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Updated: 22 मार्च, 2016 06:43 PM
एम जे वारसी
एम जे वारसी
  @warsimj
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आज दुनिया भर में सभी जगह होली बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है, लेकिन अमरीका की होली का अपना एक अलग ही रंग है, पूरे विश्व में आज इन रंगों के त्यौहार की अलग पहचान है. दरअसल होली का त्यौहार मस्ती, उल्लास और मौज करने का पर्व है. भारतीय-अमरीकन छात्र या फिर अमरीका गए भारतीय मूल के छत्रों ने भारत में अपने शिक्षण संस्थानों में होली खेलने का आनंद उठाया हो या नहीं, अमरीका स्थित विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे छात्र हर साल होली खेलने का कार्यक्रम आयोजित करते हैं. भारतीय छात्रों का संगठन इस मौके पर सिर्फ भारतीय ही नहीं अमरीकी और अन्य देशों के विद्यार्थियों को भी आमन्त्रित करते हैं तथा प्रेम प्यार का यह त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. होली के प्रति लोगों का उत्साह इसी से पता चलता है कि यहाँ के छात्र लगभग 22,000 गुब्बारों में रंग भरते हैं. जहां एक ओर उन्हें इन गुब्बारों को भरने में लगभग तीन महीने लगते हैं वहीं दूसरी ओर हजारों की संख्या में छात्र एवं आम नागरिक इस त्यौहार में भाग लेकर इसकी शोभा बढ़ाते हैं.

होली मात्र रंगों का त्यौहार ही नहीं बल्कि एक सामाजिक और सांस्कृतिक परम्परा है जो सदियों से चली आ रही है. होली यहाँ सिर्फ होली ही नहीं बल्कि एक सामूहिक अभिव्यक्ति का माध्यम है. इसमें सामाजिक चेतना से जुड़े मुद्दे भी हैं और तात्कालिक परिस्थितियों का चित्रण भी है. भारत में वसंत उत्सव सदियों से प्यार से जुड़ा है इसलिए वसंत को प्यार का पर्व भी कहा जाता है और हम सब जानते है वर्तमान में युवा पीढ़ी पूरी दुनिया में होली को प्यार के उत्सव के रुप में मनाती है. यही कारण है कि आज भी ब्रज की होली संसार में सर्वाधिक लोकप्रिय है.

आज अमरीकी छात्रों के लिए रंग, अबीर, गुलाल जैसे शब्द कोई अपरिचित शब्द नहीं रह गए हैं. जब छात्र होली के दिन एक जगह एक बड़े मैदान में जमा होते हैं तो ऐसा लगता है कि हम किसी भारतीय सामाजिक समारोह में पहुँच गए हैं. जिस तरह विभिन्न प्रकार के रंग जैसे- लाल, गुलाबी, नीला, पीला सब के कपड़ों पर दिखाई देती है उसी प्रकार यहाँ की होली में गोरे, काले, एवं भूरे लोगों कि पहचान भी मिट जाती है. शायद यही अमरीका की होली की सब से बड़ी विशेषता है की यह त्यौहार सारे भेद-भाव को मिटा देता है. इसके साथ जो एक और चीज जुड़ी है वह है संगीत. बिना संगीत के अमरीका की होली की कल्पना करना भी मुश्किल है. होली के दिन हर तरफ आप को चाहे फिल्म "शोले" के गीत "होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं" या "सिलसिला" का "रंग बरसे भीगे चुनर वाली रंग बरसे" हो या फिर "बागबान" के "होरी  खेले  रघुवीरा  अवध  में होरी खेले रघुवीरा" के गीतों पर सभी देशों के छात्र एक साथ थिरकते नजर आएंगे. अब आप ही बताएं, है न ये अमरीका की अनोखी होली.

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यहां की होली इस लिए भी अनूठी है कि इस यूनिवर्सिटी के छात्र जनवरी महीने से ही गुब्बारों में रंग भरने का काम शुरू कर देते है तथा ये सिलसिला होली के दिन तक चलता रहता है. सभी छात्र कुछ समय निकाल कर प्रतिदिन गुब्बारों में रंग भरने का काम करते हैं. उनमें इतना जोश होता है कि हर छात्र यह प्रयास करता है कि हम सबसे ज्यादा गुब्बारे भरें. होली खेलने से पहले कई हजार गुब्बारों में पानी और रंग भर कर उन्हें टबों में भर दिया जाता है. होली के बारे में संक्षिप्त पृष्टभूमि की जानकारी देकर एक दूसरे पर गुब्बारे फेंकने का काम शुरू होता है. गुब्बारे हासिल करने के लिए छात्र-छात्राएँ एक दूसरे के टब की ओर भागते हैं. रंगीन पानी से भरे गुब्बारों को एक दूसरे पर फेंकने के साथ होली की मस्ती शुरू होती है जो बाद में एक दूसरे को गीली मिट्टी में पटकने तक चलती रहती है.

यूनिवर्सिटी के एक अमेरिकी छात्र मैडी का मानना है कि इस तरह सामाजिक और सांस्कृतिक त्योहारों के उत्साहपूर्वक आयोजन से यहाँ के लोगों खासकर छात्रों को दक्षिण एशियाई लोगों के साथ ज्यादा मेल-मिलाप का मौका मिलता है और वह अपनी बात आसानी से एक-दूसरे को समझाने में सफल होते हैं. यहां अक्सर लोगों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बढ़ती साख के कारण भी अमरीका में भारतीय भाषा एवं संस्कृति को बढ़ावा मिल रहा है. उन्होंने कहा कि भारत लगातार एक आर्थिक शक्ति के रूप में आगे बढ़ रहा है और विश्व में अब कोई भी देश भारत की अनदेखी नहीं कर सकता.

जहां भारतीय मूल के छात्र इस मौके का इस्तेमाल आपसी परिचय को प्रगाढ़ करने में करते हैं वहीं अन्य देशों के छात्रों को इस भारतीय त्यौहार से रूबरू होने का मौका मिलता है. कई विद्यार्थियों को यह खेल इतना भाता है की वे होली खेलने के बाद भी गीली मिट्टी में लेटे रहते हैं और पसंदीदा संगीत का आनंद लेते रहते हैं. वाशिंगटन विश्वविद्यालय में पढ़ रहे भारतीय मूल के छात्र इस बात से खुश रहते हैं कि अमरीका में होने के बावजूद होली खेलने के साथ-साथ उन्हें अपनी संस्कृति एवं परम्परा को दूसरों तक सफलतापूर्वक पहुंचाने का मौका भी मिलता है जबकि कई अन्य छात्रों के लिए यह रंगीन गुब्बारों को फेंकने तथा खुशी मनाने का त्यौहार बन जाता है.

एक अमेरिकी छात्र जिस का नाम यश है बड़े उत्साह के साथ अपने एक दोस्त के गाल पर रंग लगाते हुए कहा कि "बुरा न मानो होली है" तथा वह छात्र मुस्कुराकर "नो प्रॉब्लम" कहते हुए आगे बढ़ गया. आपको और आपके परिवार में सभी को होली की बहुत बहुत शुभ कामनायें.

लेखक

एम जे वारसी एम जे वारसी @warsimj

लेखक भाषा वैज्ञानिक हैं और अमेरिका के वाशिंगटन यूनिवर्सिटी, सैंट लुईस में कार्यरत हैं

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