New

होम -> ह्यूमर

 |  6-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 15 जून, 2015 07:05 PM
मृगांक शेखर
मृगांक शेखर
  @msTalkiesHindi
  • Total Shares

सूर्य और मंगल दोनों इस हफ्ते अपनी अपनी राशि बदल कर मिथुन राशि में प्रवेश कर रहे हैं. ऐसे में जो योग के साधक हैं या जिन्होंने योग को साधन बनाया उन सभी के लिए सबसे अच्छे दिन आने वाले हैं. कर्म से किस्मत बनती बिगड़ती है, लेकिन योग से भाग्य बनता ही है. बाबा रामदेव इस मामले में ज्योतिष की दुनिया में अब तक की सच होने वाली सबसे बड़ी भविष्यवाणी हैं.

मेष : आम आदमी पार्टी और मजबूत होगी

जैसे जैसे चंद्रमा का चक्कर आगे बढ़ेगा मेष राशिवालों पर काम का बोझ बढ़ता जाएगा. मौजूदा राजनीतिक हालात में अरुण जेटली, अमित शाह और लालू प्रसाद को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा. लोक जनशक्ति पार्टी की सक्रियता और अहमियत दोनों बढ़ेगी. आम आदमी पार्टी और मजबूत होगी, हमलों और फंडिंग दोनों ही मामलों में. नजदीकी ग्रहों के प्रतिकूल प्रभाव के बावजूद सप्ताह के मध्य तक अखिलेश यादव कुछ ऐसे फैसले ले सकते हैं जिससे उनकी छवि निखर उठेगी.

वृष : मोदी चालीसा का पाठ उमा भारती के और अच्छे दिन लाएगा

उमा भारती के लिए मंगलवार से और अच्छे दिन आने वाले हैं. वीकेंड आते आते प्रतिष्ठा में घनघोर बढ़ोतरी होगी. शत्रु बुध भी राशि में ही रहेगा इसलिए नमामि गंगे प्रोजेक्ट की धीमी प्रगति से चिंता का कारण बन सकती है. सूर्य और मंगल दोनों राशि से निकल जाएंगे फिर ज्यादा भाग दौड़ करनी पड़ सकती है. मोदी चालीसा का पाठ मित्र गहों के दूषित प्रभाव को कम करेगा.

मिथुन : कांग्रेस नेताओं का सेक्युलर योगा कार्यकर्म

कांग्रेस के लिए ये हफ्ता काफी खर्चीला साबित होगा. पदयात्राओं पर खर्च के मुकाबले पार्टी फंड में डोनेशन कम मिलेंगे. मंगल के बाद जब सूर्य मिथुन राशि में प्रवेश करेगा उसके बाद से स्थिति में सुधार होगा. बड़बोले नेताओं पर काबू रखना कांग्रेस पार्टी के लिए जरूरी होगा वरना भूमि अधिग्रहण हथियार की धार कुंद पड़ सकती है. पार्टी के कुछ नेता सेक्युलर योगा कार्यक्रम भी आयोजित कर सकते हैं, जो पार्टी के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है.

कर्क : मांझी के सारे चेक इस हफ्ते क्लियर हो जाएंगे

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के कार्यकर्ताओं के लिए ये हफ्ता थका देने वाला होगा. वैसे चंद्रमा के प्रभाव से टास्क पूरा करने में मदद मिलेगी. बुधवार के बाद मोर्चा को कोई बड़ा फायदा मिल सकता है. डोनेशन का चेक इस इस हफ्ते क्लियर हो जाएगा. गुरु और शुक्र के अनोखे संयोग की बदौलत भारी फंडिंग के संकेत हैं.

सिंह : मनमोहन-मुलायम को संबंधों का फायदा नहीं मिलेगा

जोशीले बयानों की बदौलत मनोहर पर्रिकर का सम्मान बढ़ेगा. हो सकता है इसका भूतपूर्व सैनिकों पर भी प्रभाव पड़े और पेंशन मामले में बिहार चुनाव तक सरकार को राहत दे दें मायावती को अभी और संघर्ष करना पड़ सकता है - साथ ही स्टेटस मेंटेन करने के लिए काफी पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं. नवम का चंद्रमा ममता बनर्जी को शनि का ढैया होने के बावजूद उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में महत्व दिलाएगा. मनमोहन सिंह और मुलायम सिंह यादव को संबंधों का पूरा फायदा नहीं मिलेगा. दोनों नेताओं के लिए वीकेंड तनाव भरे हो सकते हैं.

कन्या : साहेब की वक्री दृष्टि चिंता का कारण बनेगी

हफ्ते के शुरू में चंद्रमा अष्टम भाव में रहेगा जिससे पीयूष गोयल के अच्छे कामों पर भी कृपादृष्टि नहीं मिल सकती है. गुरु और शनि की राशि पर दृष्टि के चलते बिजली संकट से निजात पाने के लिए कुछ नए और क्रांतिकारी कदम उठा सकते हैं. हालांकि, हर काम के लिए उन्हें सामान्य से अधिक मेहनत करनी पड़ेगी. साहेब की वक्री दृष्टि रह रह कर चिंतित कर सकती है.

