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Updated: 16 फरवरी, 2016 06:40 PM
राहुल मिश्र
राहुल मिश्र
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केन्द्रीय बजट आने के एक महीने पहले से शेयर बाजार में गिरावट पर गिरावट दर्ज हो रही है. बीते हफ्ते की गिरावट ने जहां बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स को लुढ़काकर 23,000 के दायरे में धकेल दिया है वहीं निफ्टी 7000 के स्तर को तोड़कर नीचे जाने के लिए बेकरार दिख रहा है. ऐसे में शेयर बाजार के जानकार (एक्सपर्ट) और खिलाड़ियों (निवेशक) के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस महीने आने वाला बजट शेयर बाजार के इन महत्वपूर्ण इंडेक्सों के साथ क्या करेगा.

आम तौर पर निफ्टी और सेंसेक्स में बजट एक रैली लेकर आती है जिससे निवेशकों को मुनाफा होता है और एक्सपर्ट भी बाजार के अनुमान में सही साबित हो जाते हैं. एक्सपर्ट्स की राय में इस साल भी बजट कुछ ऐसा ही करने वाला है. मार्केट एनलिस्ट अंबरीश बलीगा का मानना है कि बाजार की चाल के लिए अहम माना जाने वाला निफ्टी इंडेक्स बजट के दौरान 7000 से 7600 के दायरे में रहने की उम्मीद है बशर्ते सरकार ऐसे मुद्दों को न शामिल करे जिसका विपरीत असर बाजार पर पड़े. हालांकि बलीगा के मुताबिक यदि आगामी बजट में सरकार गरीबों के हित की कोई बात करती है तो कुछ दिनों तक बाजार पर गिरावट देखने को मिल सकती है लेकिन लंबी अवधि में उससे डिमांड पैदा होगी जिससे बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है.

जानकारों के मुताबिक आगामी बजट में बाजार को उम्मीद है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली इन पांच चीजों पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकते हैं.

1. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए अहम घोषणा

2. अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक सुधार और दिवालियापन पर अहम कानून की घोषणा

3. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से सरकारी खजाने को हो रहे फायदे का न्यायोचित इस्तेमाल और सब्सिडी के बोझ को कम करने की घोषणा.

4. इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के लिए सड़क, रेलवे और ऊर्जा क्षेत्र में बजटीय आवंटन को बढ़ाना

5. सभी के लिए घर उपलब्ध कराने की दिशा में सस्ते कर्ज उपलब्ध कराना.

बजट से इस उम्मीद के साथ-साथ जानकारों का मानना है कि निवेशकों के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था संबंधित एग्री, सिंचाई कंपनियां और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में सस्ते घर, सड़क और सीमेंट कंपनियों के साथ-साथ कॉमर्शियल गाड़ियों के निर्माण में लगी कंपनियों के शेयर सबसे सुरक्षित हैं. लिहाजा, शेयर मार्केट में अगर निवेशकों को इस बात का डर है कि बजट के बाद उन्हें कोई बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है तो इन कंपनियों में पोर्टफोलियो शिफ्ट करना उनके रिस्क को कम कर सकता है.

 

लेखक

राहुल मिश्र राहुल मिश्र @rmisra

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में असिस्‍टेंट एड‍िटर हैं

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