व्यंग्य: दिल्ली में केजरीवाल की 67 मूर्तियां लगाई जाएंगी
दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर के सख्त और अड़ियल रवैये के चलते मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके साथियों ने पैंतरा बदल दिया है.
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दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर के सख्त और अड़ियल रवैये के चलते मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके साथियों ने पैंतरा बदल दिया है. केजरीवाल की इच्छानुसार डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कैबिनेट के एक बैठक बुलाई थी जिसमें सैकड़ों फैसले लिए गए. केजरीवाल सरकार ने नजीब जंग के खिलाफ फिलहाल सीजफायर का फैसला लिया है. हालांकि, मीटिंग में हर किसी का इसी बात पर जोर था कि किसी भी सूरत में बाहर ये मैसेज नहीं जाना चाहिए कि सरकार ने इस मामले में भी यू टर्न ले लिया है. दिल्ली सरकार की ओर से एक प्रेस कांफ्रेंस में इन फैसलों की जानकारी दी गई.
दिल्ली सरकार के प्रमुख फैसले
1. केजरीवाल सरकार अपने खिलाफ हो रही ज्यादतियों के विरोध का अनोखा तरीका अपनाने जा रही है. दिल्ली सरकार ने कर्मचारी से लेकर अधिकारी और मंत्री तक सभी के लिए मफलर लेना अनिवार्य कर दिया है. ये फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. अब सभी को काले रंग का मफलर इस्तेमाल करना होगा. लेकिन ये मफलर गले की जगह कमर में बांधना होगा.
2. अभी तक सिर्फ केजरीवाल ने सुरक्षा लेने से मना किया था. अब सरकार के सभी मुलाजिमों को हर तरह के सुरक्षा इंतजामों से परहेज करने को कहा गया है. इस तरह दिल्ली सरकार से जुड़ा कोई भी शख्स अपने घरों में ताले नहीं लगाएगा. साथ ही दिल्ली सरकार के किसी भी दफ्तर में अब ताले नहीं लगेंगे. ऐसे में अगर कुछ गड़बड़ी होती है तो इसके लिए दिल्ली पुलिस को जिम्मदार ठहराया जाएगा. केजरीवाल के इस फैसले से दिल्ली पुलिस में हड़कंप मचा हुआ है.
3. दिल्ली सरकार ने राजधानी की 67 विधानसभा क्षेत्रों में केजरीवाल की मूर्तियां लगाने का फैसला किया है. जल्द ही इसके लिए टेंडर जारी किए जाएंगे - और तीन महीने के भीतर काम पूरा करना होगा. इसी साल 16 अगस्त को अरविंद केजरीवाल खुद रिमोट कंट्रोल से एक साथ सभी मूर्तियों का अनावरण करेंगे. सरकार के प्रवक्ता ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया कि ये आइडिया यूपी की कई बार मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती से इंस्पायर्ड है. प्रवक्ता ने इसे केजरीवाल और सिसोदिया का संयुक्त रूप से मौलिक आइडिया बताया.
दिल्ली के 67 विधानसभा क्षेत्रों में लगेंगी मूर्तियां (प्रतिनिधि तस्वीर) |
4. दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि उसका सारा कामकाज अब बाकियों से बिलकुल अलग हटकर होगा. इस तरह दिल्ली सरकार इस बार से स्वतंत्रता दिवस एक दिन बाद यानी 16 अगस्त को मनाएगी. वैसे इसे संयोग कहें या कुछ और कि उसी दिन केजरीवाल का जन्मदिन भी बताया जा रहा है.
5. पूरी दिल्ली में हर यू टर्न पर कांसे से बनी झाडू की एक प्रतिमा लगाई जाएगी. इसका मकसद ये है कि लोगों को दूर से ही इस बात का पता चल जाए और वे उसके लिए मानसिक रूप से पहले से ही तैयार रहें. सरकार का मानना है कि इससे रोड रेज की समस्या तो खत्म होगी ही, हादसों पर भी लगाम लग सकेगी. दिल्ली में हाल की रोड रेज की बढ़ती घटनाओं से सरकार खासी चिंतित रही है.
6. केजरीवाल शुरुआती दिनों से ही गाड़ियों पर लाल या नीली बत्ती लगाने के खिलाफ रहे हैं. मगर अब लगने लगा है कि बत्ती के बगैर प्रशासनिक कामकाज नामुमकिन सा है. इसलिए सभी सरकारी गाड़ियों पर हाई बीम की सफेद लाइट लगाने का फैसला किया गया है. सरकार के प्रवक्ता ने मीडिया को ये समझाने की कोशिश की कि हर तरफ अंधेरा होने के कारण भ्रष्टाचार को ढूंढने में मुश्किल हो रही थी. सफेद लाइट से ये काम अब आसान हो जाएगा.
7. सरकार ने कई ऐसे प्रस्ताव पारित किए हैं जिन्हें मंजूरी के लिए सीधे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. इन प्रस्तावों को केंद्र सरकार के पास इसलिए नहीं भेजा जाएगा क्योंकि केजरीवाल को यकीन है कि उन्हें ऑटोमेटिकली खारिज कर दिया जाएगा. केजरीवाल और उनके साथियों को उम्मीद है कि राष्ट्रपति लीगल ओपिनियन लेकर कोई न्यायसंगत फैसला सुना सकते हैं.
8. राष्ट्रपति को भेजे गए एक प्रस्ताव में दिल्ली के मुख्यमंत्री को 'उप-प्रधानमंत्री' का दर्जा दिए जाने की सिफारिश की गई. प्रस्ताव में कहा गया है कि बगैर संसद में पास हुए दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता लेकिन अगर राष्ट्रपति उचित समझें तो अपने विवेकाधिकार से इसे सहज तौर पर मंजूरी दे सकते हैं.
9. एक अन्य प्रस्ताव में लेफ्टिनेंट गवर्नर का पद खत्म कर उसे गवर्नर जनरल बनाने की राष्ट्रपति से गुजारिश की गई है.
10. इसी तरह दिल्ली सरकार से संबंधित सभी लोगों के लिए टोपी पहनना भी अनिवार्य कर दिया गया. टोपी तो सफेद ही रहेगी लेकिन उस पर टैग लाइन अब नई होगी. 'मैं आम आदमी हूं' की जगह अब नया टैगलाइन है - 'सब चोर हैं.'
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