कमिटमेंट कर दी और सुन भी लिए, ऐसा क्यों भाईजान?
एक ट्वीट दिल से निकला लगता है तो दूसरा दिमाग से. एक में मसखरी दिखती है तो दूसरे में दबंगई. एक में भड़ैती तो दूसरे में संजीदगी.
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दे दनादन. ट्वीट पर ट्वीट. जैसे जैसे शाम गहरी होती जाती है. ट्वीट की स्पीड तेज होती जाती है. जबान और भी तल्ख होती जाती है.
कभी ट्विटर छोड़ने की धमकी तो कभी याकूब मेमन को फांसी न देने की वकालत.
एक ट्वीट दिल से निकला लगता है तो दूसरा दिमाग से. एक में मसखरी दिखती है तो दूसरे में दबंगई. एक में भड़ैती तो दूसरे में संजीदगी.
आखिर सलमान खान के ये बिटर-स्वीट ट्वीट स्वत: स्फूर्त होते हैं या फिर किसी ऐसे दबाव में जिसका भावनाओं पर सीधा कब्जा कायम हो गया हो.
जो भी हो दिल की बातें तो दिल ही जानें या फिर जानें भाईजान!
सवाल ये है कि याकूब मेमन की फांसी को लेकर जिस दुस्साहस के साथ सलमान खान ने तमाम ट्वीट किए, उन्हें वापस लेने के पीछे असली वजह क्या सिर्फ इतनी रही कि लोगों में कन्फ्यूजन होगा?
क्या ये प्रायश्चित रहा
कुछ दिन पहले सलमान खान ने एक बात को लेकर अफसोस जताया था. नहीं, उनका अफसोस इस बात को लेकर नहीं था कि जिन फिल्मों में पाकिस्तान को लेकर भला बुरा कहा जाता है वे फिल्में उन्हें कतई पसंद नहीं हैं. उन्हें अफसोस न तो हिट एंड रन केस या काले हिरण के शिकार से जुड़े मामलों को लेकर ही था.
दरअसल सलमान खान को अफसोस इस बात को लेकर था कि वो एक अच्छा बेटा नहीं बन पाए. सलमान का कहना था कि उनकी वजह से उनके मां-बाप जल्दी बूढ़े हो गए. लेकिन, वाकई, ऊपरवाले के घर देर है, अंधेर नहीं. जल्द ही सलमान को ये मौका भी मिल गया.
याकूब मेमन पर सलमान के ट्वीट को लेकर उनके पिता सलीम खान ने न सिर्फ असहमति जताई, बल्कि उसे वापस लेने को भी कहा.
सलमान ने फौरन अब्बू की बात मान ली और जिस तेजी से ट्वीट किए थे उसकी दूनी गति से वापस ले लिए. आखिर उन्हें अच्छा बेटा बनने का मौका जो मिला था. लेकिन क्या याकूब मेमन पर सलमान के ट्वीट वापस लेने की बस इतनी ही वजह है?
शायद हां. शायद नहीं. सवाल का सही जवाब तो सलमान ही दे सकते हैं.
क्या डर गए सलमान
सलमान के पिता ही नहीं बल्कि मुंबई ब्लास्ट केस में याकूब को फांसी की सजा दिलाने वाले सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने भी सलमान को ट्वीट वापस लेने की सलाह दी थी. वैसे भी सलमान खान के ट्वीट सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की स्थिति उत्पन्न करने वाले थे.
इसके साथ ही महाराष्ट्र के एक नेता ने सलमान की जमानत रद्द करने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की भी बात कही थी. जहां तक कानूनी राय की बात है तो सलमान के पास तो एक से एक तेज तर्रार वकीलों की फौज है, निश्चित रूप से सलमान को उन्होंने भी याकूब ट्वीट के बारे में सलाह दी होगी.
सही बात है, सलमान खान सेलीब्रिटी हैं. उनकी लंबी चौड़ी फैन फॉलोविंग है. हिट एंड रन केस में सजा के एलान के वक्त मुंबई की सड़कों पर इसका नजारा देखा भी जा चुका है. लेकिन सलमान खान ये क्यों भूल जाते हैं कि वो खुद भी बेदाग तो नहीं हैं. जेल भले ही नहीं गए, पर छूटे तो सिर्फ जमानत पर ही हैं.
सलमान तो कहा करते थे, "एक बार जो कमिटमेंट कर दी, फिर तो मैं खुद की भी नहीं सुनता..."
अब अचानक भाईजान को क्या हो गया? सरमाया ही लुटा दिया. ले देकर एक कमिटमेंट ही तो था जिस पर उनके फैन नाज करते थे.
कभी कभी ऐसा क्यों लगता है सलमान ने अपने ट्वीट में जहां याकूब मेमन का नाम लिखा था, वहां कभी कसाब तो कभी अफजल गुरु का नाम नजर आ रहा था.
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