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Updated: 01 अप्रिल, 2017 09:01 AM
खुशदीप सहगल
खुशदीप सहगल
  @khushdeepsehgal
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लखनऊ में एक उच्च स्तरीय बैठक में राज्य में चल रहे 'एंटी रोमियो अभियान' की समीक्षा की गई. इस बैठक में राज्य के अलग-अलग जिलों में 'एंटी रोमियो स्क्वॉड' की ओर से उठाए जा रहे कदमों की सराहना की गई. हालांकि, साथ ही इस मुहिम को और धार देने के लिए कुछ अभिनव प्रयोग किए जाने की आवश्यकता भी जताई गई.

जन संपर्क में विशेषज्ञ एक वरिष्ठ अधिकारी ने सुझाव दिया कि ये दौर मार्केटिंग का है इसलिए 'एंटी रोमियो स्क्वॉड' के लिए कुछ नामचीन लोगों को ब्रैंड एंबेसडर बनाया जाना चाहिए. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना था कि कुछ जाने-माने लोगों को यूपी पूलिस में डेप्युटेशन पर लाने की भी जरूरत है. अगर ऐसा किया जाता है तो 'एंटी रोमियो स्कवॉड' को लेकर लोगों में अच्छा संदेश जाएगा. साथ ही आम तौर पुलिस को लेकर लोगों के जेहन में नकारात्मक छवि है, उससे 'एंटी रोमियो स्क्वॉड' को अलग रखा जा सकेगा. उत्तर प्रदेश पुलिस को वैसे भी मानव संसाधन की कमी से जूझना पड़ रहा है, ऐसे में कुछ विशिष्ट लोग 'एंटी रोमियो स्क्वॉड' से जुड़ते हैं तो इस समस्या से भी पार पाया जा सकेगा.

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सूत्रों के मुताबिक बैठक में 'एंटी रोमियो स्क्वॉड' से जोड़ने के लिए देशभर से कई जाने माने लोगों के नामों पर चर्चा हुई. आखिर में तीन लोगों के नामों पर सहमति की मुहर लगी. ये नाम हैं- बिग बॉस फेम स्वामी ओमजी महाराज, दिल्ली बीजेपी के नवनियुक्त प्रवक्ता तेजेंदर पाल सिंह बग्गा और शिवसेना सांसद रविंद्र गायकवाड़.

स्वामी ओम, बग्गा और गायकवाड़, तीनों के बर्ताव को मीडिया ने बेशक दबंगई से जोड़ कर पेश किया, लेकिन यूपी में एंटी रोमियो स्क्वॉड की जरूरतों को लेकर तीनों पूरी तरह खरे उतरते हैं. हर दिन बड़ी संख्या में रोमियो की ठुकाई किए जाने की आवश्यकता है. ऐसे में इस काम में दक्षता रखने वाले लोगों का अनुभव बहुत काम आएगा. जिस तरह महाराष्ट्र के उस्मानाबाद से शिवसेना सांसद रविंद्र गायकवाड़ ने पुणे-दिल्ली फ्लाइट में बिजनेस सीट ना मिलने पर एयर इंडिया के कर्मचारी पर अपना पराक्रम दिखाया. पलक झपकते ही दनादन 25 सेंडल बरसा दिए. ऐसी ही त्वरित कार्रवाई उत्तर प्रदेश के सारे रोमियो के खिलाफ किए जाने की जरूरत है.  

जहां तक तेजेंदर पाल सिंह बग्गा का सवाल है तो उनके साथ भी कई छापामार कार्रवाइयों का श्रेय जुड़ा हुआ है. अक्टूबर 2011 में बग्गा ने वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के सुप्रीम कोर्ट स्थित चैंबर में घुसकर जिस तरह उन पर लात-घूंसे बरसाए थे. जमीन पर लिटा कर कमीज फाड़ दी थी, उस अनुभव का बहुत लाभ उठाया जा सकता है. जैसे कि किसी संवेनशील स्थान पर भी तड़ातड़ पिटाई की कार्रवाई को अंजाम देना. फिर उस जगह कोई सबूत भी नहीं छोड़ तेजी से उस स्थान से भाग जाना. ऐसा किया जाता है तो मानवाधिकार संगठनों के लिए भविष्य में कोई सवाल उठाने की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी.

एंटी रोमियो स्क्वॉड के लिए स्वामी ओम जी महाराज भी बड़े उपयोगी साबित हो सकते हैं. जुबानी तकरार की उनकी क्षमता से तो पूरा देश वाकिफ है. जरूरत पड़े तो वो अपने चमत्कारिक दर्शन से रोमियो टाइप के लड़कों का माइंडवॉश करने में भी सफल रहेंगे. ऐसे में इन रोमियो के भविष्य में भी छेड़छाड़ या और कोई गलत हरकत करने की संभावना नहीं रहेगी. एंटी रोमियो स्क्वॉड की मीडिया की ओर से कोई आलोचना की जाए तो उससे निपटने के लिए भी स्वामी ओम को आगे किया जा सकता है. लाइव टेलिकास्ट के दौरान ही थप्पड़ खाने और खिलाने में जहां स्वामी ओम माहिर हैं वहीं न्यूज एंकर पर पानी फेंकने का पराक्रम भी वो दिखा चुके हैं.

उच्च स्तरीय बैठक में ये तय किया गया कि एंटी रोमियो स्क्वॉड के बैंड एंबेसडर के तौर स्वामी ओम, बग्गा, गायकवाड़ की नियुक्ति 1 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2018 तक प्रभावी रहेगी. इनके प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए 1 अप्रैल 2018 को फिर समीक्षा बैठक होगी. उसमें तय किया जाएगा कि उन्हें और सेवा विस्तार दिया जाए या नहीं.

(उपरोक्त बैठक '1 अप्रैल' को हुई, क्या कुछ और कहने की आवश्यकता है... 'हैप्पी अप्रैल फूल')

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खुशदीप सहगल खुशदीप सहगल @khushdeepsehgal

लेखक आजतक में न्यूज़ एडिटर हैं

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