री के अधिकारियों और सुरक्षाबलों के साथ बैठक भी की थी.  गृहमंत्री अमित शाह के सीमांचल अंतर्गत जिलों में इस दौरे के क्या मायने हैं? सीमांचल बिहार का ऐसा एरिया है जिसको मुस्लिम बाहुल्य एरिया कहते हैं. यहां लगभग 46 फीसदी मुस्लिम रहते हैं और राजनीतिक दृष्टिकोण से यहां के मुस्लिम मतदाता किंगमेकर की भूमिका में होते हैं. सीमांचल के अंदर चार जिले आते हैं जिसमें किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार और अररिया हैं.

Amit Shah. BJP, Home Minister, Bihar, Meeting, Muslim, Hindu, Appeasement, Lok Sabha Electionबिहार स्थित किशनगंज पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह

आंकड़े क्या कहते हैं?

अब आते हैं आकङों पर कि कैसे इस क्षेत्र में 'एम ' समीकरण हावी है. किशनगंज की अगर बात करें तो यहां 31-32 फीसदी हिन्दू और 67-68 फीसदी मुसलमान हैं, अररिया में 56-57 फीसदी हिन्दू और 42-43 फीसदी मुसलमान हैं, पूर्णिया में 60-61 फीसदी हिन्दू और 38-39 फीसदी मुस्लिम हैं और वहीं कटिहार की बात करें तो 54-55 फीसदी हिन्दू और 44-45 फीसदी मुस्लिम समुदाय के लोग हैं.

"फ्लैशबैक में ऐसा क्या राजनीतिक घटनाक्रम हुआ ? जिसके कारण शाह ने सीमांचल का दौरा करना अतिआवश्यक समझा ?

बीते महीने जेडीयू ने भाजपा से अलग होकर राजद के साथ गठबंधन करके सरकार बना ली थी और चाचा-भतीजा ( नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ) एक बार फिर मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री बन गए. वहीं अगर बात करें भाजपा की तो पार्टी मजबूत विपक्ष की भूमिका में पदस्थापित हो गयी. अगर सीमांचल में लोकसभा सीटों की अगर बात करें तो यहां चार जिलों में चार सीटें हैं जिसमें से 2 पर जदयू, 1 कांग्रेस और 1 हीं सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी.

वहीं विधानसभा में कूल 24 सीटों में से 5 सीटें कांग्रेस, 5 हीं सीटें एआईएमआईएम, 4 सीटें जदयू, 1 राजद, 1सीपीआई माले वहीं 8 सीटें भाजपा ने जीती थी. वहीं चुनाव के बाद ओवैसी की पार्टी के 5 विधायकों में से 4 ने राजद ज्वाइन कर लिया है उसमें से दो मंत्री भी बन गए हैं. तो अब सत्तापक्ष राजद-जदयू-कांग्रेस-माले के पास कुल 15 विधायक हैं मतलब भाजपा के मुकाबले सत्ताधारी पार्टी का पलङा भारी हैं, वहीं लोकसभा में तीन सीटों पर सत्तापक्ष का हीं कब्जा है.

इसी समीकरण को देखते हुए शाह ने सीमांचल दौरा करना अतिआवश्यक समझा. वहीं इस दौरे से यह भी कयास लगने लगे हैं कि अमित शाह ने 2024 लोकसभा और 2025 विधानसभा चुनाव को लेकर बिगुल फूंक दिया है या कहें अनौपचारिक रूप से शंखनाद कर दी है. सत्तापक्ष जदयू-राजद को तहस-नहस करने के लिए शाह ने बिहार के सबसे मुश्किल एरिया को चुना, क्योंकि बीजेपी जैसी बङी पार्टी जानती है कि नीतीश बाबू के छत्रछाया से हटने के बाद अपने दम पर चुनाव लड़ने के लिए 'एम' समीकरण को हर हाल में तोङना हीं होगा.

क्योंकि जिस तरह से बीते 2020 के विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी सक्रीय रहकर 5 सीटें लाई थी, उससे साफ पता चलता है कि मुस्लिम भी पाला बदल सकते हैं बस उन्हें विकल्प की आवश्यकता है. शायद इसीलिए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन को केन्द्र की राजनीति से बिहार प्रदेश की राजनीति में शिफ्ट किया गया था. ताकि मुस्लिम वोटरों को अपनी तरफ ला सकें. 

लेखक

Dinkar Anand Dinkar Anand @1576824376097992

My name is Dinkar Anand. I'm from Ranchi but Currently staying in Noida, Delhi. Basically I was born and brought up in Jehanabad district in Bihar. I've done my graduation from Ranchi University in Journalism. I've great interest in Music, literature, novels, Shayari, Poem and also exploring historical and devoted Places. I'm goal oriented person, who put all efforts in completing the given tasks. I can easily adapt to a new environment.

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