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Updated: 08 मई, 2015 01:14 PM
मृगांक शेखर
मृगांक शेखर
  @msTalkiesHindi
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तैयारियां जोरों पर थीं. दोनों जगह. मुंबई में भी, और दिल्ली में भी. तब तक दोनों में से किसी को भी कोर्ट जाने की जरूरत नहीं थी. फिर भी दोनों कोर्ट पहुंचे. सलमान को तो बड़ी अदालत के फरमान पर जाना पड़ा, लेकिन राहुल गांधी खुद के इनिशिएटिव पर पहुंचे. राहुल गांधी पूरे दबंग लुक में नजर आए. वही रौबदार चाल-ढाल और बिलकुल धांसू स्टाइल. ऊपर से उन्होंने एक जोरदार डायलॉग (ट्वीट) दे मारा, "मैं कोई कमिटमेंट करता हूं तो वो करता हूं."

बस फिर क्या था @OfficeofRG की पूरी टीम हरकत में आ गई. राहुल की किसान यात्रा के लिए नए नए डायलॉग लिखे जाने लगे. मुमकिन है, जल्द ही ये चुनावी जुमलों के रूप में सुर्खियों का हिस्सा भी बनें.

1. एक बार जब मैंने कमिटमेंट कर दी, उसके बाद तो मुझे ही उसे पूरा भी करना पड़ता है.

2. मेरी एक खासियत है कि मैं बोलता कम हूं, सोचता ज्यादा हूं.

3. मैं बोलता नहीं, फाड़ डालता हूं... और सब फुल एंड फाइनल हो जाता है.

4. मेरे बारे में ज्यादा मत सोचना, दलितों के घरों में आता हूं - संसद में नहीं.

5. मुझ पर एक अहसान करना कि मुझे कभी पीएम मत बनाना.

6. राजनीति का एक उसूल होता है कि इसका कोई उसूल नहीं होता.

7. आम आदमी सोता हुआ शेर है... अब झांसा देना बंद करो... जाग गया तो दिल्ली दिखा देगा.

8. दूध और कॉम्प्लान भी मैं अपनी मर्जी से नहीं पीता हूं... दबाके.

9. चुनाव छुट्टियों में चिंतन करके लड़े जाते हैं, भाषणबाजियों, नौटंकी और तमाशों से नहीं.

10. जिंदगी में तीन चीजें कभी ओवरएस्टिमेट मत करना, कोटरी की सलाह, रैली की भीड़ और एग्जिट-पोल के रिजल्ट.

लेखक

मृगांक शेखर मृगांक शेखर @mstalkieshindi

जीने के लिए खुशी - और जीने देने के लिए पत्रकारिता बेमिसाल लगे, सो - अपना लिया - एक रोटी तो दूसरा रोजी बन गया. तभी से शब्दों को महसूस कर सकूं और सही मायने में तरतीबवार रख पाऊं - बस, इतनी सी कोशिश रहती है.

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