तुला : चंद्रोदय के 56 सेकंड बाद चंद्रासन करने से शांति मिलेगी

राहुल गांधी की छत्तीसगढ़ यात्रा पर चंद्रमा की पूर्ण दृष्टि रहेगी. चंद्रमा का मौजूदा भाव जातक के बौद्धिक विकास में तेजी लाता है और मानसिक दृढ़ता प्रदान करता है. कोर्ट कचहरी के मामलों में ट्वीट और सरप्राइज विजिट से मदद मिल सकती है. सत्ताधारी महिला ब्रिगेड की सक्रियता से थोड़ी झुंझलाहट हो सकती है. चंद्रोदय के 56 सेकंड बाद खुले आसमान के नीचे पूरब दिशा में मुंह कर चंद्रासन करने से चित्त को शांति मिलेगी और विरोधी परास्त होंगे.

वृश्चिक : मैडिसन जैसी न सही, म्युजियम से अच्छी पब्लिसिटी मिलेगी

इस हफ्ते चंद्रमा के अनुकूल होने से नरेंद्र मोदी का स्वच्छता से ज्यादा शुचिता अभियान पर अधिक जोर होगा. फेवरेबल चंद्रमा के साथ योग का तड़का योगा के फिर से मेक इन इंडिया फॉर्म को नई ऊर्जा देगा. अगर नीतीश कुमार भी इस फॉर्मूले को अपना लें तो उनके लिए भी ये हफ्ता सुकून भरा हो सकता है. प्रशांत किशोर की टीम मैडिसन स्क्वॉयर जैसा अद्भुत योग भले न जुटा पाए लेकिन चाइनीज म्युजियम से तो बेहतर पब्लिसिटी ही दिला ही सकती है. सितारे तो फिलहाल यही संकेत देते हैं.

धनु : बीजेपी को पप्पू यादव का भी साथ संभव

बीजेपी को इस हफ्ते चंद्रमा का पूरा फेवर मिलेगा. मंगल की अष्टम दृष्टि हट जाने पर बुधवार और गुरुवार को योगी आदित्यनाथ की हरकतें भी पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं. बिहार चुनाव को लेकर बीजेपी भविष्य के हिसाब से कुछ अच्छे फैसले ले सकती है जिनमें पप्पू यादव का साथ भी संभव है. धनु राशि पर मंगल की अष्टम दृष्टि हट जाने से योगेंद्र यादव को साथियों का सहयोग मिलेगा. हफ्ते के बीच तक का वक्त यादव के लिए ज्यादा अच्छा होगा लेकिन अंत में अंदरूनी दिक्कतें आ सकती हैं.

मकर : जयललिता को धन लाभ के संकेत

मकर राशि पर 54 घंटे के चंद्रमा का प्रभाव जीतन राम मांझी को वो सब कुछ दे सकता है जिन्हें सपने में भी सोच पाने में उन्हें संकोच होता हो. इस दौरान मांझी के कुछ क्रांतिकारी बयान भारतीय राजनीति में भूचाल भी ला सकते हैं. गुरु और शुक्र के साथ हफ्ते के मध्य से मंगल की दृष्टि प्राप्त होने पर जयललिता को धन लाभ के संकेत हैं. भौतिक सुख सुविधाओं में बढ़ोतरी तो होगी ही - उनकी विदेश यात्रा के भी योग बन रहे हैं.

कुंभ : स्मृति ईरानी कोई बड़ी नियुक्ति करेंगी

दिल्ली में सुषमा स्वराज और पटना में सुशील मोदी इस हफ्ते थोड़ा अकेलापन महसूस कर सकते हैं. लेकिन दोनों ही नेता 'परिवार' और मित्र ग्रहों की मदद से काफी हद तक उबर जाएंगे. कुंभ राशि पर चंद्रमा के प्रभाव के कारण शाहनवाज हुसैन पूरे हफ्ते चर्चा में रहेंगे. स्मृति ईरानी गुरुवार को कोई बड़ी घोषणा कर सकती हैं या कोई बड़ी नियुक्ति कर सकती हैं. सोनिया गांधी को भी प्रतिष्ठा को लेकर सचेत रहना होगा, पार्टी के कुछ नेताओं की बयानबाजी उन्हें भारी पड़ सकती है. समाजवादी पार्टी के लिए हफ्ते की शुरुआत ठीक रहेगी, मध्य लड़खड़ाया हुआ लेकिन वीकेंड तक सब ठीक हो जाएगा.

मीन : फिर तो शीर्षासन भी काम न आने वाला

दिग्विजय सिंह किसी अनावश्यक विवाद में फंस सकते हैं. हफ्ते के शुरू में चंद्रमा द्वितीय भाव में है और उस पर राहु और गुरु की दृष्टि बनी हुई है. ऐसे में दिग्विजय जोश में आकर कुछ ऐसे ट्वीट कर सकते हैं जिससे खुद के साथ पार्टी और आलाकमान की प्रतिष्ठा पर आंच आ सकती है. बाद में डैमेज कंट्रोल इतना मुश्किल होगा कि शीर्षासन भी बेअसर हो सकता है.

लेखक

मृगांक शेखर मृगांक शेखर @mstalkieshindi

जीने के लिए खुशी - और जीने देने के लिए पत्रकारिता बेमिसाल लगे, सो - अपना लिया - एक रोटी तो दूसरा रोजी बन गया. तभी से शब्दों को महसूस कर सकूं और सही मायने में तरतीबवार रख पाऊं - बस, इतनी सी कोशिश रहती है.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय